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दिवंगत कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो के अंतिम संस्कार की तारीख तय, सीएम ने कहा- उनका निधन हमारे लिए व्यक्तिगत क्षति

दिवंगत कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो के निधन से ईसाई समाज में शोक की लहर है. इस बीच आर्च बिशप फादर फेलिक्स ने सीएम से मुलाकात की और उन्हें ये जानकारी दी कि दिवंगत कार्डिनल का अंतिम संस्कार 11 अक्टूबर को किया जाएगा. (Funeral Of Cardinal Telesphore P Toppo)

Funeral Of Cardinal Telesphore P Toppo
Funeral Of Cardinal Telesphore P Toppo
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 5, 2023, 3:56 PM IST

Updated : Oct 5, 2023, 5:06 PM IST

रांची: कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो के अंतिम संस्कार की धर्मविधि 11 अक्टूबर को पूरी की जाएगी. इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. उनका निधन 4 अक्टूबर को मांडर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया था. गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आर्च बिशप फादर फेलिक्स टोप्पो ने मुलाकात की. उन्होंने कार्डिनल के अंतिम संस्कार के शिड्यूल की जानकारी दी.

ये भी पढ़ें: कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो का निधन अपूरणीय क्षति, झारखंड उन्हें हमेशा याद रखेगा: बंधु तिर्की

आर्च बिशप फादर फेलिक्स टोप्पो ने सीएम को बताया कि विशेष प्रार्थना सभा के बाद उनका अंतिम संस्कार होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो के निधन से हम सभी दुखी हैं. उनके साथ हमारे रिश्ते काफी पुराने और गहरे रहे हैं. हम सभी को उनका सहयोग और मार्गदर्शन मिलता रहा है. वे समाज और राज्य के विकास और हित की बात करते थे. उनका निधन हमारे लिए व्यक्तिगत क्षति है. सीएम ने कहा कि कार्डिनल टोप्पो हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे.

रांची कैथोलिक आर्च डायोसिस की ओर से बताया गया है कि कार्डनिल टोप्पो को पार्थिव शरीर फिलहाल मांडर के हॉस्पिटल लिवेंस की मॉर्चरी में ही रखा जाएगा. 10 अक्टूबर को उनके पार्थिव शरीर को कैथेड्रल में लाया जाएगा, जहां अपराह्न 3 बजे से रात 8 बजे और 11 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक श्रद्धालु उनके दर्शन कर सकेंगे. 11 अक्टूबर को ही रांची के लोयला ग्राउंड में सामूहिक रूप से प्रार्थना की जाएगी. इसके बाद 11 अक्टूबर को संत मैरी कैथेड्रल में अंतिम संस्कार होगा.

कार्डिनल टोप्पो का जन्म गुमला के चैनपुर में 15 अक्टूबर 1939 को एंब्रोस टोप्पो और माता सोफिया खलखो के आठवीं संतान के रूप में हुआ था. बचपन से ही वह बेहद दयालु थे. गरीबों की सेवा करने में उन्हें शांति मिलती थी. उनकी सोच बेल्जियम के पुरोहित की जीवनशैली से प्रभावित थी. उन्होंने रांची संत अल्बर्ट सेमिनरी में धर्म की शिक्षा हासिल की. इसके बाद संत जेवियर कॉलेज रांची से अंग्रेजी में ग्रेजुएशन और रांची विश्वविद्यालय से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की. दर्शनशास्त्र की आगे की पढ़ाई के लिए उनको रोम भेजा गया था. 8 मई 1969 को बिशप फ्रांसिसकुस ने स्वीजरलैंट में उनका पुरोहित अभिषेक किया था. कार्डिनल टोप्पो के निधन से ईसाई समाज में शोक की लहर है. सभी धर्मावलंबी मर्माहत हैं. लोग उनके अंतिम दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

रांची: कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो के अंतिम संस्कार की धर्मविधि 11 अक्टूबर को पूरी की जाएगी. इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. उनका निधन 4 अक्टूबर को मांडर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया था. गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आर्च बिशप फादर फेलिक्स टोप्पो ने मुलाकात की. उन्होंने कार्डिनल के अंतिम संस्कार के शिड्यूल की जानकारी दी.

ये भी पढ़ें: कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो का निधन अपूरणीय क्षति, झारखंड उन्हें हमेशा याद रखेगा: बंधु तिर्की

आर्च बिशप फादर फेलिक्स टोप्पो ने सीएम को बताया कि विशेष प्रार्थना सभा के बाद उनका अंतिम संस्कार होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो के निधन से हम सभी दुखी हैं. उनके साथ हमारे रिश्ते काफी पुराने और गहरे रहे हैं. हम सभी को उनका सहयोग और मार्गदर्शन मिलता रहा है. वे समाज और राज्य के विकास और हित की बात करते थे. उनका निधन हमारे लिए व्यक्तिगत क्षति है. सीएम ने कहा कि कार्डिनल टोप्पो हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे.

रांची कैथोलिक आर्च डायोसिस की ओर से बताया गया है कि कार्डनिल टोप्पो को पार्थिव शरीर फिलहाल मांडर के हॉस्पिटल लिवेंस की मॉर्चरी में ही रखा जाएगा. 10 अक्टूबर को उनके पार्थिव शरीर को कैथेड्रल में लाया जाएगा, जहां अपराह्न 3 बजे से रात 8 बजे और 11 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक श्रद्धालु उनके दर्शन कर सकेंगे. 11 अक्टूबर को ही रांची के लोयला ग्राउंड में सामूहिक रूप से प्रार्थना की जाएगी. इसके बाद 11 अक्टूबर को संत मैरी कैथेड्रल में अंतिम संस्कार होगा.

कार्डिनल टोप्पो का जन्म गुमला के चैनपुर में 15 अक्टूबर 1939 को एंब्रोस टोप्पो और माता सोफिया खलखो के आठवीं संतान के रूप में हुआ था. बचपन से ही वह बेहद दयालु थे. गरीबों की सेवा करने में उन्हें शांति मिलती थी. उनकी सोच बेल्जियम के पुरोहित की जीवनशैली से प्रभावित थी. उन्होंने रांची संत अल्बर्ट सेमिनरी में धर्म की शिक्षा हासिल की. इसके बाद संत जेवियर कॉलेज रांची से अंग्रेजी में ग्रेजुएशन और रांची विश्वविद्यालय से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की. दर्शनशास्त्र की आगे की पढ़ाई के लिए उनको रोम भेजा गया था. 8 मई 1969 को बिशप फ्रांसिसकुस ने स्वीजरलैंट में उनका पुरोहित अभिषेक किया था. कार्डिनल टोप्पो के निधन से ईसाई समाज में शोक की लहर है. सभी धर्मावलंबी मर्माहत हैं. लोग उनके अंतिम दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

Last Updated : Oct 5, 2023, 5:06 PM IST
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