रांची: सेना जमीन घोटाला मामले के आरोपी दिलीप घोष को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. जमीन घोटाला मामले में दिलीप घोष पहला शख्स होगा, जो जमानत पर जेल से बाहर आएगा. इसको फर्जी कागजात के जरिए सेना की 4.55 एकड़ जमीन लेने और मनी लांड्रिंग करने के मामले में ईडी ने जून माह में कोलकाता से गिरफ्तार किया था.
राजधानी रांची के बरियातू स्थित इस जमीन को जगत बंधु टी स्टेट प्रा.लि. के मालिक दिलीप घोष और कारोबारी अमित अग्रवाल ने लिया था. इस जमीन की सरकारी कीमत 20 करोड़ से ज्यादा थी. लेकिन इसे महज करीब 7 करोड़ में खरीदा गया था. इस जमीन को फर्जी मालिक बनकर प्रदीप बागची नाम के शख्स ने बेचा था. लेकिन जांच में पाया गया कि फर्जी मालिक प्रदीप बागची के खाते में महज 25 लाख रु. पहुंचे थे. रजिस्ट्री पेपर पर शेष राशि का जो जिक्र किया गया था, उसमें घालमेल पाया गया था.
इस मामले में रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन, कारोबारी अमित अग्रवाल, प्रदीप बागची समेत अफसर अली, इम्तियाज खान जैसे कई जालसाज लंबे समय से जेल में बंद हैं. आपको बता दें कि प्रदीप बागची ने फर्जी कागजात पर सेना की इस जमीन का होल्डिंग नंबर भी ले लिया था. इसके खिलाफ नगर निगम के पदाधिकारी ने बरियातू थाना में एफआईआर दर्ज करवाया था. उसी एफआईआर को टेकओवर कर ईडी ने ईसीआईआर दर्ज कर जांच के बाद कार्रवाई की थी.
दरअसल, सेना की जमीन के खतियानी रैयत प्रमोद नाथ दास गुप्ता था. उनके निधन के बाद उत्तराधिकारी के तौर पर यह जमीन मालती राव कर्नाड को मिली थी. 1943 से यह जमीन सेना के पास लीज पर थी. बाद में इस जमीन की मालिक मालती राव के पुत्र जयंत कर्नाड बन गये थे. इस जमीन को लेकर कोर्ट में भी लंबे समय तक मामला चला था. लेकिन बाद में प्रदीप बागची फर्जी मालिक बन बैठा.
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