रांचीः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी राज्यसभा चुनाव 2016 से जुड़े हॉर्स ट्रेड्रिंग मुकदमे में ट्रायल फेस करना पड़ सकता है. मामले के जांच अधिकारी ने मामले में पीसी एक्ट की धाराओं को जोड़ने की अर्जी अदालत में दी है, उस अर्जी में प्राथमिक आरोपी पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व सीएम के तत्कालीन प्रेस सलाहकार अजय कुमार का नाम है. वहीं अप्राथमिक आरोपी के रूप में रघुवर दास का नाम शामिल किया गया है. अदालत ने अर्जी स्वीकार की तो मामले में पीसी एक्ट के साथ रघुवर दास का नाम भी केस में जुड़ जाएगा.
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बता दें कि 2016 के राज्यसभा चुनाव के दौरान एक राजनीतिक दल के पक्ष में खड़े प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को प्रलोभन देने का मामला सुर्खियों में आया था. साथ ही उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकी देने की बात भी कही गई थी. इस घटना को लेकर 2018 में जगन्नाथपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. अब 2021 में पीसी एक्ट लगते ही यह मामला एसीबी कोर्ट में स्थानांतरित हो जाएगा.मामले के जांच अधिकारी की ओर से अदालत में पीसी एक्ट जोड़ने की अर्जी पर पांच जून को सुनवाई होगी.
पांच जून को सुनवाई
बुधवार को दायर अर्जी पर प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी अनुज कुमार की अदालत ने संज्ञान लिया. साथ ही अभियोजन को निर्देश दिया कि इस मामले में पीसी एक्ट जोड़ने के लिए अदालत में बहस करनी होगी. अदालत के निर्देश पर एपीपी बहस करने को तैयार हुए. एपीपी ने केस स्टडी के लिए समय की मांग की. अदालत ने इसके लिए पांच जून की तारीख निर्धारित की. अभियोजन को अदालत में पीसी एक्ट जोड़ने का स्पष्ट कारण बताना होगा. सुनवाई के पश्चात ही अदालत आदेश पारित करेगी.
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पहले भी हुआ है ऐसा
एडीजी अनुराग गुप्ता से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले में पीसी एक्ट जोड़ने का मुद्दा गरम है. लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. इससे पूर्व सीबीआई के साथ राज्य पुलिस पीसी एक्ट जोड़वा चुकी है. सीबीआई ने राज्यसभा चुनाव 2012 में वोट के बदले नोट मामला में आरोपी आरके अग्रवाल के खिलाफ पीसी एक्ट एक साल बाद जोड़वाया था. वहीं, पूर्व मेयर रमा खलखो से जुड़े वोट के बदले नोट मामले में पीसी एक्ट की धारा बाद में जोड़ी गई थी. साथ ही 2010 में हुए राज्यसभा चुनाव में वोट के बदले नोट के मामले में भी पीसी एक्ट की धारा बाद में जोड़ी गई.