रांची: 17 फरवरी को जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी पार्टी का विलय बीजेपी में कर रहे हैं, तो वहीं पार्टी से निष्कासित विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव ने रविवार को कांग्रेस में पार्टी के विलय की घोषणा कर एक नया मोड़ ला दिया है. ऐसे में अब झारखंड विकास मोर्चा पार्टी किसकी है, यह एक अहम सवाल खड़ा हो गया है, क्योंकि जहां बाबूलाल मरांडी की तरफ कार्यकारी सदस्य की संख्या मजबूत है, तो वही बंधु तिर्की और प्रदीप यादव पार्टी के विलय के लिए दो तिहाई विधायक के नियम को पूरा कर रहे हैं.
जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने नई कार्यकारिणी समिति का गठन कर पार्टी के बीजेपी में विलय का प्रस्ताव रखा था, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया था और 17 फरवरी को बीजेपी में विलय के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. ऐसे में पार्टी से निष्कासित विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव ने पार्टी के सभी जिलों से आए कार्यकर्ताओं के साथ बनहोरा स्थित आवास में कार्यसमिति के सदस्य रामदिवस जयसवाल की अध्यक्षता में बैठक की, जिसमें पार्टी के पदाधिकारियों ने अपने विचार रखे. बैठक में जेवीएम के कांग्रेस में विलय का प्रस्ताव रखा गया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर लिया गया है. इस पर दोनों विधायकों ने सहमति दी है.
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ऐसे में अब झारखंड विकास मोर्चा दो गुटों में नजर आ रहा है. बाबूलाल मरांडी गुट के बीजेपी में विलय की तैयारी जोरों पर है, तो वहीं बंधु तिर्की और प्रदीप यादव गुट ने पार्टी के कांग्रेस में विलय की आधिकारिक घोषणा भी कर दी है. इसको लेकर विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि पार्टी के सभी जिले से आए कार्यकर्ताओं और कार्यकारिणी के पदाधिकारी ने वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए सर्वसम्मति से निर्णय लिया है, कि पार्टी का कांग्रेस में विलय किया जाए, जिसका दोनों विधायकों ने समर्थन किया है. जिसकी जानकारी कांग्रेस के आलाकमान को भेज दी जाएगी.