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अर्जुन मुंडा ने ट्राईफेड के वन धन इंटर्नशिप प्रोग्राम को किया लॉन्च, 18 बच्चों को दी जाएगी ट्रेनिंग

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Published : Oct 16, 2019, 7:14 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 8:23 PM IST

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने आदिवासी समुदायों के हित के लिए ट्राईफेड के वन धन इंटर्नशिप प्रोग्राम को लॉन्च किया, जिसमें पूरे देश से 18 बच्चों का चयन किया गया है. यह सभी बच्चे काम सीखेंगे और गांव जाकर लोगों को किस तरह से काम करना है और काम करते वक्त किन चीजों का ध्यान रखना है इसकी जानकारी देंगे.

ट्राईफेड के वन धन इंटर्नशिप प्रोग्राम लॉन्च

नई दिल्ली: केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने ट्राईफेड के वन धन इंटर्नशिप प्रोग्राम को लॉन्च किया है. पूरे देश भर से इसके लिए 18 बच्चों का चयन किया गया है. भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन संघ (TRIFED) आदिवासी कल्याण मंत्रालय के द्वारा संचालित किया जाता है.

देखें पूरी खबर

साल 1987 में TRIFED की स्थापना की गई थी, यह आदिवासियों के जंगल से इकट्ठा किए गए या उनके बनाए गए उत्पादों को बाजार में सही दामों पर बिकवाने की व्यवस्था करता है. अगर उत्पादों की कीमत में उतार-चढ़ाव होता है तो TRIFED कृषि मंत्रालय से जनजातियों के लिए मुआवजे की व्यवस्था करता है.

इसे भी पढ़ें:- रांची: ऐतिहासिक मुड़मा मेला का समापन, CM ने कहा-आदिवासी संस्कृति और परंपरा पर गर्व

TRIFED आदिवासियों को इस बात का आश्वासन देता है कि उनके उत्पादों के प्राथमिक प्रसंस्करण, भंडारण और परिवहन के लिए उचित साधनों की व्यवस्था की जाएगी.

व्यवसायिकों को बिचौलियों से बचाता है
TRIFED व्यवसायिक बिचौलियों से भी आदिवासियों को बचाता है, क्योंकि बिचौलिए आदिवासियों से कम दामों पर उत्पाद खरीद लेते हैं और उन्हें बाजार में ज्यादा दामों पर बेचकर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं.

इसे भी पढ़ें:- राज्य कर्मियों को मिली सरकार की ओर से खुशियों की सौगात, डीए 12% से बढ़कर किया गया 17%

जनजातीय समुदाय के विकास के लिए किया गया लॉन्च
वन धन योजना जनजातीय समुदाय का कौशल विकास करने के लिए लॉन्च किया गया था, इसके लिए आदिवासी बहुल गांव में मूल्य संवर्धन केंद्र भी खोले गए, इन केंद्रों को वन धन विकास केंद्र का नाम दिया गया. इसमें अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों को यह प्रशिक्षण दिया जाता है, कि वह उन छोटे वन उत्पादों की कीमत कैसे बढ़ाएं जिन्हें वे इकट्ठा कर मामूली कीमत पर बेचते हैं.

वन धन विकास केंद्र के जरिए इन लोगों के बनाए प्रोडक्ट की पैकेजिंग और मार्केटिंग की जाती है. वन धन योजना को जनजातीय लोगों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से लागू किया गया था.

ट्राईफेड के वन धन इंटर्नशिप प्रोग्राम लॉन्च

पूरे देश से 18 बच्चों का चयन
पूरे देश भर से वन धन इंटर्नशिप प्रोग्राम के लिए 18 बच्चों का चयन किया गया है, बच्चे काम सीखेंगे और गांव में जाकर लोगों को बताएंगे कि किस तरह से काम करना है और काम करते वक्त किन चीजों का ध्यान रखना है. यह बच्चे आदिवासियों की मदद करेंगे कि इंटरप्रोयोनर कैसे बनना है, यह बच्चे फिल्ड में जाकर वन धन योजना पर किस तरह काम होता है यह भी देखेंगे. इंस्टीट्यूट्स ऑफ रूरल मैनेजमेंट, इंस्टीट्यूट्स ऑफ सोशल वर्क के जो संस्थान हैं वहां से ये बच्चे इंटर्नशिप के लिए आए हैं.

नई दिल्ली: केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने ट्राईफेड के वन धन इंटर्नशिप प्रोग्राम को लॉन्च किया है. पूरे देश भर से इसके लिए 18 बच्चों का चयन किया गया है. भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन संघ (TRIFED) आदिवासी कल्याण मंत्रालय के द्वारा संचालित किया जाता है.

देखें पूरी खबर

साल 1987 में TRIFED की स्थापना की गई थी, यह आदिवासियों के जंगल से इकट्ठा किए गए या उनके बनाए गए उत्पादों को बाजार में सही दामों पर बिकवाने की व्यवस्था करता है. अगर उत्पादों की कीमत में उतार-चढ़ाव होता है तो TRIFED कृषि मंत्रालय से जनजातियों के लिए मुआवजे की व्यवस्था करता है.

