रांची: झारखंड में प्रधानमंत्री स्वनिधि की सुस्त रफ्तार ने इस योजना का लाभ पाने के लिए लोगों को परेशान कर दिया है. कोरोना काल में पीएम मोदी ने स्ट्रीट वेंडरों के लिए इस महत्वकांक्षी योजना की शुरुआत कर 10 हजार का लोन तत्काल देने की व्यवस्था की थी, ताकि उनका जीवन और जीविका चलती रहे.
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बेरोजगारी की मार से मिली थी राहत
सड़क किनारे दुकान लगाकर किसी तरह जीवन और जीविका चलाने वाले स्ट्रीट वेंडरों के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना किसी संजीवनी से कम नहीं है. इसकी उपयोगिता का एहसास पिछले साल कोरोना के दौरान जारी लॉकडाउन के समय बेरोजगारी की मार झेल रहे हजारों दुकानदारों को हुआ था. 1 जून 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू की गई. इस योजना के तहत 10 हजार रुपए लोन के रुप में आर्थिक सहायता दी जाती है.
सरकारी उदासीनता
झारखंड में शुरुआती महिनों में इस योजना का लाभ लोगों को मिला, लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण नगर निगम कार्यालय में हजारों आवेदन अभी भी स्वीकृति की आस में पड़ा हुआ है. 10 अप्रैल 2021 तक झारखंड में पीएम स्वनिधि योजना के तहत राज्यभर में 43,567 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें 23,402 ही स्वीकृत हुए हैं, शेष लंबित पड़े हुए हैं. स्वीकृत आवेदनों में 21,577 आवेदकों को लाभ मिला है. सबसे ज्यादा धनबाद में इस योजना के लिए आवेदन मिले हैं, लेकिन स्वीकृति की अभाव में लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है.
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स्वनिधि योजना पर एक नजर
इस योजना के अंतर्गत शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों के आसपास सड़क किनारे दुकान लगाने वाले लोगों को लाभार्थी बनाया गया है. स्ट्रीट वेंडर सीधा 10 हजार रुपये तक का लोन लेकर इसका लाभ उठा सकते हैं, जिसे वो एक साल में मासिक किश्त में चुका सकते हैं. इस योजना के अंतर्गत 50 लाख से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाया जाना है. इस लोन को समय पर चुकाने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को सात फीसदी का वार्षिक ब्याज सब्सिडी के तौर पर उनके अकाउंट में सरकार की ओर से ट्रांसफर किया जाएगा.
जुर्माने का नहीं है कोई प्रावधान
इस योजना के जरिए लोगों की क्षमता को बढ़ाने और कोरोना संकट के समय कारोबार को नए सिरे से खड़ा कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने का काम करने की कोशिश की गई है.
किसे मिलता है स्वनिधि योजना का लाभ
स्वनिधि योजना का लाभ नाई, मोची, पान दुकानदार, धोबी, वेंडर (सब्जियां बेचने वाला) फल विक्रेता, स्ट्रीट फूड, चाय दुकानदार, ठेला या खोमचा लगाने वाले दुकानदार, ब्रेड, पकौड़े और अंडा बेचने वाले दुकानदार, फेरीवाले, किताब दुकानदार और कारीगर को मिलता है.
कहां से मिलता है लोन
इसके लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक और सहकारी बैंक से लोन मिलता हैं.
लोन लेने में होती है परेशानी
वैसे तो लोन वगैर कोई गारेंटर के मिलने का प्रावधान है, लेकिन बैंक और नगर निगम की ओर से आवेदनकर्ताओं को बेवजह दौड़ाए जाने से आवेदक परेशान हो रहे हैं. हालांकि शुरुआती दौर में कोरोना संकट के समय मिले सरकारी सहायता को आज भी लाभुक याद कर इस योजना की बड़ाई करते हुए नहीं थक रहे हैं. कोरोना काल में अपने पति का एक्सीडेंट के कारण आर्थिक संकट से जूझ रही किरण देवी आज भी उस पल को याद रखी हुई है, जब उसे 10 हजार रुपए का लोन मिला था. आज उसी पैसे के बल पर अपनी दुकान को मोरहाबादी में खड़ा करने में सफल रही किरण परिवार के साथ सुखीपूर्वक रह रही है.
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देशभर में 10 अप्रैल 2021 तक लाभ लेने के लिए प्राप्त आवेदनों की संख्या 4,135,145 है.
कुल स्वीकृत आवेदन - 2,390,961
लाभुकों की संख्या - 20,16,334
स्वीकृति राशि - 2,385.26 करोड़
राशि वितरित - 1,995.71 करोड़
बिहार में कुल आवेदन - 98501
स्वीकृत आवेदनों की संख्या - 43903
लाभुकों की संख्या - 26541
स्वीकृति राशि - 43.5 करोड़
राशि वितरित - 26.21 करोड़
झारखंड में पीएम स्वनिधि योजना का हाल
अब तक राज्यभर में आवेदन प्राप्त
43,567
स्वीकृत आवेदन - 23,402
लाभुकों की संख्या - 21,577
राशि स्वीकृत - 23.31 करोड़
राशि वितरित - 21.44 करोड़
रांची में प्राप्त कुल आवेदन - 4,470
कुल स्वीकृत आवेदन - 2753
लाभुकों की संख्या - 2443
राशि वितरित - 2.43 करोड़
धनबाद में अब तक आवेदन मिले - 6,494
कुल स्वीकृत आवेदन - 3,370
लाभुकों की संख्या - 3,079
राशि वितरित - 3.07 करोड़
राशि स्वीकृत - 3.36 करोड़
जमशेदपुर में कुल आवेदन - 4,034
कुल स्वीकृत आवेदन - 2401
लाभुकों की संख्या - 2,257
राशि वितरित - 2.25 करोड़