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ABVP ने आरयू की समस्याओं को लेकर दिया धरना, अधिकारियों से की मुलाकात - रांची में एबीवीपी ने धरना दिया

एबीवीपी ने रांची विश्वविद्यालय में व्याप्त विभिन्न समस्याओं को लेकर एक दिवसीय सांकेतिक धरना रांची विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर दिया. इसी दौरान चांसलर पोर्टल में व्याप्त परेशानियों को लेकर संबंधित अधिकारियों से भी मुलाकात की.

ABVP protest in Ranchi
ABVP ने आरयू की समस्याओं को लेकर दिया धरना
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Published : Aug 24, 2020, 8:20 PM IST

रांची: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने रांची विश्वविद्यालय में व्याप्त विभिन्न समस्याओं को लेकर एक दिवसीय सांकेतिक धरना रांची विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर दिया. साथ ही चांसलर पोर्टल में व्याप्त परेशानियों को लेकर संबंधित अधिकारियों से भी मुलाकात की गई. सांकेतिक धरना के क्रम में एबीवीपी के प्रतिनिधि मंडल ने रांची विश्वविद्यालय में व्याप्त विभिन्न समस्याओं को प्रति कुलपति डॉ. कामिनी कुमार को अवगत कराया प्रतिनिधिमंडल ने चांसलर पोर्टल के संदर्भ में कहा कि आज छात्रों को वेबसाइट खोलने और एक फॉर्म भरने में लगभग 1 से 2 घंटे का समय लग रहा है.

ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं के पास टेक्नोलॉजी की कमी होने के कारण अधिकतर छात्र छात्राएं फॉर्म भरने से वंचित हो रहे हैं. नामांकन फॉर्म भरने के पश्चात पेमेंट संबंधित दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है. दुर्भाग्यवश अगर विद्यार्थी किसी भी प्रकार की गलत जानकारी भरता है तो उसे सुधारने का विकल्प नहीं दिया जा रहा है. मेरिट लिस्ट बनाने में भी काफी गड़बड़ी हो रही है. ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन फॉर्म भरने का भी प्रबंध विश्वविद्यालय को करना चाहिए, जिससे कि जो छात्र ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाए, वैसे छात्र ऑफलाइन की मदद से अपना नामांकन का आवेदन कर सकें.

ये भी पढ़ें: झारखण्ड के लिए राहत की खबर, तीसरी बार भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी की कोविड-19 रिपोर्ट आई नेगेटिव

दूर होगी समस्याएं
वार्ता के क्रम में प्रति कुलपति डॉ. कामिनी कुमार ने कहा कि चांसलर पोर्टल में व्याप्त समस्याओं का जल्द निवारण कर लिया जाएगा, लेकिन चांसलर पोर्टल राजभवन से नियंत्रित है. विश्वविद्यालय इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता. इस पर अभाविप के प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय से यह मांग की है कि रांची विश्वविद्यालय अविलंब इन सारी समस्याओं का निवारण जल्द करें, अन्यथा छात्र हित में अभाविप उग्र आंदोलन को बाध्य होगी.

रांची विश्वविद्यालय को भी दूसरे विश्वविद्यालयों की तर्ज पर अपने पोर्टल के माध्यम से छात्रों का नामांकन लेनी चाहिए, चांसलर पोर्टल के चलते विश्वविद्यालय की स्वायत्तता समाप्त हो गई है. रांची विश्वविद्यालय अपनी स्वायत्तता बरकरार रखें, चांसलर पोर्टल में व्याप्त समस्याओं को लेकर छात्रों में संशय की स्थिति बनी हुई है, जिससे कि वे आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं, इसके लिए विश्वविद्यालय अपने ही माध्यम से नामांकन ले, झारखंड की सरकार को भी इसमें आगे आकर छात्र हित में चांसलर पोर्टल हटाकर रांची विश्वविद्यालय को अपने स्तर पर नामांकन लेने की स्वीकृति प्रदान करनी चाहिए.

रांची: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने रांची विश्वविद्यालय में व्याप्त विभिन्न समस्याओं को लेकर एक दिवसीय सांकेतिक धरना रांची विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर दिया. साथ ही चांसलर पोर्टल में व्याप्त परेशानियों को लेकर संबंधित अधिकारियों से भी मुलाकात की गई. सांकेतिक धरना के क्रम में एबीवीपी के प्रतिनिधि मंडल ने रांची विश्वविद्यालय में व्याप्त विभिन्न समस्याओं को प्रति कुलपति डॉ. कामिनी कुमार को अवगत कराया प्रतिनिधिमंडल ने चांसलर पोर्टल के संदर्भ में कहा कि आज छात्रों को वेबसाइट खोलने और एक फॉर्म भरने में लगभग 1 से 2 घंटे का समय लग रहा है.

ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं के पास टेक्नोलॉजी की कमी होने के कारण अधिकतर छात्र छात्राएं फॉर्म भरने से वंचित हो रहे हैं. नामांकन फॉर्म भरने के पश्चात पेमेंट संबंधित दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है. दुर्भाग्यवश अगर विद्यार्थी किसी भी प्रकार की गलत जानकारी भरता है तो उसे सुधारने का विकल्प नहीं दिया जा रहा है. मेरिट लिस्ट बनाने में भी काफी गड़बड़ी हो रही है. ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन फॉर्म भरने का भी प्रबंध विश्वविद्यालय को करना चाहिए, जिससे कि जो छात्र ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाए, वैसे छात्र ऑफलाइन की मदद से अपना नामांकन का आवेदन कर सकें.

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दूर होगी समस्याएं
वार्ता के क्रम में प्रति कुलपति डॉ. कामिनी कुमार ने कहा कि चांसलर पोर्टल में व्याप्त समस्याओं का जल्द निवारण कर लिया जाएगा, लेकिन चांसलर पोर्टल राजभवन से नियंत्रित है. विश्वविद्यालय इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता. इस पर अभाविप के प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय से यह मांग की है कि रांची विश्वविद्यालय अविलंब इन सारी समस्याओं का निवारण जल्द करें, अन्यथा छात्र हित में अभाविप उग्र आंदोलन को बाध्य होगी.

रांची विश्वविद्यालय को भी दूसरे विश्वविद्यालयों की तर्ज पर अपने पोर्टल के माध्यम से छात्रों का नामांकन लेनी चाहिए, चांसलर पोर्टल के चलते विश्वविद्यालय की स्वायत्तता समाप्त हो गई है. रांची विश्वविद्यालय अपनी स्वायत्तता बरकरार रखें, चांसलर पोर्टल में व्याप्त समस्याओं को लेकर छात्रों में संशय की स्थिति बनी हुई है, जिससे कि वे आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं, इसके लिए विश्वविद्यालय अपने ही माध्यम से नामांकन ले, झारखंड की सरकार को भी इसमें आगे आकर छात्र हित में चांसलर पोर्टल हटाकर रांची विश्वविद्यालय को अपने स्तर पर नामांकन लेने की स्वीकृति प्रदान करनी चाहिए.

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