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रघुवर सरकार के मंत्रियों पर एसीबी जांच के आदेश से बढ़ा सियासी तापमान, भाजपा बोली पूर्वाग्रह से ग्रसित कदम तो कांग्रेस ने सही कदम बताया

रघुवर सरकार के पांच पूर्व मंत्रियों के खिलाफ एसीबी जांच के आदेश दिए गए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत सरकार के इस कदम को पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर उठाया गया कदम बताया है तो सरकार में शामिल कांग्रेस ने इसे सही कदम बताया है.

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सियासी तापमान
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Published : Jun 1, 2022, 8:20 PM IST

रांची: रघुवर सरकार के पांच पूर्व मंत्रियों के खिलाफ एसीबी जांच का आदेश दिए जाने के बाद राज्य का सियासी तापमान बढ़ गया है. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी अपने नेताओं का बचाव करते हुए हेमंत सरकार पर पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर कदम उठाने का आरोप लगा रहा है तो दूसरी ओर सरकार में शामिल कांग्रेस ने इसे सही कदम बताया है.

ये भी पढ़ें-हेमंत सरकार का बड़ा फैसला, रघुवर दास सरकार के मंत्रियों की संपत्ति की जांच करेगी एसीबी

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आय से अधिक संपत्ति मामले में हेमंत सरकार द्वारा रघुवर सरकार में रहे पांच पूर्व मंत्रियों अमर बाउरी, रणधीर कुमार सिंह, नीरा यादव, लुईस मरांडी और नीलकंठ सिंह मुंडा के खिलाफ एसीबी जांच के आदेश को पूर्वाग्रह से ग्रसित और हताशा में लिया गया फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि जिस सरकार के मुख्यमंत्री खुद भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे हुए हों वो क्या फैसला लेंगे. कहीं ना कहीं ये हताशा में उठाया गया कदम है.इधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि जरूर कुछ ना कुछ सच्चाई होगी, तभी एसीबी ने जांच शुरू की गई है.

देखें पूरी खबर
ये है मामलाः झारखंड हाईकोर्ट में पंकज कुमार यादव ने एक जनहित याचिका दाखिल की थी. इस पर 2020 में आए फैसले के बाद राज्य सरकार ने कदम उठाते हुए रघुवर सरकार के कार्यकाल में मंत्री रहे रणधीर सिंह, अमर कुमार बाउरी, नीलकंठ सिंह मुंडा, नीरा यादव और लुईस मरांडी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में एसीबी जांच का आदेश दिया है. याचिकाकर्ता ने इन पांचों पूर्व मंत्रियों की संपत्ति 200 से 1100 प्रतिशत तक बढ़ने का आरोप लगाया गया था.

याचिकाकर्ता का आरोप था कि वर्ष 2014 के चुनाव के दौरान भरे गए शपथ पत्र और वर्ष 2019 में भरे गए शपथ पत्र की जांच करने में इनकी संपत्ति में 200 से 1100 % तक की बढ़ोतरी हुई है जो केवल वेतन से नहीं हो सकती. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में प्रार्थी पंकज कुमार यादव द्वारा जनहित याचिका दाखिल कर सीबीआई जांच कराने की मांग की थी.

रांची: रघुवर सरकार के पांच पूर्व मंत्रियों के खिलाफ एसीबी जांच का आदेश दिए जाने के बाद राज्य का सियासी तापमान बढ़ गया है. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी अपने नेताओं का बचाव करते हुए हेमंत सरकार पर पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर कदम उठाने का आरोप लगा रहा है तो दूसरी ओर सरकार में शामिल कांग्रेस ने इसे सही कदम बताया है.

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बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आय से अधिक संपत्ति मामले में हेमंत सरकार द्वारा रघुवर सरकार में रहे पांच पूर्व मंत्रियों अमर बाउरी, रणधीर कुमार सिंह, नीरा यादव, लुईस मरांडी और नीलकंठ सिंह मुंडा के खिलाफ एसीबी जांच के आदेश को पूर्वाग्रह से ग्रसित और हताशा में लिया गया फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि जिस सरकार के मुख्यमंत्री खुद भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे हुए हों वो क्या फैसला लेंगे. कहीं ना कहीं ये हताशा में उठाया गया कदम है.इधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि जरूर कुछ ना कुछ सच्चाई होगी, तभी एसीबी ने जांच शुरू की गई है.

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ये है मामलाः झारखंड हाईकोर्ट में पंकज कुमार यादव ने एक जनहित याचिका दाखिल की थी. इस पर 2020 में आए फैसले के बाद राज्य सरकार ने कदम उठाते हुए रघुवर सरकार के कार्यकाल में मंत्री रहे रणधीर सिंह, अमर कुमार बाउरी, नीलकंठ सिंह मुंडा, नीरा यादव और लुईस मरांडी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में एसीबी जांच का आदेश दिया है. याचिकाकर्ता ने इन पांचों पूर्व मंत्रियों की संपत्ति 200 से 1100 प्रतिशत तक बढ़ने का आरोप लगाया गया था.

याचिकाकर्ता का आरोप था कि वर्ष 2014 के चुनाव के दौरान भरे गए शपथ पत्र और वर्ष 2019 में भरे गए शपथ पत्र की जांच करने में इनकी संपत्ति में 200 से 1100 % तक की बढ़ोतरी हुई है जो केवल वेतन से नहीं हो सकती. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में प्रार्थी पंकज कुमार यादव द्वारा जनहित याचिका दाखिल कर सीबीआई जांच कराने की मांग की थी.

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