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झारखंड में भी बैंक हड़ताल का असर, जानिए कहां कितना हुआ नुकसान

पूरे देश के साथ-साथ झारखंड के भी सभी सरकारी बैंक के कर्मचारी और अधिकारियों ने दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल का समर्थन किया. इस दौरान सभी ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सराकर के बैंक निजीकरण के फैसले पर विरोध जताया.

bank workers strike against bank privatization in ranchi
राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल का समर्थन
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Published : Mar 15, 2021, 3:34 PM IST

Updated : Mar 15, 2021, 5:00 PM IST

रांची: पूरे देश के साथ-साथ झारखंड के भी सभी सरकारी बैंक कर्मचारी और अधिकारियों ने सोमवार से दो दिनों की हड़ताल का समर्थन किया. बैंक के निजीकरण के विरोध में बैंक यूनियन के आवाहन पर रांची समेत राज्य के विभिन्न जिलों में भी बैंक कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया है.

इसे भी पढ़ें- जामताड़ा में प्राइवेटाइजेशन का विरोध, बैंक बंद रहने से लोगों की बढ़ी परेशानी

रांची में आमजन को हो रही परेशानी
बैंक यूनियन की हड़ताल को समर्थन देने पहुंचे सरकारी बैंक के कर्मचारियों ने बताया कि केंद्र संगठन के आवाह्नन पर झारखंड में भी दो दिनों तक सभी सरकारी बैंक बंद रहेंगे, जिस प्रकार से बैंकों का निजीकरण हो रहा है, इससे सिर्फ बैंक कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि आम लोगों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. क्योंकि केसीसी, मुद्रा लोन, केवाईसी सहित विभिन्न सरकारी कागजात बैंकों से ही बनते हैं. ऐसे में बैंकों का निजीकरण हो जाता है तो सिर्फ सरकारी बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों को ही नहीं बल्कि लोगों को सभी सरकारी सुविधाएं भी मिलना बंद हो जाएगी.

वहीं, कर्मचारियों ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो अपने केंद्र संगठन के आवाहन पर हम लोग आने वाले समय में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे, जिसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ सरकार होगी.

रांची में बैंक निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन


धनबाद में बैंक की 250 शाखा बंद
केंद्र सरकार की ओर से दो राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण करने के निर्णय के विरोध में आज पुरे देश में विभिन्न संगठनों की ओर से दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की गई है. जिसका व्यापक असर धनबाद में भी देखने को मिला. धनबाद एसबीआई मुख्य शाखा के समक्ष सैकड़ों की संख्या में हड़ताली बैंक कर्मी जुटे और सरकार के फैसले का जमकर विरोध किया. इस दौरान कर्मियों ने कहा की सरकार बैंकों का निजीकरण कर इन्हें कॉर्पोरेट घराने को देने की फिराक में है, जो बैंकों में कार्यरत कर्मियों के अलावा आम जनता के भी हित में नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा की इस दो दिवसीय हड़ताल में धनबाद की लगभग 250 शाखा बंद रहेंगी. साथ ही 500 करोड़ रुपये का प्रतिदिन लेन देन प्रभावित होगा और अगर सरकार निजीकरण के फैसले को वापस नहीं लेती है, आगे भी आंदोलन जारी रहेगा.

धनबाद में बैंक कर्मियों की हड़ताल

जमशेदपुर में 2 हजार करोड़ का ट्रांजक्शन प्रभावित
केंद्र सरकार की ओर से बैंकों के निजीकरण किए जाने के विरोध में बैंक एंपलाई लगातार आंदोलन कर रहे हैं. बैंक कर्मचारियों का संयुक्त संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आवाहन पर पूरे देश में बैंक कर्मी 15 और 16 मार्च हड़ताल पर है. जमशेदपुर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के संयोजक ने बताया कि बैंकों में कामकाज ठप्प होने से कोल्हान में एक दिन में 2 हजार करोड़ का ट्रांजक्शन प्रभावित होंगा. अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.

bank workers strike against bank privatization in ranchi
जमशेदपुर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन की हड़ताल

इसे भी पढ़ें- गिरिडीह में दो दिन की हड़ताल पर बैंककर्मी, 150 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित

