रांची: ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण के खतरे को समय रहते खत्म करने के लिए 25 मई से शुरू डोर-टू-डोर सर्वेक्षण अभियान में पहले दिन 431 लोग संक्रमित मिले. पहले दिन 86 हजार घरों तक टीम पहुंची और रैपिड एंटीजन किट से लोगों का कोरोना टेस्ट किया. इस दौरान 4 हजार से ज्यादा लोग संदिग्ध पाए गए.
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यास का पड़ा असर
यास का असर सर्वेक्षण अभियान पर भी पड़ा है. पहले दिन 2 लाख घरों तक पहुंचने का लक्ष्य था लेकिन महज 86 हजार घरों तक ही टीम पहुंची. एनएचएम के आईईसी नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि तूफान की वजह से हेल्थ सर्वे अभियान प्रभावित हुआ है. सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि 86,193 परिवार के 4,30,980 लोगों का सर्वेक्षण किया गया जिसमें 4,310 लोग संदिग्ध पाए गए. ऐसे लोगों को आइसोलेट कर दिया गया है. कोरोना पॉजिटिव लोगों को ट्रीटमेंट किट दिया गया है.
सर्वेक्षण अभियान में 8600 टीम
सर्वेक्षण अभियान में 8600 टीम लगाई गईं हैं. 5 जून तक यह टीम झारखंड के करीब 4 हजार पंचायतों और शहरी इलाकों में घर-घर जाकर कोरोना संदिग्धों की जांच करेंगी. स्वास्थ्य विभाग के राज्य नोडल पदाधिकारी आईईसी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि राज्य में कई ऐसी पंचायतें हैं, जहां कोरोना मरीजों की संख्या कम है जबकि कई जगह स्थिति अलार्मिंग है. सरकार का प्रयास है कि कोरोना के सभी संदिग्ध संक्रमितों की पहचान समय रहते की जा सके ताकि उनका इलाज संभव हो.