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रांची: आदिवासी जन परिषद पंच परगना क्षेत्रीय कमेटी की हुई बैठक, कई मुद्दों पर बनी रणनीति - पंच परगना क्षेत्रीय कमेटी

आदिवासी जन परिषद (पंच परगना क्षेत्रीय कमेटी) की बैठक तमाड़ के आरहांगा पंचायत के बुसुडिह ग्राम में हुई. बैठक में कई मुद्दों पर रणनीति तैयार की गई. क्षेत्रीय कमेटी के अध्यक्ष सिदाम मुंडा ने कहा कि आज भी सरकारी योजनाओं से आदिवासी समाज वंचित है.

adiwasi Jan Parishad Panch Pargana Regional Committee Meeting
आदिवासी जन परिषद पंच परगना क्षेत्रीय कमेटी की हुई बैठक
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Published : Apr 21, 2021, 9:36 PM IST

रांची: आदिवासी जन परिषद (पंच परगना क्षेत्रीय कमेटी) की बैठक तमाड़ के आरहांगा पंचायत के बुसुडिह ग्राम में बैठक हुई. आदिवासियों की विभिन्न जनसमस्याओं के समाधान को लेकर जोहन मुंडा की अध्यक्षता में संपन्न हुई.

ये भी पढ़ें- स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का सख्ती से पालन करें, विधायक अंबा प्रसाद की अपील

इस बैठक के पहले आदिवासी आंदोलन के जन नेता कामरेड राजेंद्र सिंह मुंडा को 1 मिनट का मौन रखकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया. उनके विचारों और सिद्धांतों के आधार पर संघर्ष करने का संकल्प लिया गया.

कोरोना की रोकथाम पर चर्चा

कार्यक्रम में कैंप लगाकर गरीब जनता के श्रम कार्ड बनाए गए. बैठक में प्रमुख रूप से कोरोना की दूसरी लहर को कैसे रोका जाए, आदिवासियों के विकास, मजदूरों की समस्याएं, सीएनटी एक्ट, पांच परगना क्षेत्र की विकास अन्य विभिन्न मामले पर गहन विचार-विमर्श किया गया.
बैठक को संबोधित करते हुए आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा देश में दूसरी कोरोना की लहर को रोकने के लिए जाति धर्म से ऊपर उठकर संघर्ष करने की आवश्यकता है क्योंकि देश और राज्य में अनेक लोग धनवान होने बावजूद भी राज्य का पूरा सिस्टम कोरोना के सामने नतमस्तक हो गया है.

स्थिति भयावह है, शहर में हॉस्पिटलों में जगह नहीं मिल रहीं है. पैसा रहने के बावजूद भी लोगों की इलाज के अभाव में मृत्यु हो रही है. इसलिए पंचपरगणा क्षेत्र ही नहीं पूरे रांची जिले में कोरोना की महामारी को ग्रामीण स्तर पर जन-जागरण अभियान के लिए आदिवासी संगठन को आगे आना होगा.

जागरूकता अभियान चलाएं
आदिवासी जन परिषद राज्य सरकार से मांग करती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से लड़ने के लिए खेतों में सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था की जाए, खेती के लिए बीज की व्यवस्था की जाए, मजदूरों के लिए युद्ध स्तर पर कार्ड बनाया जाएं और उनके खाते में पैसा दिए जाएं.

ग्रामीणों को संबोधित करते हुए मुंडा ने कहा कि बाहरी व्यक्तियों को बिना जांच पड़ताल किए गांव में घुसने न दें. इसकी सूचना प्रशासन या संगठन को दी जाए और कोरोना जांच करने के बाद ही किसी भी मेहमान को अंदर आने दें. कोरोना महामारी की रोक के लिए जागरुकता जरूरी है. आदिवासी जन परिषद रांची जिले के कोने-कोने और खासकर पंचपरगना क्षेत्र में भी जागरूकता अभियान चलाएगी.

सरकारी योजनाओं से वंचित हैं आदिवासी समाज
सिदाम मुंडा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी मजदूरों के कार्ड नहीं बने हैं और श्रम विभाग की योजना अभी इस क्षेत्र में लागू नहीं हो रहीं हैं. कोरोना काल में जमीनी स्तर पर पांच परगना क्षेत्र में सरकार की सभी योजना लागू होनी चाहिए. अलग राज्य होने के बाद भी सबसे ज्यादा यदि सरकारी योजनाओं से वंचित हैं तो वह है आदिवासी समाज. इस कार्यक्रम में निम्नलिखित प्रस्ताव पारित हुए.

1. पांच परगना क्षेत्र की सभी पंचयतों मे कोरोना जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
2. दिनांक 27 मई को अरहंगा में पुनः बैठक की जाएगी.
3 पंचपरगना क्षेत्र में कोरोना काल के दौरान सभी को मुफ्त अनाज की व्यवस्था की जाए और हर खेत में पानी की व्यवस्था की जाए.

