रांची: प्रदेश बीजेपी के विधायक दल के नेता के रूप में बाबूलाल मरांडी के चुने जाने के बाद सत्ता में शामिल कांग्रेस पार्टी का मानना है कि इससे झारखंड की राजनीति पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. बाबूलाल मरांडी का नेता प्रतिपक्ष होना गठबंधन सरकार के लिए कोई चुनौती नहीं है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष और जेवीएम के बीजेपी में विलय को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को निर्णय लेना है.
बाबूलाल मरांडी के बीजेपी में जाने के बाद से ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई थी. वहीं, अब वह विधायक दल के नेता चुने गए हैं, लेकिन जिस तरह से जेवीएम के बीजेपी में विलय को कांग्रेस ने तकनीकी रूप से सही नहीं बताया है. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सोमवार को कहा कि जेवीएम का बीजेपी में विलय सही मायने में हुआ है या नहीं यह कानून के तहत तय होगा.
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वहीं, बाबूलाल ने रविवार को रामेश्वर उरांव को विद्वान कहा था. इस बयान के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो उन्होंने पढ़ा है, उसी के आधार पर विलय को लेकर सवाल उठाए हैं.
वहीं, प्रदेश कांग्रेस के विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि बाबूलाल का नेता प्रतिपक्ष बनना गठबंधन सरकार के लिए कोई चुनौती नहीं है. उन्होंने कहा कि सही मायने में जेवीएम का विलय बीजेपी में या कांग्रेस में हुआ है, इसका फैसला विधानसभा अध्यक्ष को लेना है.