जामताड़ा: भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने वर्तमान की हेमंत सरकार पर कड़ा प्रहार किया है (Babulal Marandi attacked Hemant Sarkar). उन्होंने हेमंत सरकार के 1932 के खतियान लागू किए जाने के फैसले (Hemant Sarkar decision on 1932 Khatian) को झुनझुना बताया है. इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष पर सरकार की कठपुतली होने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्पीकर हेमंत सोरेन के इशारे पर काम करते हैं.
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हेमंत सरकार पर तीखा प्रहार: बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भाजपा जनता की भावनाओं के अनुरूप काम करती है. राज्य बनने के बाद जब वह पहले मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति बनाया था, लेकिन कानून ने इसे नहीं माना. अब हेमंत सरकार ने 1932 के खतियान पर फैसला तो लिया है लेकिन, उसमें नियोजन नीति नहीं जोड़ा और दिल्ली भेजने की बात कर रहे हैं. बाबूलाल मरांडी ने सरकार से सवाल किया कि हेमंत सोरेन को जनता से किया वादा पूरा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार झारखंड और यहां की जनता की हित के लिए नहीं बल्कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए काम कर रही है. यही कारण है कि आनन-फानन में सरकार फैसले ले रही है.
विधानसभा अध्यक्ष पर लगाया आरोप: बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा अध्यक्ष पर सवाल खड़ा कर दिया है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर सरकार की कठपुतली होने और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उनके मामले में विधानसभा अध्यक्ष की ओर से 6 माह बाद नोटिस दिया जाता है. जिसका चैलेंज हाई कोर्ट में करने के बाद अदालत से उन्हें फटकार लगाई गई. मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी फटकार लगाई गई. बाबूलाल मरांडी ने कहा विधानसभा अध्यक्ष की नीयत साफ नहीं है. वे कमजोर विधायक हैं, जो अपने विवेक से कोई काम नहीं करते हैं. ऐसे विधानसभा अध्यक्ष से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है. मालूम हो बाबूलाल मरांडी संथाल दौरा करने के दौरान जामताड़ा पहुंचे थे. जहां उन्होंने बिंदापाथर में पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया था और ये बातें कही थी.