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पैसों के चलते इंजीनियर और डॉक्टर बनने से वंचित नहीं रहेंगे विद्यार्थी, अत्याधुनिक कोचिंग सेंटर में निःशुल्क मिल रही सुविधाएं - झारखंड में निःशुल्क इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी

सुपर-30 कोचिंग सेंटर देश के विभिन्न क्षेत्रों के विद्यार्थियों के साथ-साथ खासकर बिहार के हजारों विद्यार्थियों को आईआईटीयन बनाया है. इसी तर्ज पर निःशुल्क शिक्षा देने के उद्देश्य से झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से आकांक्षा-40 योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा के अलावा पढ़ाई और उनके रहन-सहन से जुड़े सभी खर्च विभाग वहन करती है.

Jharkhand Akanksha-40
झारखंड अकांक्षा-40
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Published : Sep 29, 2021, 3:26 PM IST

Updated : Sep 29, 2021, 6:54 PM IST

रांची: अब झारखंड के आदिवासी बहुल क्षेत्रों के अलावा आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी भी इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं और इस सपने को साकार कर रहा है आकांक्षा-40. आर्थिक रूप से गरीब छात्र-छात्राओं के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं. दरअसल, सरकार की ओर से वर्ष 2016 में इस योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को चयनित कर उन्हें निःशुल्क मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के साथ-साथ 12वीं की तैयारी कराने का उद्देश्य रखा गया.

यह भी पढ़ें: पहलः आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी विद्यार्थियों के लिए वरदान है आकांक्षा-40 कोचिंग

इंजीनियरिंग के लिए 80 और मेडिकल के लिए 60 विद्यार्थियों का चयन

शुरूआत में किराये के दो कमरों में यह योजना चलाई जा रही थी. लेकिन, अब जिला स्कूल परिसर में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक भवन भी बन गया है. इस भवन में विद्यार्थियों को हर वह सुविधा दी जा रही है जिनकी उन्हें जरूरत है. किसी प्राइवेट संस्थान में भी विद्यार्थियों को यह सुविधाएं नहीं मिलती हैं जो आकांक्षा-40 कोचिंग सेंटर में विद्यार्थियों को इस सत्र से मिलने लगी है. इन 5 वर्षों में इस कोचिंग सेंटर में कई बदलाव देखने को मिले हैं. पहले जहां इंजीनियरिंग के लिए राज्य भर से 40 विद्यार्थियों का चयन किया जाता था वहीं अब 80 विद्यार्थियों का चयन किया जा रहा है. मेडिकल में भी 40 विद्यार्थियों का चयन राज्य भर से हो रहा था लेकिन अब विद्यार्थियों के रुझान और इसकी लोकप्रियता को देखते हुए 60 विद्यार्थी एक बैच में कर दिए गए हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

धीरे-धीरे इस कोचिंग सेंटर के विद्यार्थियों का प्रदर्शन भी सुधरा है. ढाई सौ से अधिक विद्यार्थी यहां से सफल होकर विभिन्न मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला ले चुके हैं. विभिन्न इंजीनियरिंग प्रतियोगी परीक्षाओं में यहां के विद्यार्थियों का परचम देखने को मिल रहा है. इस सत्र में भी यहां के 21 विद्यार्थी जेईई की परीक्षा में बेहतर परसेंटाइल के साथ सफल हुए हैं.

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है नया भवन

राज्य सरकार द्वारा संचालित निःशुल्क कोचिंग सेंटर आकांक्षा-40 के नए भवन को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है. किसी निजी संस्थान के पास भी इतना बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है जो इस कोचिंग सेंटर में डेवलप किया गया है. इस कोचिंग सेंटर में छात्रों के लिए अलग व्यवस्था है. हाइटेक कंप्यूटर लैब के साथ विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए लाइब्रेरी दी गई है. बरियातू स्थित गर्ल्स हॉस्टल से छात्राओं को कोचिंग सेंटर तक लाने और पहुंचाने के लिए बस की भी व्यवस्था की गई है. दिनभर छात्राएं इस कोचिंग सेंटर में रहती हैं. इसे देखते हुए गर्ल्स रेस्ट रूम की भी व्यवस्था है. इस कोचिंग सेंटर परिसर में ही ब्वॉयज हॉस्टल की व्यवस्था है. भोजन के लिए कैंटीन की व्यवस्था है. डिजिटल स्मार्ट क्लासरूम, जगह जगह पर वाटर फिल्टर के जरिए पेयजल की व्यवस्था है. कुल मिलाकर कहें तो इस भवन में हर वह सुविधा है जो विद्यार्थियों के लिए जरूरी है.