चाईबासा में भी विरोध-प्रदर्शन
केंद्र सरकार की ओर से बैंकों के निजीकरण किए जाने के विरोध में आहुत दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल का चाईबासा में भी असर दिखा. बैंककर्मियों ने बैंक बंद कर शहर में जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन चाईबासा की ओर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर चाईबासा शहर में जुलूस निकाल कर सरकार विरोधी नारे लगाए गए. इसके साथ ही सरकार से यह मांग भी की गई कि सरकार अपना फैसला बदले और जो बैंकों का निजीकरण किया जा रहा है उस फैसले को वापस ले, यदि सरकार अपना निर्णय नहीं बदलती है तो यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल करेगा.

bank workers strike against bank privatization in ranchi
चाईबासा में बैंककर्मियों का प्रदर्शन

कोडरमा में 75 करोड़ के नुकसान का अनुमान
कोडरमा में बैंककर्मियों के दो दिवसीय हड़ताल के कारण व्यवसायिक गतिविधियां प्रभावित होने लगी हैं. झुमरीतिलैया के बैंक ऑफ इंडिया के बाहर सभी सरकारी बैंक के अधिकारी और कर्मचारी धरने पर बैठे हैं. हड़ताल के जरिए अपनी मांगों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. दो दिवसीय हड़ताल के कारण तकरीबन 75 करोड़ का व्यवसाय प्रभावित होने की संभावना है. अलग-अलग बैंक के शाखा के लोग धरने पर बैठ कर दो दिवसीय हड़ताल को समर्थन दे रहे हैं. इस दौरान जिले के विभिन्न बैंकों में पूरी तरह से ताला लटका हुआ है, वहीं कई एटीएम के शटर भी गिरे हुए हैं.

bank workers strike against bank privatization in ranchi
कोडरमा में बैंकों में लटका ताला

रामगढ़ में जुलूस
यूनाइटेड फोरम बैंक यूनियंस के बैनर तले रामगढ़ जिले के भी सभी बैंकों में ताले लगे हुए हैं और बैंक कर्मी सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान इन्होंने वित्त मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. रामगढ़ में भी बैंक पूरी तरह से बंद हैं. रामगढ़ जिले में बैंककर्मियों ने बैंकों से निकलकर सड़क पर जुलूस निकाला और सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में बैंकों का निजीकरण नहीं होने देंगे.

bank workers strike against bank privatization in ranchi
रामगढ़ में वित्त मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी

रांची: पूरे देश के साथ-साथ झारखंड के भी सभी सरकारी बैंक कर्मचारी और अधिकारियों ने सोमवार से दो दिनों की हड़ताल का समर्थन किया. बैंक के निजीकरण के विरोध में बैंक यूनियन के आवाहन पर रांची समेत राज्य के विभिन्न जिलों में भी बैंक कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया है.

इसे भी पढ़ें- जामताड़ा में प्राइवेटाइजेशन का विरोध, बैंक बंद रहने से लोगों की बढ़ी परेशानी

रांची में आमजन को हो रही परेशानी
बैंक यूनियन की हड़ताल को समर्थन देने पहुंचे सरकारी बैंक के कर्मचारियों ने बताया कि केंद्र संगठन के आवाह्नन पर झारखंड में भी दो दिनों तक सभी सरकारी बैंक बंद रहेंगे, जिस प्रकार से बैंकों का निजीकरण हो रहा है, इससे सिर्फ बैंक कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि आम लोगों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. क्योंकि केसीसी, मुद्रा लोन, केवाईसी सहित विभिन्न सरकारी कागजात बैंकों से ही बनते हैं. ऐसे में बैंकों का निजीकरण हो जाता है तो सिर्फ सरकारी बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों को ही नहीं बल्कि लोगों को सभी सरकारी सुविधाएं भी मिलना बंद हो जाएगी.

वहीं, कर्मचारियों ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो अपने केंद्र संगठन के आवाहन पर हम लोग आने वाले समय में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे, जिसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ सरकार होगी.

