रांची: अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर पिछले 43 दिनों से आंदोलनरत रही आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है. बाल विकास परियोजना की सहायक निदेशक प्रीति रानी ने 15 दिनों से भूख हड़ताल पर रही आंगनबाड़ी कर्मचारियों को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल से वार्ता के बाद आंगनबाड़ी सेविकाओं ने हड़ताल तोड़ने का निर्णय लिया.
शुक्रवार को आंगनबाड़ी कर्मचारियों के प्रतिनिधि से मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील बरनवाल ने वार्ता की. पहले के वार्ता में गठित कमेटी में इनके प्रतिनिधियों को शामिल करने का प्रधान सचिव ने आश्वासन दिया. इस कमेटी की बैठक सोमवार को होगी, जिसमें इनकी मुख्य मांग पर बड़ा फैसला हो सकता है. सरकार द्वारा गठित कमेटी की बैठक में मानदेय वृद्धि पर फैसला होना है, क्योंकि हमेशा ही इनकी मानदेय वृद्धि का पेंच सरकार और आंगनबाड़ी सेविकाओं के बीच में फंसता रहा है. ऐसे में सोमवार को कमेटी की बैठक अहम मानी जा रही है.
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43 दिनों से चल रहा था हड़ताल
पिछले 43 दिनों से आंगनबाड़ी सेविक, सहायिका अनिश्चितकालीन हड़ताल कर लगातार चरणबद्ध आंदोलन करते रहे थे. इस दौरान राज्य सरकार से इन लोगों की दो बार वार्ता भी हो चुकी है. इसके बावजूद इनके मुख्य मांग पर सहमति नहीं बनने की वजह से इनका आंदोलन लगातार जारी था. इन लोगों को पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ी है.
सोमवार को होगी अहम बैठक
मामला तूल पकड़ता देख मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने इनके प्रतिनिधियों से वार्ता करने के लिए झारखंड मंत्रालय बुलाया, जहां संतोषजनक समझौता हुआ. अगर फैसला आंगनबाड़ी कर्मचारियों के समर्थन में हुआ तो राज्य भर के आंगनबाड़ी कर्मचारियों अपने काम पर लौट जाएंगी. वहीं, अगर इनके मुख्य मांग मानदेय बढ़ोतरी पर संतोषजनक फैसला नहीं होता है तो ये लोग आगे की रणनीति बनाएंगे.
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राष्ट्रपति आएंगे झारखंड
शनिवार को राष्ट्रपति का झारखंड दौरा है. इस तीन दिवसीय दौरा में राष्ट्रपति कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे. इसको देखते हुए राज्य सरकार द्वारा राज्य भवन के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे अनशनकारियों को आश्वासन देकर आंदोलन खत्म करवाने में जुटी हुई है.