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Ramgarh By-Election: रामगढ़ के रण में आमने सामने होंगे आजसू-कांग्रेस प्रत्याशी

रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए एनडीए की ओर से आजसू प्रत्याशी खड़ा किया जाएगा. 2 फरवरी को प्रत्याशी के नाम की घोषणा की जाएगी. वहीं यूपीए की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी उतारा जाएगा. जिसके बाद रामगढ़ के रण में एक बार फिर आजसू और कांग्रेस आमने सामने होंगे.

Ramgarh By Election
सीपी सिंह, बीजेपी विधायक
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Published : Feb 1, 2023, 11:06 PM IST

सीपी सिंह, बीजेपी विधायक

रांची: रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में एनडीए की ओर से आजसू प्रत्याशी खड़ा करेगा. आजसू के द्वारा प्रत्याशी की घोषणा 2 फरवरी को होगी. पार्टी की ओर से सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी को उतारे जाने की संभावना है. आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा जल्द की जायेगी. यह चुनाव राजनीतिक दलों के लिए किसी लिटमस टेस्ट कम नहीं है.

ये भी पढ़ें: Ramgarh By-Election: रामगढ़ उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू, 10 फरवरी तक वापस लिए जाएंगे नाम

सत्ताधारी यूपीए के लिए जिस तरह इस सीट को बचाकर रखना किसी प्रतिष्ठा से कम नहीं है. इसी तरह एनडीए के लिए इस सीट को जीतना किसी चुनौती से कम नहीं है. खैर इसका फैसला 27 फरवरी को मतदान के दौरान रामगढ़ विधानसभा की जनता तय करेगी, जिसके लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है. सात फरवरी तक नामांकन की तारीख निर्धारित है, जिसके बाद स्क्रूटनी और नाम वापसी की तारीख सुनिश्चित की गई है. पूर्व स्पीकर और रांची के भाजपा विधायक सीपी सिंह ने रामगढ़ उपचुनाव को महत्वपूर्ण मानते हुए कहा है कि इसमें एकजुट होकर एनडीए चुनाव लड़ेगी. जल्द ही प्रत्याशी की घोषणा भी होगी.

राजनीतिक दृष्टि से अहम है रामगढ़ सीट: राजनीतिक दृष्टि से रामगढ़ विधानसभा सीट को काफी अहम माना जाता है. इस सीट पर एक जमाने में कांग्रेस का वर्चस्व रहता था. बाद में यहां एनडीए और यूपीए के बीच सीधी टक्कर चुनाव में होता देखा गया. हालांकि, 2019 के विधानसभा चुनाव में एनडीए में बिखराव हुआ, जिसका फायदा यूपीए को मिला था. कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी को 99,944 मत मिले थे. वहीं आजसू प्रत्याशी सुनीता चौधरी 71,226 वोट और भाजपा प्रत्याशी रणंजय कुमार को 30,874 वोट मिले थे. अगर एनडीए एकजुट रहता तो परिणाम अलग होते. यही वजह है कि इस बार के उपचुनाव में एनडीए ने वो गलती नहीं करने का निर्णय लिया है, जो उसने 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान किया था.

एक बार फिर आजसू-कांग्रेस होगा आमने सामने: रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र आजसू का गढ़ माना जाता है. यहां से पूर्व मंत्री और वर्तमान में गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी चुनाव जीतते रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में चंद्र प्रकाश चौधरी के गिरिडीह से सांसद बनने के बाद विधानसभा चुनाव में वे अपनी पत्नी सुनीता चौधरी को नहीं जीता पाए. इस तरह से रामगढ़ में आजसू का पिछले 15 साल का कब्जा ध्वस्त हो गया और 35 वर्षों के बाद कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज की. एक बार फिर यूपीए की ओर से कांग्रेस अपना प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है. वहीं एनडीए की ओर से आजसू का प्रत्याशी खड़ा किया जायेगा.

सीपी सिंह, बीजेपी विधायक

रांची: रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में एनडीए की ओर से आजसू प्रत्याशी खड़ा करेगा. आजसू के द्वारा प्रत्याशी की घोषणा 2 फरवरी को होगी. पार्टी की ओर से सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी को उतारे जाने की संभावना है. आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा जल्द की जायेगी. यह चुनाव राजनीतिक दलों के लिए किसी लिटमस टेस्ट कम नहीं है.

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सत्ताधारी यूपीए के लिए जिस तरह इस सीट को बचाकर रखना किसी प्रतिष्ठा से कम नहीं है. इसी तरह एनडीए के लिए इस सीट को जीतना किसी चुनौती से कम नहीं है. खैर इसका फैसला 27 फरवरी को मतदान के दौरान रामगढ़ विधानसभा की जनता तय करेगी, जिसके लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है. सात फरवरी तक नामांकन की तारीख निर्धारित है, जिसके बाद स्क्रूटनी और नाम वापसी की तारीख सुनिश्चित की गई है. पूर्व स्पीकर और रांची के भाजपा विधायक सीपी सिंह ने रामगढ़ उपचुनाव को महत्वपूर्ण मानते हुए कहा है कि इसमें एकजुट होकर एनडीए चुनाव लड़ेगी. जल्द ही प्रत्याशी की घोषणा भी होगी.

राजनीतिक दृष्टि से अहम है रामगढ़ सीट: राजनीतिक दृष्टि से रामगढ़ विधानसभा सीट को काफी अहम माना जाता है. इस सीट पर एक जमाने में कांग्रेस का वर्चस्व रहता था. बाद में यहां एनडीए और यूपीए के बीच सीधी टक्कर चुनाव में होता देखा गया. हालांकि, 2019 के विधानसभा चुनाव में एनडीए में बिखराव हुआ, जिसका फायदा यूपीए को मिला था. कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी को 99,944 मत मिले थे. वहीं आजसू प्रत्याशी सुनीता चौधरी 71,226 वोट और भाजपा प्रत्याशी रणंजय कुमार को 30,874 वोट मिले थे. अगर एनडीए एकजुट रहता तो परिणाम अलग होते. यही वजह है कि इस बार के उपचुनाव में एनडीए ने वो गलती नहीं करने का निर्णय लिया है, जो उसने 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान किया था.

एक बार फिर आजसू-कांग्रेस होगा आमने सामने: रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र आजसू का गढ़ माना जाता है. यहां से पूर्व मंत्री और वर्तमान में गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी चुनाव जीतते रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में चंद्र प्रकाश चौधरी के गिरिडीह से सांसद बनने के बाद विधानसभा चुनाव में वे अपनी पत्नी सुनीता चौधरी को नहीं जीता पाए. इस तरह से रामगढ़ में आजसू का पिछले 15 साल का कब्जा ध्वस्त हो गया और 35 वर्षों के बाद कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज की. एक बार फिर यूपीए की ओर से कांग्रेस अपना प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है. वहीं एनडीए की ओर से आजसू का प्रत्याशी खड़ा किया जायेगा.

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