बैठक में मुख्य रूप से मुख्य अतिथि रूप व आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा, अध्यक्ष सिदाम मुंडा, जमशेदपुर प्रभारी विष्णु मुंडा, मधुसूदन मुंडा, चंद्रशेखर मुंडा, प्रभुदयाल मुंडा आदि मौजूद थे.

रांची: आदिवासी जन परिषद (पंच परगना क्षेत्रीय कमेटी) की बैठक तमाड़ के आरहांगा पंचायत के बुसुडिह ग्राम में बैठक हुई. आदिवासियों की विभिन्न जनसमस्याओं के समाधान को लेकर जोहन मुंडा की अध्यक्षता में संपन्न हुई.

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इस बैठक के पहले आदिवासी आंदोलन के जन नेता कामरेड राजेंद्र सिंह मुंडा को 1 मिनट का मौन रखकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया. उनके विचारों और सिद्धांतों के आधार पर संघर्ष करने का संकल्प लिया गया.

कोरोना की रोकथाम पर चर्चा

कार्यक्रम में कैंप लगाकर गरीब जनता के श्रम कार्ड बनाए गए. बैठक में प्रमुख रूप से कोरोना की दूसरी लहर को कैसे रोका जाए, आदिवासियों के विकास, मजदूरों की समस्याएं, सीएनटी एक्ट, पांच परगना क्षेत्र की विकास अन्य विभिन्न मामले पर गहन विचार-विमर्श किया गया.
बैठक को संबोधित करते हुए आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा देश में दूसरी कोरोना की लहर को रोकने के लिए जाति धर्म से ऊपर उठकर संघर्ष करने की आवश्यकता है क्योंकि देश और राज्य में अनेक लोग धनवान होने बावजूद भी राज्य का पूरा सिस्टम कोरोना के सामने नतमस्तक हो गया है.

स्थिति भयावह है, शहर में हॉस्पिटलों में जगह नहीं मिल रहीं है. पैसा रहने के बावजूद भी लोगों की इलाज के अभाव में मृत्यु हो रही है. इसलिए पंचपरगणा क्षेत्र ही नहीं पूरे रांची जिले में कोरोना की महामारी को ग्रामीण स्तर पर जन-जागरण अभियान के लिए आदिवासी संगठन को आगे आना होगा.

जागरूकता अभियान चलाएं
आदिवासी जन परिषद राज्य सरकार से मांग करती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से लड़ने के लिए खेतों में सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था की जाए, खेती के लिए बीज की व्यवस्था की जाए, मजदूरों के लिए युद्ध स्तर पर कार्ड बनाया जाएं और उनके खाते में पैसा दिए जाएं.

ग्रामीणों को संबोधित करते हुए मुंडा ने कहा कि बाहरी व्यक्तियों को बिना जांच पड़ताल किए गांव में घुसने न दें. इसकी सूचना प्रशासन या संगठन को दी जाए और कोरोना जांच करने के बाद ही किसी भी मेहमान को अंदर आने दें. कोरोना महामारी की रोक के लिए जागरुकता जरूरी है. आदिवासी जन परिषद रांची जिले के कोने-कोने और खासकर पंचपरगना क्षेत्र में भी जागरूकता अभियान चलाएगी.

सरकारी योजनाओं से वंचित हैं आदिवासी समाज
सिदाम मुंडा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी मजदूरों के कार्ड नहीं बने हैं और श्रम विभाग की योजना अभी इस क्षेत्र में लागू नहीं हो रहीं हैं. कोरोना काल में जमीनी स्तर पर पांच परगना क्षेत्र में सरकार की सभी योजना लागू होनी चाहिए. अलग राज्य होने के बाद भी सबसे ज्यादा यदि सरकारी योजनाओं से वंचित हैं तो वह है आदिवासी समाज. इस कार्यक्रम में निम्नलिखित प्रस्ताव पारित हुए.

1. पांच परगना क्षेत्र की सभी पंचयतों मे कोरोना जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
2. दिनांक 27 मई को अरहंगा में पुनः बैठक की जाएगी.
3 पंचपरगना क्षेत्र में कोरोना काल के दौरान सभी को मुफ्त अनाज की व्यवस्था की जाए और हर खेत में पानी की व्यवस्था की जाए.

बैठक में मुख्य रूप से मुख्य अतिथि रूप व आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा, अध्यक्ष सिदाम मुंडा, जमशेदपुर प्रभारी विष्णु मुंडा, मधुसूदन मुंडा, चंद्रशेखर मुंडा, प्रभुदयाल मुंडा आदि मौजूद थे.

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