रांची: झारखंड में सरकार गिराने की साजिश से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में रांची के अरगोड़ा थानेदार विनोद कुमार ईडी के सवालों का जबाब देने शुक्रवार को नहीं पहुंचे. ईडी ने उन्हें समन भेजा था, लेकिन अरगोड़ा थानेदार ईडी के समन पर एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए.
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वरीय अधिकारियों का मंतव्य मिलने पर होंगे उपस्थित: अरगोड़ा थानेदार ने ईडी को जानकारी दी कि इस मामले में वरीय अफसरों के मंतव्य मिलने के बाद वह एजेंसी के समक्ष उपस्थित होंगे. वहीं रांची पुलिस ने अरगोड़ा थानेदार को समन मिलने की जानकारी पुलिस मुख्यालय को दी है. इस मामले में पुलिस मुख्यालय भी गृह विभाग से पत्राचार करेगा. उच्च अधिकारियों की सहमति के बाद ही थानेदार को एजेंसी के समक्ष भेजा जाएगा. इस मामले में अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है.
जीरो एफआईआर को लेकर भेजा नोटिस: झारखंड सरकार गिराने की साजिश से जुड़े कैश कांड में ईडी ने अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार का बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था. अरगोड़ा में इस मामले में जीरो एफआईआर दर्ज हुआ था. इस मामले में ईडी कांग्रेस से निलंबित तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाडी से पहले ही पूछताछ कर चुकी है. जानकारी के अनुसार ईडी ने तीनों निलंबित विधायकों से पूछताछ के बाद ही अरगोड़ा थानेदार को तलब किया था.
अरगोड़ा थाना में दर्ज एफआईआर को ही जीरो एफआईआर कर हावड़ा पुलिस को भेजा गया था. जिसके बाद तीनों विधायकों को सरकार गिराने की साजिश से जुड़े केस में जेल भेज दिया गया था. ईडी इस बात की पड़ताल कर रही है कि किसके आदेश से अरगोड़ा थाने में दर्ज केस को जीरो एफआईआर में तब्दील कर बंगाल पुलिस को भेजा गया था. ईडी को इस मामले में जीरो एफआईआर को लेकर जानकारी हासिल करनी थी.
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क्या है पूरा मामला: दरअसल 30 जुलाई को कोलकाता में झारखंड कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी को 48 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में कांग्रेस विधायक अनूप सिंह के बयान पर रांची के अरगोड़ा थाना में जीरो एफआईआर 31 जुलाई को दर्ज किया गया था. जिसके बाद तीनों विधायकों को बंगाल पुलिस ने जेल भेज दिया था. इसके बाद इस मामले में कोलकाता पुलिस की सीआईडी मामले की जांच कर रही थी. ईडी ने इस मामले में 9 नवंबर को ईसीआईआर दर्ज कर मनी लाउंड्रिंग के मामलों की जांच शुरू की है.
अनूप सिंह ने दो बार सरकार गिराने की साजिश से जुड़ा केस कराया दर्ज: अनूप सिंह ने दो बार झारखंड में सरकार गिराने की कोशिश और कांग्रेसी विधायकों के खरीद फरोख्त को लेकर शिकायत दर्ज करायी थी. 31 जुलाई को अरगोड़ा थाना में जीरो एफआईआर दर्ज कराने के पूर्व 21 जुलाई 2021 को भी सरकार गिराने की साजिश से जुड़ा केस दर्ज कराया था. इस मामले में कोतवाली पुलिस ने तीन युवकों को होटल ली लैक से गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजा था. हालांकि तब किसी के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं की गई थी.
दो विधायकों का भी हो सकता है बयान दर्ज: ईडी ने इस मामले में कांग्रेस के सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा और मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की का भी बयान दर्ज करने का फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक, सरकार गिराने की साजिश और प्रलोभन का आरोप दोनों विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लगाया था. ऐसे में इन दोनों विधायकों का पक्ष भी ईडी अपने अनुसंधान में लेगी.