रांची: पीजी टॉपर विद्यार्थियों के लिए रांची विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सभी को एक वर्ष के लिए अनुबंध पर विभिन्न कॉलेजों में नियुक्ति दी है. विभिन्न विषयों के लिए इन टॉपर्स विद्यार्थियों का चयन पढ़ाने के लिए हुआ है. इसे लेकर विश्वविद्यालय ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. यूनिवर्सिटी के इस फैसले से शिक्षकों की कमी जूझ रहे विभिन्न कॉलेजों में पढ़ाई सुचारू होने की उम्मीद जताई जा रही है.
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पीजी टॉपर्स की नियुक्ति: बता दें कि रांची विश्वविद्यालय समेत राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है. कई विषयों के शिक्षक है ही नहीं. इससे पठन-पाठन काफी प्रभावित हो रहा है. विश्वविद्यालय के कॉलेजों में कई विषयों के शिक्षक नहीं होने का असर कॉलेज के अकादमिक गतिविधियों पर पड़ रहा है. शिक्षकों की कमी को देखते हुए रांची विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. चांसलर के अधिकार के तहत विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सत्र 2019-21 बैच के एमए, एमएससी, एमकॉम टॉपर विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के अंतर्गत विभिन्न विभागों और कॉलेजों में एक वर्ष के लिए नियुक्ति दी है. 1 वर्ष बाद इन विद्यार्थियों को इससे संबंधित प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा. इसके एवज में प्रतिमाह इन शिक्षकों को 15,000 रुपये भी मिलेंगे.
कुलपति को है नियुक्ति का अधिकार: गौरतलब है कि यह चलन कुलपति रहते एए खान ने शुरू किया था. लेकिन उनके रिटायरमेंट के बाद किसी भी कुलपति ने इस तरीके से नियुक्ति को लेकर निर्णय नहीं लिया था. एक बार फिर वर्तमान कुलपति कामिनी कुमार ने शिक्षकों की कमी को देखते हुए इसी तरीके का निर्णय लिया है. लेकिन अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति का विरोध सीनेट की बैठक के दौरान भी देखने को मिला था. सीनेट सदस्य केके नाग ने अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति का विरोध जताया था. उन्होंने कहा था कि अनुबंध पर शिक्षकों को रखने से पठन-पाठन के गुणवत्ता में कमी आएगी और जिन शिक्षकों को अनुबंध पर रखा जाता है उन्हें भी उचित सम्मान नहीं मिलेगा. हालांकि इससे अलग रांची विश्वविद्यालय ने 30 पीजी टॉपर्स को विभिन्न विभाग और कॉलेजों में पठन-पाठन के लिए नियुक्त किया है