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मुख्यमंत्री बिरसा हरित ग्राम योजना का लाभुकों को नहीं हो रहा भुगतान

मुख्यमंत्री बिरसा हरित ग्राम योजना के लाभुकों की अनदेखी हो रही है. कोरोना काल में शुरू मुख्यमंत्री बिरसा हरित ग्राम योजना का लाभुकों को भुगतान नहीं हो रहा है.

beneficiaries being ignored of birsa harit gram yojna in ranchi
मुख्यमंत्री बिरसा हरित ग्राम योजना
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Published : Dec 4, 2020, 9:50 AM IST

रांचीः कोरोना काल में बिरसा हरित ग्राम योजना से लोगों को रोजगार देने की प्लानिंग की गई थी. इसके तहत वृक्षारोपण किया गया लॉकडाउन के दौरान गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार मिले. इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत बागवानी योजना चलाई गई थी. लेकिन यह योजना धरातल पर दम तोड़ती नजर आ रही है. रोजगार देने के नाम पर लोगों को काम तो कराया गया, उसकी राशि अब तक लाभुकों को मजदूरी नहीं मिल पायी है.

देखें पूरी खबर

राजधानी रांची के कांके प्रखंड के रड़हा पंचायत में बागवानी योजना के तहत अमर कुजूर को 50 डिसमिल में लगभग 48 पौधे बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत लगाया गया है. जिसके तहत जमीन के चारों ओर बांस से घेराबंदी करना, साथ ही पौधों के पटवन को लेकर एक व्यक्ति को प्रतिदिन रोजगार मुहैया कराना था. जिसके तहत लाभुक को बिरसा हरित योजना के तहत बागवानी कर उसका देखरेख में उत्पन्न करना. लेकिन लाभुक अमर कुजूर की मानें तो ना तो उनके खाते में योजना का पैसे आ रहे हैं और ना ही पटवन को लेकर जो रोजगार मिलना था, वह भी नहीं मिल रहा है. उनका कहना है कि अधिकारियों की ओर से उन्हें रोजगार देने के उद्देश्य से योजना तो दिला दिया गया लेकिन लाभ कहीं से भी नहीं मिल पा रहा है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड कोरोना अपडेट: संक्रमण के मामले 1 लाख 9 हजार के पार, वायरस ने ली 977 संक्रमितों की जान

झारखंड सरकार ने कोरोना काल में रोजगार मुहैया कराने के लिए बिरसा हरित ग्राम योजना शुरू की है. इसके तहत रैयतों को सिर्फ जमीन उपलब्ध करानी है. एक रैयत को कम से कम 50 डिसमिल जमीन देनी थी. इस जमीन पर खुदाई को लेकर रोजगार, बागवानी को लेकर पौधा और खाद सहित अन्य सामग्री राज्य सरकार की तरफ से मिलना है.

रांचीः कोरोना काल में बिरसा हरित ग्राम योजना से लोगों को रोजगार देने की प्लानिंग की गई थी. इसके तहत वृक्षारोपण किया गया लॉकडाउन के दौरान गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार मिले. इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत बागवानी योजना चलाई गई थी. लेकिन यह योजना धरातल पर दम तोड़ती नजर आ रही है. रोजगार देने के नाम पर लोगों को काम तो कराया गया, उसकी राशि अब तक लाभुकों को मजदूरी नहीं मिल पायी है.

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