रांची: सावन के महीने में बड़ी संख्या में शिवभक्त बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर और दुमका के बासुकीनाथ के दरबार में पहुंचते हैं. बाबा के दरबार में जलाभिषेक करने पहुंचने वाले शिव भक्त प्रसाद के रूप में सबसे ज्यादा पेड़ा की खरीददारी करते हैं. लेकिन इस पेड़ा और बाकि अन्य प्रसादों में मिलावट की जा रही है. दरअसल, श्रावणी मेले के दौरान देवघर, दुमका, खूंटी, रांची के पहाड़ी मंदिर और अन्य तीर्थस्थलों पर बिकने वाले प्रसादों की फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने जब जांच की पेड़ा खराब गुणवत्ता वाले मिले.
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आर्टिफिशियल खोवा, पाम ऑयल और स्टार्च की मिलावट: रांची स्थित स्टेट फूड टेस्टिंग लैब के हेड और फूड विश्लेषक चतुर्भुज मीणा ने ईटीवी भारत को बताया कि देवघर और दुमका में इन दिनों श्रावणी मेले को लेकर पेड़ों की खपत काफी बढ़ जाती है. मांग बढ़ने पर दुकानदार पेड़ों की कीमत तो बढ़ाते ही हैं.
जांच में यह बात भी सामने आई है कि FSSAI के प्रावधानों का उल्लंघन कर कई तरह की मिलावट भी करते हैं. चतुर्भुज मीणा ने बताया कि आर्टिफिशियल खोवा, शुद्ध देसी घी की जगह पाम आयल का इस्तेमाल हो रहा है. साथ ही पेड़ा का वजन बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में बाहर से स्टार्च मिलाया जा रहा है. इसकी वजह से खरीददारों के स्वास्थ्य खराब होने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं उनके जेब को भी चूना लगता है.
मौके पर ही बर्बाद किये जा रहे हैं मिलावटी पेड़े: राज्य के खाद्य विश्लेषक चतुर्भुज मीणा ने बताया कि श्रावणी मेले के दौरान लगातार फूड सेफ्टी विभाग की टीम मेले में बिक रही खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांच कर रही है. उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में सैंपल को मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब में जांच करने पर उसमें तरह-तरह के मिलावट की पुष्टि हुई है. उन्होंने कहा कि मौके पर मिलावट या खराब गुणवत्ता वाले मिठाईयां और पेड़ा को नष्ट कर दिया जा रहा है, जबकि बड़े दुकानदारों को अर्थदंड भी लगाया गया है.