रांची: झारखंड में स्वास्थ्य महकमे के अफसर सरकार के निर्देशों की अनदेखी करते नजर आ रहे हैं. हाल यह है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों की सेहत को लेकर लापरवाही बरती जा रही है. कई कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कई कर्मचारियों को सीधे क्वॉरेंटाइन सेंटर भेज दिया गया पर जांच नहीं कराई जा रही है.
वहीं कई कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि यहां एक ही क्वार्टर में पॉजिटिव और रिपोर्ट का इंतजार कर रहे कर्मचारियों को साथ ही रखा जा रहा है.उनका यह भी आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग से कोई कर्मचारी अफसर इलाज के लिए भी नहीं आ रहा है.
दरअसल, मुख्यमंत्री आवास में तैनात कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों की पिछले दिनों दो चरण में कोरोना की जांच हुई थी. इसमें पहले फेज में 17 कर्मचारी पॉजिटिव पाए गए थे, जबकि दूसरे फेज में 22 कर्मचारी पॉजिटिव पाए गए थे. मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात कोरोना पॉजिटिव कई सुरक्षाकर्मियों को धुर्वा स्थित एचईसी इलाके के हटिया विस्थापित कॉलोनी क्वार्टर में रखा गया है. कर्मचारियों के इलाज के इंतजामों की ईटीवी भारत की टीम ने जब पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. हटिया विस्थापित कॉलोनी क्वार्टर में उसी क्वार्टर के दूसरे कमरों में ऐसे सुरक्षाकर्मियों को भी रखा गया था, जिनकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है. ईटीवी भारत की टीम ने जब एक कोरोना संक्रमित सुरक्षाकर्मी से बात की तो उसने कहा कि उन्हें किसी तरह की कोई सुविधा नहीं मिल रही है.
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स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने नहीं ली सुध
वहीं हटिया विस्थापित कॉलोनी में क्वॉरेंटाइन हुए सीएम के अन्य सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि 2 अगस्त से हम लोग अपने रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक न तो हमें कोई रिपोर्ट दी है और न ही कुछ दिशा निर्देश दिया है. इस क्वार्टर में पॉजिटिव और निगेटिव दोनों एक साथ रहने को मजबूर हैं. वहीं अपनी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे कई सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि पिछले कई दिनों से पॉजिटिव होने के लक्षण हम लोग महसूस कर रहे हैं, स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को बार-बार जानकारी दी गई पर कोई सुध लेने नहीं आ रहा है.