रांचीः भ्रष्टाचार के मामले में हेमंत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. हेमंत सोरेन सरकार ने पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के कैबिनेट के मंत्रियों की आय से अधिक संपत्ति की जांच एसीबी से कराने का आदेश दिया है.
दरअसल, साल 2020 में पंकज कुमार यादव नाम के शख्स ने झारखंड हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल कर पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के मंत्रियों की संपत्ति की जांच की मांग की थी. उसी पीआईएल को आधार बनाकर हेमंत सरकार ने एसीबी को जांच करने का आदेश दिया है.
आपको बता दें कि झारखंड में 10 फरवरी से भ्रष्टाचार को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग चल रही है. मुख्य विपक्षी दल भाजपा का कहना है कि वर्तमान सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत दुमका के विधायक बसंत सोरेन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर और झामुमो विधायक दीपक बिरुआ पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप लगाकर सदस्यता रद्द करने की मांग चुनाव आयोग से की गई है.
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पर अवैध तरीके से खनन पट्टा लेने और फिर कंपनियों में भागीदारी के मामले की सीबीआई से जांच के लिए हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की गई है. भाजपा का कहना है कि वर्तमान सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है. बालू और कोयले की अवैध धुलाई का मामला बार-बार उठाया जा रहा है. इस बीच भ्रष्टाचार के मामले को आधार बनाकर हेमंत सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेला है. वर्तमान राजनीतिक हालात के बीच सरकार के इस फैसले के कई मायने निकाले जा रहे हैं.