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TRIFED आदिवासियों को इस बात का आश्वासन देता है कि उनके उत्पादों के प्राथमिक प्रसंस्करण, भंडारण और परिवहन के लिए उचित साधनों की व्यवस्था की जाएगी.

व्यवसायिकों को बिचौलियों से बचाता है
TRIFED व्यवसायिक बिचौलियों से भी आदिवासियों को बचाता है, क्योंकि बिचौलिए आदिवासियों से कम दामों पर उत्पाद खरीद लेते हैं और उन्हें बाजार में ज्यादा दामों पर बेचकर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं.

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जनजातीय समुदाय के विकास के लिए किया गया लॉन्च
वन धन योजना जनजातीय समुदाय का कौशल विकास करने के लिए लॉन्च किया गया था, इसके लिए आदिवासी बहुल गांव में मूल्य संवर्धन केंद्र भी खोले गए, इन केंद्रों को वन धन विकास केंद्र का नाम दिया गया. इसमें अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों को यह प्रशिक्षण दिया जाता है, कि वह उन छोटे वन उत्पादों की कीमत कैसे बढ़ाएं जिन्हें वे इकट्ठा कर मामूली कीमत पर बेचते हैं.

वन धन विकास केंद्र के जरिए इन लोगों के बनाए प्रोडक्ट की पैकेजिंग और मार्केटिंग की जाती है. वन धन योजना को जनजातीय लोगों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से लागू किया गया था.

ट्राईफेड के वन धन इंटर्नशिप प्रोग्राम लॉन्च

पूरे देश से 18 बच्चों का चयन
पूरे देश भर से वन धन इंटर्नशिप प्रोग्राम के लिए 18 बच्चों का चयन किया गया है, बच्चे काम सीखेंगे और गांव में जाकर लोगों को बताएंगे कि किस तरह से काम करना है और काम करते वक्त किन चीजों का ध्यान रखना है. यह बच्चे आदिवासियों की मदद करेंगे कि इंटरप्रोयोनर कैसे बनना है, यह बच्चे फिल्ड में जाकर वन धन योजना पर किस तरह काम होता है यह भी देखेंगे. इंस्टीट्यूट्स ऑफ रूरल मैनेजमेंट, इंस्टीट्यूट्स ऑफ सोशल वर्क के जो संस्थान हैं वहां से ये बच्चे इंटर्नशिप के लिए आए हैं.

Intro:अर्जुन मुंडा ने ट्राईफेड के वन धन internship प्रोग्राम को किया लॉन्च

नयी दिल्ली- केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने ट्राईफेड के वन धन internship प्रोग्राम को लॉन्च किया. पूरे देश भर से वन धन internship प्रोग्राम के लिए 18 बच्चों का चयन किया गया है. भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन संघ (TRIFED) आदिवासी कल्याण मंत्रालय के द्वारा संचालित किया जाता है.


Body:साल 1987 में TRIFED की स्थापना की गई थी, यह आदिवासियों के द्वारा जंगल से इकट्ठा किए गए या उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों को बाजार में सही दामों पर बिकवाने की व्यवस्था करता है. यदि उत्पादों की कीमत में उतार-चढ़ाव होता है तो TRIFED कृषि मंत्रालय से जनजातियों के लिए मुआवजे की व्यवस्था करता है

TRIFED द्वारा आदिवासियों को इस बात का आश्वासन दिया जाता है कि उनके उत्पादों के प्राथमिक प्रसंस्करण, भंडारण और परिवहन के लिए उचित साधनों की व्यवस्था की जाएगी.

TRIFED व्यवसायिक बिचौलियों से भी आदिवासियों को बचाता है क्योंकि बिचौलिए आदिवासियों से कम दामों पर उत्पाद खरीद लेते हैं और उन्हें बाजार में ज्यादा दामों पर बेचकर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं




Conclusion:वन धन योजना जनजातीय समुदाय का कौशल विकास करने के लिए लॉन्च किया गया था, इसके लिए आदिवासी बहुल गांव में मूल्य संवर्धन केंद्र भी खोले गए, इन केंद्रों को वन धन विकास केंद्र का नाम दिया गया, इसमें अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों को यह प्रशिक्षण दिया जाता है कि वह उन छोटे वन उत्पादों की कीमत कैसे बढ़ाएं जिन्हें वे इकट्ठा कर मामूली कीमत पर बेचते हैं

वन धन विकास केंद्र के जरिए इन लोगों के बनाए प्रोडक्ट की पैकेजिंग और मार्केटिंग की जाती है. वन धन योजना को जनजाति लोगों के पढ़ाने के उद्देश्य से लागू किया गया था.

पूरे देश भर से वन धन internship प्रोग्राम के लिए 18 बच्चों का चयन किया गया है, बच्चे काम सीखेंगे और गांव में जाकर लोगों को बताएंगे भी कि किस तरह से काम करना है और काम करते वक्त किन चीजों का ध्यान रखना है
Last Updated : Oct 16, 2019, 8:23 PM IST

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