रांची: अरगोड़ा के रहने वाले अफान अंसारी पर यह आरोप लगा था की इसी वर्ष 14 जुलाई की सुबह रांची लोहरदगा ट्रेन में यात्रा कर रहे रेलकर्मी दीपक केरकेट्टा का मोबाइल झपट, चलती ट्रेन से कूद गया था. उस दौरान रेलकर्मी दीपक भी ट्रेन से कूद अफान के पीछे लग गए. इस दौरान दीपक ने डेढ़ किलोमीटर तक अफान का पीछा किया. अरगोड़ा के सरना टोली के पास दीपक ने अफान को धर दबोचा और जमकर उसकी पिटाई कर दी. अफान को बुरी तरह से पीटने के बाद अफान के पास से अपना मोबाइल उठा कर दीपक वहां से निकल गया. उसी दौरान अत्यधिक पिटाई की वजह से अफान की मौत हो गई.
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दीपक ने अपने आप को बताया था निर्दोष
14 जुलाई को जब पुलिस को अफान की मौत की जानकारी मिली तो उन्होंने आनन-फानन में दीपक को हिरासत में ले लिया उस दौरान दीपक ने पुलिस को एक अलग ही कहानी बताई. दीपक के अनुसार उसने अफान के साथ मारपीट नहीं की थी. दीपक ने उस समय यह बताया था कि मोबाइल छीनने के बाद भागते-भागते अफान सरना टोली के पास बेसुध होकर गिर पड़ा, उसे पकड़ने के बाद दीपक ने उसे अपना मोबाइल वापस ले लिया. सुबह का समय होने की वजह से उस समय वहां कोई नहीं था. इसी बीच दीपक को बाइक पर सवार दो पुलिसकर्मी दिखे. पुलिस कर्मियों को देख दीपक ने पूरे मामले की जानकारी दी और कहा कि यह व्यक्ति उनका मोबाइल छीन कर भाग रहा था और उन्होंने इसे डेढ़ किलोमीटर दौड़ा कर पकड़ा है. इसी बीच अफान बेहोश हो चुका था. जिसके बाद पुलिस कर्मियों के द्वारा मामले की जानकारी अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार को दी गई. जिसके बाद मौके पर पीसीआर 5 पहुंची और अफान को उठाकर अस्पताल ले गयी लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
सीसीटीवी से खुला राज
उस दौरान पुलिस को पिटाई के कोई सबूत नहीं मिलने की वजह से दीपक को थाने से बांड भरवा कर छोड़ दिया गया था, लेकिन पुलिस ने जांच को बंद नहीं किया. जांच के दौरान पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज हाथ लगी जिसमें यह साफ दिखा कि दीपक के द्वारा अफान को बुरी तरह से पीटा जा रहा है. इसी दौरान हृदय गति रुक जाने की वजह से अफान की मौत हो गई. तफ्तीश पूरा होने के बाद अरगोड़ा पुलिस ने अफान की हत्या के आरोप में दीपक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
अफान के परिजनों ने दर्ज करवाया था हत्या का मामला
वहीं दूसरी तरफ अफान के परिजनों ने वारदात के दिन ही अफान की हत्या की आशंका जताई थी. परिजनों का आरोप था कि अफान की पीट-पीटकर हत्या की गई है. उसी प्राथमिकी के आधार पर पुलिस लगातार मामले की जांच में जुटी रही और आखिरकार इस कांड से पर्दा हटा.