रांची: जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष से 23 अक्टूबर को बीजेपी में शामिल होने वाले विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है. उनका मानना है कि पांचों विधायक को स्वतः विधानसभा की सदस्यता से त्याग-पत्र देकर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करनी चाहिए थी, ताकि लोकतांत्रिक मर्यादा बची रहे.
दरअसल, 23 अक्टूबर को मुख्यमंत्री रघुवर दास, प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ, झारखंड के सह-प्रभारी नंद किशोर यादव और सांसद जयंत सिन्हा की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थामने वाले कांग्रेस, झामुमो और नौजवान संघर्ष मोर्चा के विधायक सुखदेव भगत, मनोज यादव, जयप्रकाश भाई पटेल, कुणाल षाड़ंगी और भानू प्रताप शाही ने अबतक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है. जिसे लेकर बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा अध्यक्ष से इन सभी की सदस्यता रद्द करने की मांग की है.
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बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि 5 दिन बीत जाने के बाद भी इन विधायकों ने इस्तीफा नहीं दिया है. जो गिरते लोकतांत्रिक मूल्यों को दर्शाती है. उन्होंने कहा है कि ये दल-बदल निरर्हता संबंधित 10वीं अनुसूची के अंतर्गत आता है.
वहीं, बाबूलाल मरांडी की उपस्थिति में लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के भूतपूर्व सैनिक रसका हेंब्रम ने जेवीएम का दामन थाम लिया है. रसका हेंब्रम के साथ अमरापाड़ा के साहेबधन मरांडी और विष्णु प्रसाद भगत, हिरणपुर के भूतपूर्व सैनिक बाबूधन मरांडी ने भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है. इस दौरान मरांडी ने सभी का स्वागत करते हुए उन्हें संगठन के कार्य में जुट जाने का निर्देश दिया है.