Jharkhand Akanksha-40
2020 में अकांक्षा-40 से इंजीनियरिंग के सफल विद्यार्थी.

यह भी पढ़ें: 21 बच्चों को इंजीनियर और डॉक्टर बनाने के लिए हर साल 11 हजार करोड़ खर्च करती है झारखंड सरकार!

क्या है पूरी योजना और कैसे मिलता है इस कोचिंग सेंटर में दाखिला?

झारखंड सरकार की स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से कोचिंग संस्थान का संचालन किया जाता है. प्रवेश के लिए आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी बच्चों को यहां प्राथमिकता दी जाती है. ऐसे ही बच्चों के लिए इस कोचिंग संस्थान की शुरुआत हुई थी. जो बच्चे पैसों के कमी के कारण इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना देखने के बावजूद इसकी पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे, उन मेधावी बच्चों को झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से 11वीं परीक्षा के दौरान ही आकांक्षा-40 प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित कर उनका सेलेक्शन किया जाता है. इस कोचिंग सेंटर में राज्य के विभिन्न सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थी भी पढ़ाई कर रहे हैं और अपना भविष्य बना रहे हैं. प्रत्येक सत्र में जैक की वेबसाइट www.jacjharkhand.gov.in या www.jac.nic.in पर इस परीक्षा को लेकर पूरी जानकारी दी जाती है.

Jharkhand Akanksha-40
2018 और 2020 में अकांक्षा-40 से मेडिकल के सफल विद्यार्थी.

क्या कहते हैं विद्यार्थी, शिक्षक और पदाधिकारी?

इस कोचिंग सेंटर से जुड़ने वाले शिक्षक अब नई व्यवस्था मिलने से काफी खुश हैं. उनकी मानें तो इन 5 वर्षों में इस कोचिंग सेंटर में कई बदलाव हुए हैं और लगातार अब यह संस्थान राज्य का मान बढ़ा रहा है. निःशुल्क सुविधा मिलने से विद्यार्थी अब सभी चिंताएं छोड़कर पढ़ाई में जुटे हुए हैं और बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. आकांक्षा सेंटर में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी काफी संतुष्ट हैं. बेहतर फैकल्टी और बेहतर व्यवस्था के साथ बच्चे पढ़ाई में ध्यान दे पा रहे हैं. इस कोचिंग सेंटर के निदेशक सह दक्षिणी छोटानागपुर के शिक्षा उप निदेशक अरविंद विजय बिलुंग ने कहा कि धीरे-धीरे इसका दायरा और बढ़ रहा है, जिससे राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को ज्यादा फायदा मिलेगा.

Jharkhand Akanksha-40
2018 में अकांक्षा-40 से इंजीनियरिंग के सफल विद्यार्थी.

रांची: अब झारखंड के आदिवासी बहुल क्षेत्रों के अलावा आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी भी इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं और इस सपने को साकार कर रहा है आकांक्षा-40. आर्थिक रूप से गरीब छात्र-छात्राओं के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं. दरअसल, सरकार की ओर से वर्ष 2016 में इस योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को चयनित कर उन्हें निःशुल्क मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के साथ-साथ 12वीं की तैयारी कराने का उद्देश्य रखा गया.

यह भी पढ़ें: पहलः आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी विद्यार्थियों के लिए वरदान है आकांक्षा-40 कोचिंग

इंजीनियरिंग के लिए 80 और मेडिकल के लिए 60 विद्यार्थियों का चयन

शुरूआत में किराये के दो कमरों में यह योजना चलाई जा रही थी. लेकिन, अब जिला स्कूल परिसर में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक भवन भी बन गया है. इस भवन में विद्यार्थियों को हर वह सुविधा दी जा रही है जिनकी उन्हें जरूरत है. किसी प्राइवेट संस्थान में भी विद्यार्थियों को यह सुविधाएं नहीं मिलती हैं जो आकांक्षा-40 कोचिंग सेंटर में विद्यार्थियों को इस सत्र से मिलने लगी है. इन 5 वर्षों में इस कोचिंग सेंटर में कई बदलाव देखने को मिले हैं. पहले जहां इंजीनियरिंग के लिए राज्य भर से 40 विद्यार्थियों का चयन किया जाता था वहीं अब 80 विद्यार्थियों का चयन किया जा रहा है. मेडिकल में भी 40 विद्यार्थियों का चयन राज्य भर से हो रहा था लेकिन अब विद्यार्थियों के रुझान और इसकी लोकप्रियता को देखते हुए 60 विद्यार्थी एक बैच में कर दिए गए हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

धीरे-धीरे इस कोचिंग सेंटर के विद्यार्थियों का प्रदर्शन भी सुधरा है. ढाई सौ से अधिक विद्यार्थी यहां से सफल होकर विभिन्न मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला ले चुके हैं. विभिन्न इंजीनियरिंग प्रतियोगी परीक्षाओं में यहां के विद्यार्थियों का परचम देखने को मिल रहा है. इस सत्र में भी यहां के 21 विद्यार्थी जेईई की परीक्षा में बेहतर परसेंटाइल के साथ सफल हुए हैं.

