रांची: कोरोना के इस दौर में सभी परेशान हैं, कोरोना के मरीज संयम के साथ कोरोना को मात भी दे रहे हैं. इसी कड़ी में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के प्रशाखा पदाधिकारी अमरेन्द्र कुमार वर्मा के पूरे परिवार ने कोरोना को मात दी है और कहा है कि सकारात्मक सोच के साथ कोरोना को मात दे सकते हैं.
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पूरे परिवार को हुआ था कोरोना
अमरेन्द्र कुमार वर्मा ने 6 अप्रैल को कोविड टेस्ट कराया और 7 अप्रैल को कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद पल्स हॉस्पिटल से एम्बुलेंस बुला कर हॉस्पिटल में एडमिट हो गए. अस्पताल में रहते हुए ही पूरे परिवार की कोविड पॉजिटिव होने की सूचना मिली. इसके बाद डॉक्टर के बताई गई दवा का सेवन और चिकित्सीय परामर्श को अपनाते हुए पूरा परिवार होम आइसोलेशन में रहा. पल्स हॉस्पिटल में वर्मा की रिपोर्ट निगेटिव आने पर 11 अप्रैल को डिस्चार्ज कर दिया. जिसके बाद पूरे परिवार का भी कोविड टेस्ट रिपोर्ट 13 अप्रैल को निगेटिव पाया गया.
सकारात्मक सोच से पूरे परिवार ने कोरोना को हराया
अमरेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि शीघ्र चिकित्सा सुविधा का उन्हें लाभ मिला. इस दौरान पूरे परिवार के सकारात्मक सोच और संयम स्वास्थ्य सुरक्षा में मददगार साबित हुई. संकट की इस घड़ी में साथियों का आत्मबल बढ़ाने में मदद और सहयोग का बड़ा योगदान रहा है. जिसके बाद ही उन्होने कोरोना को मात दी.
बीएयू वैज्ञानिक के पति का कोरोना से निधन
वहीं बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के आनुवांशिकी और पौधा प्रजनन विभाग की वैज्ञानिक डॉ. सुप्रिया सुपल सुरिन के पति शिशिर कमल टोपनो का कोरोना से गुरुवार देर रात हेल्थ पॉइंट अस्पताल में निधन हो गया. उन्हें 5 दिन पहले अस्पताल में एडमिट किया गया था. शाम को अधिक खांसी और ऑक्सीजन लेवल में अधिक कमी से उन्होंने दम तोड़ दिया. 52 वर्षीय टोपनो मणिपुर के फर्टिलाइजर कारपोरेशन ऑफ इंडिया में असिस्टेंट जनरल मैनेजर के पद पर पदस्थापित थे. इससे पहले वे रांची में असिस्टेंट जनरल मैनेजर में कार्यरत थे.
बीएयू की निजी सहायिका के पति का कोरोना से निधन
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के निदेशालय प्रशासन में कार्यरत निजी सहायिका चिंतामणी मिंज के पति भरत उरांव का मंगलवार को कोरोना की वजह से निधन हो गया. 62 वर्षीय उरांव को रविवार को रिम्स में एडमिट कराया गया था. जहां उन्होंने ऑक्सीजन लेवल कम होने से दम तोड़ दिया. वे रांची रेलवे सेवा से साल 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे.