रांची: हर के साथ हरि की पूजा का सुंदर संयोग के बीच इस बार मलयमास की शुरुआत 18 जुलाई से हो रही है, जिसकी समाप्ति 16 अगस्त को होगी. इस बार 19 वर्षों के बाद मलयमास सावन में लग रहा है. जानकार इसे अपने आप में अद्भुत संयोग मानते हैं. सनातन धर्म में इसका खास महत्व है जिस वजह से इस बार सावन 8 सोमवारी के साथ 59 दिनों का है, जो 4 जुलाई से 31 अगस्त तक चलेगा.
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इस बार सावन में 8 सोमवारी व्रत: 10 जुलाई को सावन कृष्ण पक्ष की पहली सोमवारी है, 17 जुलाई को सावन कृष्ण पक्ष की दूसरी सोमवारी है. 24 जुलाई सावन शुक्ल पक्ष मलयमास की पहली सोमवारी है. 31 जुलाई सावन शुक्ल पक्ष मलयमास की दूसरी सोमवारी है. 7 अगस्त सावन कृष्ण पक्ष मलयमास की तीसरी सोमवारी है. 14 अगस्त सावन कृष्ण पक्ष मलयमास की चौथी सोमवारी है. 21 अगस्त सावन शुक्ल पक्ष की तीसरी सोमवारी है. 28 अगस्त सावन शुक्ल पक्ष की चौथी और अंतिम सोमवारी है.
![importance of Malmas in Sawan](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/27-07-2023/18939316_sawan_malmas.jpg)
मलयमास या पुरुषोत्तम मास क्या है: सनातन धर्म में मलयमास का खास महत्व है. मलयमास के देव भगवान विष्णु को मानते हैं, इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं. 19 वर्षों के बाद यह अद्भुत संयोग देखने को मिल रहा है, जब सावन में हर के साथ हरि की पूजा का सुंदर संयोग बना है. आइए जानते हैं यह मलयमास क्या है जिसको लेकर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. जैसा कि हम लोग जानते हैं कि सूर्य के चारों ओर पृथ्वी को घूमने में 365 दिन लगता है और चंद्रमा के घूमने में 354 दिन लगता है इसमें प्रतिवर्ष 11 दिनों का फर्क देखने को मिलता है. पृथ्वी और चंद्रमा के घूर्णन में 11 दिनों का फर्क है. इस हिसाब से हर तीसरे साल पर एक मलेमा वैदिक पंचांग में जुड़ता है जब जिस माह की आखिरी तिथि को पूरा माह खत्म होता है तब यह मलयमास उसके साथ जोड़ दिया जाता है.
आध्यात्मिक दृष्टि से देखे तो सावन में मलयमास का खास महत्व है. यह प्रकृति के उत्सव का महीना के रूप में भी माना जाता है और शिव प्रकृति के पुरुष हैं. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सावन में पेड़ पौधे और छोटे जीवों का प्रजनन काल होता है इस दृष्टि से प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में सावन एक खास महत्व रखता है. पंडित देव दत्त पांडे कहते हैं कि शिव स्वयं जीवन हैं जो माता पार्वती के कहने पर सावन में मलयमास के सुंदर संयोग को लेकर कभी-कभी पृथ्वी पर आते हैं. इस वजह से इस बार सावन का महीना 2 महीने का है जिसमें श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव से भगवान शिव और पार्वती की आराधना में लगे हैं.