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है नया भवन

राज्य सरकार द्वारा संचालित निःशुल्क कोचिंग सेंटर आकांक्षा-40 के नए भवन को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है. किसी निजी संस्थान के पास भी इतना बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है जो इस कोचिंग सेंटर में डेवलप किया गया है. इस कोचिंग सेंटर में छात्रों के लिए अलग व्यवस्था है. हाइटेक कंप्यूटर लैब के साथ विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए लाइब्रेरी दी गई है. बरियातू स्थित गर्ल्स हॉस्टल से छात्राओं को कोचिंग सेंटर तक लाने और पहुंचाने के लिए बस की भी व्यवस्था की गई है. दिनभर छात्राएं इस कोचिंग सेंटर में रहती हैं. इसे देखते हुए गर्ल्स रेस्ट रूम की भी व्यवस्था है. इस कोचिंग सेंटर परिसर में ही ब्वॉयज हॉस्टल की व्यवस्था है. भोजन के लिए कैंटीन की व्यवस्था है. डिजिटल स्मार्ट क्लासरूम, जगह जगह पर वाटर फिल्टर के जरिए पेयजल की व्यवस्था है. कुल मिलाकर कहें तो इस भवन में हर वह सुविधा है जो विद्यार्थियों के लिए जरूरी है.

Jharkhand Akanksha-40
2020 में अकांक्षा-40 से इंजीनियरिंग के सफल विद्यार्थी.

यह भी पढ़ें: 21 बच्चों को इंजीनियर और डॉक्टर बनाने के लिए हर साल 11 हजार करोड़ खर्च करती है झारखंड सरकार!

क्या है पूरी योजना और कैसे मिलता है इस कोचिंग सेंटर में दाखिला?

झारखंड सरकार की स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से कोचिंग संस्थान का संचालन किया जाता है. प्रवेश के लिए आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी बच्चों को यहां प्राथमिकता दी जाती है. ऐसे ही बच्चों के लिए इस कोचिंग संस्थान की शुरुआत हुई थी. जो बच्चे पैसों के कमी के कारण इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना देखने के बावजूद इसकी पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे, उन मेधावी बच्चों को झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से 11वीं परीक्षा के दौरान ही आकांक्षा-40 प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित कर उनका सेलेक्शन किया जाता है. इस कोचिंग सेंटर में राज्य के विभिन्न सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थी भी पढ़ाई कर रहे हैं और अपना भविष्य बना रहे हैं. प्रत्येक सत्र में जैक की वेबसाइट www.jacjharkhand.gov.in या www.jac.nic.in पर इस परीक्षा को लेकर पूरी जानकारी दी जाती है.

Jharkhand Akanksha-40
2018 और 2020 में अकांक्षा-40 से मेडिकल के सफल विद्यार्थी.

क्या कहते हैं विद्यार्थी, शिक्षक और पदाधिकारी?

इस कोचिंग सेंटर से जुड़ने वाले शिक्षक अब नई व्यवस्था मिलने से काफी खुश हैं. उनकी मानें तो इन 5 वर्षों में इस कोचिंग सेंटर में कई बदलाव हुए हैं और लगातार अब यह संस्थान राज्य का मान बढ़ा रहा है. निःशुल्क सुविधा मिलने से विद्यार्थी अब सभी चिंताएं छोड़कर पढ़ाई में जुटे हुए हैं और बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. आकांक्षा सेंटर में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी काफी संतुष्ट हैं. बेहतर फैकल्टी और बेहतर व्यवस्था के साथ बच्चे पढ़ाई में ध्यान दे पा रहे हैं. इस कोचिंग सेंटर के निदेशक सह दक्षिणी छोटानागपुर के शिक्षा उप निदेशक अरविंद विजय बिलुंग ने कहा कि धीरे-धीरे इसका दायरा और बढ़ रहा है, जिससे राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को ज्यादा फायदा मिलेगा.

Jharkhand Akanksha-40
2018 में अकांक्षा-40 से इंजीनियरिंग के सफल विद्यार्थी.
Last Updated : Sep 29, 2021, 6:54 PM IST
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