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अयोध्या मामला:  SC के फैसले के बाद में मुख्य सचिव का निर्देश, पूरे सप्ताह 24 घंटे हाई अलर्ट पर रहे प्रशासन

अयोध्या मामले में सुनवाई के बाद झारखंड के मुख्य सचिव ने ईटीवी भारत से बातचीत की. मुख्य सचुव ने कहा कि राज्य में कानून वयव्स्था पूरी तरह से ठीक है. वहीं, उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने पुलिस को पूरे सप्ताह 24 घंटे हाई अलर्ट पर रहने के आदेश दिए है.

मुख्य सचिव
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Published : Nov 9, 2019, 1:12 PM IST

रांची: अयोध्या मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में राज्य प्रशासन ने विधि व्यवस्था को लेकर कमर कस ली है. मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने राज्य के सभी 24 जिलों के उपायुक्त और आरक्षी अधीक्षकों को पूरे सप्ताह 24 घंटे हाई अलर्ट पर रहने का सख्त निर्देश दिया है.

मुख्य सचिव डीके तिवारी से बात करते वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार

वहीं, फोर्स को किसी भी स्थिति से तत्काल निपटने के लिए रात-दिन अलर्ट मोड में रखने का निर्देश दिया है. शहर से लेकर गांवों तक सुरक्षा तंत्र को चाक-चौबंद रखने को कहा है. फिलहाल किसी भी तरह के धार्मिक-सामाजिक आयोजनों की अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया है. मुख्य सचिव ने सभी कार्यालय लगातार खोलने और जो भी अधिकारी और कर्मी छुट्टी पर हैं, उनकी छुट्टियां रद्द कर तत्काल काम पर लौटने का निर्देश दिया है.

ये भी देखें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव भी हारेगा महागठबंधन: सीपी सिंह

उपायुक्त और आरक्षी अधीक्षकों को कार्यालय से बाहर निकल कर एक साथ लगातार इलाके में घूमने और तात्कालिक फैसला लेने की स्वतंत्रता दी है. साथ ही निर्देश दिया है कि पुलिस गश्ती हर इलाके में लगातार हो, ताकि अमन पसंद लोग सुरक्षित महसूस करें और असामाजिक तत्वों पर भी नजर बनी रहे. मुख्य सचिव झारखंड मंत्रालय में विधि व्यवस्था को लेकर आलाधिकारियों के साथ सभी डीसी और एसपी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुखातिब थे. इस मसले पर मुख्य सचिव डीके तिवारी ने ईटीवी भारत के वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह से बातचीत की. उन्होंने राज्य वासियों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने और शांति सद्भावना बनाए रखने की अपील की है. मुख्य सचिव ने कहा कि विशेष रूप से सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखने को कहा गया है. अगर कहीं भी अफवाह फैलाने की कोशिश होती है तो सोशल मीडिया के जरिए ही प्रशासनिक स्तर पर इस बात का फॉर्म खंडन किया जाए और वैसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाए.

कही, भी भीड़ नहीं जुटने दें - मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने सभी धार्मिक स्थलों, रेलवे स्टेशन, बस पड़ाव सहित अन्य सार्वजिनक स्थानों पर विशेष निगरानी रखने और वहां फोर्स तैनात करने का निर्देश दिया है. साथ ही जरूरत के अनुसार फ्लैग मार्च भी करने को कहा है. उन्होंने उपायुक्त और आरक्षी अधीक्षकों से कहा कि वे स्थिति के अनुसार स्कूल-कॉलेज बंद करने का निर्णय लें. जरूरत महसूस होने पर शराब की दुकानें भी बंद कराएं.

वहीं, कही भी भीड़ इकट्ठी नहीं होने दें. भीड़ होने पर तत्काल कार्रवाई करें. कहीं भी लवारिस हालत में पड़े सामान पर भी नजर रखें और उसका निष्पादन करें, वाहन चेकिंग लगातार करें. सभी थाना से लगातार सूचना संग्रहित करने और उस पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. डीजीपी कमल नयन चौबे ने सभी एसपी से कहा कि वे विधि-व्यवस्था के संधारण में अपने अनुभव और कौशल का भरपूर इस्तेमाल करें. पूर्व से चिह्नित गड़बड़ी वाले इलाके पर विशेष नजर रखने और एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया. मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह सुखदेव सिंह, डीजीपी कमल नयन चौबे, डीजी मुख्यालय पीआरके नायडू, एडीजी अजय कुमार सिंह, एडीजी मुरारीलाल मीणा, आइजी नवीन कुमार सिंह और आइजी साकेत कुमार उपस्थित थे.

