दौसा. जिले में अचानक बड़ी तादाद में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे कोरोना संक्रमित पाये जा रहे हैं. मई माह में 21 दिनों में अब तक 341 बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं. इससे प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है.
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बच्चों में कोरोना संक्रमण
तीसरी लहर में कोरोना का प्रभाव बच्चों पर सबसे अधिक होने की आशंका विशेषज्ञ लगातार जता रहे हैं. ऐसे में जिले में बच्चों पर संक्रमण का असर अभी से नजर आने लगा है. जिसको लेकर प्रशासन ने नजर रखना शुरू कर दिया है. हालांकि गंभीर रूप से बीमार होने का कोई भी केस अबतक सामने नहीं आया है.
मई माह में 6288 संक्रमित
जिले में मई माह में अब तक कुल 6288 संक्रमित सामने आए हैं. इनमें से 341 संक्रमित 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं. हालांकि यह 6 प्रतिशत से भी कम आंकड़ा है. चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मई माह में बड़ी संख्या में जिले में कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. ऐसे में ज्यादातर बच्चे अपने परिजनों के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं.
बच्चों के गंभीर केस नहीं
गनीमत है कि फिलहाल बच्चों का कोई गंभीर केस अबतक नहीं निकला. सभी होम आइसोलेशन में हैं. अधिकतर बच्चे ठीक भी हो गए हैं. अन्य मरीजों से 18 वर्ष तक के बच्चों में संक्रमण होना स्वभाविक है.
चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि माता-पिता या घर में कोई और संक्रमित होता है तो बच्चे और किशोर भी उनके संपर्क में आने से संक्रमित हो जाते हैं. उसी का असर रहा है कि मई माह में 341 बच्चे संक्रमित हो गए.
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कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर तैयारियां
जिला कलेक्टर पियूष समारिया ने कहा कि बच्चों में कोरोना संक्रमण शुरू से मिलता रहा है. 18 वर्ष तक के बच्चे कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं लेकिन अस्पताल में एडमिट करने की नौबत नहीं आई है. कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखकर व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. जिला अस्पताल को अलर्ट कर रखा है. फिलहाल कोई गंभीर मरीज बच्चों में नहीं है.
बच्चों का रखें ध्यान
राष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञ लगातार अपील कर रहे हैं कि बच्चों का ध्यान रखने की जरूरत है. बच्चों की इम्यूनिटी पावर कम होती है. बच्चे मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की गंभीरता को भी नहीं समझते. वे थोड़े लापरवाह होते हैं. ऐसे में उनकी साफ सफाई, बार-बार हाथ धोने, संक्रमित परिवार जन से दूरी रखने की जिम्मेदारी परिवारजन की है. ऐसे में बच्चों का पूरी तरह से ध्यान रखा जाना चाहिए. बच्चों के लिए अभी वैक्सीनेशन की व्यवस्था भी नहीं है, ऐसे में तीसरी लहर में बच्चे अधिक प्रभावित हो सकते हैं.