रांची में बैंक निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन


धनबाद में बैंक की 250 शाखा बंद
केंद्र सरकार की ओर से दो राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण करने के निर्णय के विरोध में आज पुरे देश में विभिन्न संगठनों की ओर से दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की गई है. जिसका व्यापक असर धनबाद में भी देखने को मिला. धनबाद एसबीआई मुख्य शाखा के समक्ष सैकड़ों की संख्या में हड़ताली बैंक कर्मी जुटे और सरकार के फैसले का जमकर विरोध किया. इस दौरान कर्मियों ने कहा की सरकार बैंकों का निजीकरण कर इन्हें कॉर्पोरेट घराने को देने की फिराक में है, जो बैंकों में कार्यरत कर्मियों के अलावा आम जनता के भी हित में नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा की इस दो दिवसीय हड़ताल में धनबाद की लगभग 250 शाखा बंद रहेंगी. साथ ही 500 करोड़ रुपये का प्रतिदिन लेन देन प्रभावित होगा और अगर सरकार निजीकरण के फैसले को वापस नहीं लेती है, आगे भी आंदोलन जारी रहेगा.

धनबाद में बैंक कर्मियों की हड़ताल

जमशेदपुर में 2 हजार करोड़ का ट्रांजक्शन प्रभावित
केंद्र सरकार की ओर से बैंकों के निजीकरण किए जाने के विरोध में बैंक एंपलाई लगातार आंदोलन कर रहे हैं. बैंक कर्मचारियों का संयुक्त संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आवाहन पर पूरे देश में बैंक कर्मी 15 और 16 मार्च हड़ताल पर है. जमशेदपुर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के संयोजक ने बताया कि बैंकों में कामकाज ठप्प होने से कोल्हान में एक दिन में 2 हजार करोड़ का ट्रांजक्शन प्रभावित होंगा. अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.

bank workers strike against bank privatization in ranchi
जमशेदपुर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन की हड़ताल

इसे भी पढ़ें- गिरिडीह में दो दिन की हड़ताल पर बैंककर्मी, 150 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित

चाईबासा में भी विरोध-प्रदर्शन
केंद्र सरकार की ओर से बैंकों के निजीकरण किए जाने के विरोध में आहुत दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल का चाईबासा में भी असर दिखा. बैंककर्मियों ने बैंक बंद कर शहर में जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन चाईबासा की ओर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर चाईबासा शहर में जुलूस निकाल कर सरकार विरोधी नारे लगाए गए. इसके साथ ही सरकार से यह मांग भी की गई कि सरकार अपना फैसला बदले और जो बैंकों का निजीकरण किया जा रहा है उस फैसले को वापस ले, यदि सरकार अपना निर्णय नहीं बदलती है तो यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल करेगा.

bank workers strike against bank privatization in ranchi
चाईबासा में बैंककर्मियों का प्रदर्शन

कोडरमा में 75 करोड़ के नुकसान का अनुमान
कोडरमा में बैंककर्मियों के दो दिवसीय हड़ताल के कारण व्यवसायिक गतिविधियां प्रभावित होने लगी हैं. झुमरीतिलैया के बैंक ऑफ इंडिया के बाहर सभी सरकारी बैंक के अधिकारी और कर्मचारी धरने पर बैठे हैं. हड़ताल के जरिए अपनी मांगों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. दो दिवसीय हड़ताल के कारण तकरीबन 75 करोड़ का व्यवसाय प्रभावित होने की संभावना है. अलग-अलग बैंक के शाखा के लोग धरने पर बैठ कर दो दिवसीय हड़ताल को समर्थन दे रहे हैं. इस दौरान जिले के विभिन्न बैंकों में पूरी तरह से ताला लटका हुआ है, वहीं कई एटीएम के शटर भी गिरे हुए हैं.

bank workers strike against bank privatization in ranchi
कोडरमा में बैंकों में लटका ताला

रामगढ़ में जुलूस
यूनाइटेड फोरम बैंक यूनियंस के बैनर तले रामगढ़ जिले के भी सभी बैंकों में ताले लगे हुए हैं और बैंक कर्मी सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान इन्होंने वित्त मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. रामगढ़ में भी बैंक पूरी तरह से बंद हैं. रामगढ़ जिले में बैंककर्मियों ने बैंकों से निकलकर सड़क पर जुलूस निकाला और सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में बैंकों का निजीकरण नहीं होने देंगे.

bank workers strike against bank privatization in ranchi
रामगढ़ में वित्त मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी
Last Updated : Mar 15, 2021, 5:00 PM IST
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