रांची: अयोध्या मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में राज्य प्रशासन ने विधि व्यवस्था को लेकर कमर कस ली है. मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने राज्य के सभी 24 जिलों के उपायुक्त और आरक्षी अधीक्षकों को पूरे सप्ताह 24 घंटे हाई अलर्ट पर रहने का सख्त निर्देश दिया है.

मुख्य सचिव डीके तिवारी से बात करते वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार

वहीं, फोर्स को किसी भी स्थिति से तत्काल निपटने के लिए रात-दिन अलर्ट मोड में रखने का निर्देश दिया है. शहर से लेकर गांवों तक सुरक्षा तंत्र को चाक-चौबंद रखने को कहा है. फिलहाल किसी भी तरह के धार्मिक-सामाजिक आयोजनों की अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया है. मुख्य सचिव ने सभी कार्यालय लगातार खोलने और जो भी अधिकारी और कर्मी छुट्टी पर हैं, उनकी छुट्टियां रद्द कर तत्काल काम पर लौटने का निर्देश दिया है.

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उपायुक्त और आरक्षी अधीक्षकों को कार्यालय से बाहर निकल कर एक साथ लगातार इलाके में घूमने और तात्कालिक फैसला लेने की स्वतंत्रता दी है. साथ ही निर्देश दिया है कि पुलिस गश्ती हर इलाके में लगातार हो, ताकि अमन पसंद लोग सुरक्षित महसूस करें और असामाजिक तत्वों पर भी नजर बनी रहे. मुख्य सचिव झारखंड मंत्रालय में विधि व्यवस्था को लेकर आलाधिकारियों के साथ सभी डीसी और एसपी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुखातिब थे. इस मसले पर मुख्य सचिव डीके तिवारी ने ईटीवी भारत के वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह से बातचीत की. उन्होंने राज्य वासियों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने और शांति सद्भावना बनाए रखने की अपील की है. मुख्य सचिव ने कहा कि विशेष रूप से सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखने को कहा गया है. अगर कहीं भी अफवाह फैलाने की कोशिश होती है तो सोशल मीडिया के जरिए ही प्रशासनिक स्तर पर इस बात का फॉर्म खंडन किया जाए और वैसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाए.

कही, भी भीड़ नहीं जुटने दें - मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने सभी धार्मिक स्थलों, रेलवे स्टेशन, बस पड़ाव सहित अन्य सार्वजिनक स्थानों पर विशेष निगरानी रखने और वहां फोर्स तैनात करने का निर्देश दिया है. साथ ही जरूरत के अनुसार फ्लैग मार्च भी करने को कहा है. उन्होंने उपायुक्त और आरक्षी अधीक्षकों से कहा कि वे स्थिति के अनुसार स्कूल-कॉलेज बंद करने का निर्णय लें. जरूरत महसूस होने पर शराब की दुकानें भी बंद कराएं.

वहीं, कही भी भीड़ इकट्ठी नहीं होने दें. भीड़ होने पर तत्काल कार्रवाई करें. कहीं भी लवारिस हालत में पड़े सामान पर भी नजर रखें और उसका निष्पादन करें, वाहन चेकिंग लगातार करें. सभी थाना से लगातार सूचना संग्रहित करने और उस पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. डीजीपी कमल नयन चौबे ने सभी एसपी से कहा कि वे विधि-व्यवस्था के संधारण में अपने अनुभव और कौशल का भरपूर इस्तेमाल करें. पूर्व से चिह्नित गड़बड़ी वाले इलाके पर विशेष नजर रखने और एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया. मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह सुखदेव सिंह, डीजीपी कमल नयन चौबे, डीजी मुख्यालय पीआरके नायडू, एडीजी अजय कुमार सिंह, एडीजी मुरारीलाल मीणा, आइजी नवीन कुमार सिंह और आइजी साकेत कुमार उपस्थित थे.

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