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आजीवन कारावास की सजा काट रहे 28 कैदी किए जाएंगे रिहा, सीएम हेमंत सोरेन ने सामाजिक पुनर्वास सुनिश्चित करने का दिया निर्देश

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 24, 2023, 6:19 PM IST

झारखंड में आजीवन सजा काट रहे 28 कैदियों को रिहा किया जाएगा. इसके लिए सीएम हेमंत सोरेन ने सामाजिक पुनर्वास सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

prisoners serving life sentence will be released
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रांची: राज्य के अलग-अलग जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 28 कैदियों को रिहा किया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 29वीं बैठक में इस प्रस्ताव पर सहमति बनी है. बैठक के दौरान राज्य के कारागारों में आजीवन सजा काट रहे 41 कैदियों की रिहाई को लेकर समीक्षा की गई. बैठक में 28 कैदियों को रिहा करने पर सहमति बनी. इस दौरान अदालतों, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक और प्रोबेशन पदाधिकारी के मंतव्य पर गहन विचार-विमर्श के बाद राज्य के अलग-अलग जेलों में आजीवन सजा काट रहे 28 कैदियों को रिहा करने पर स्वीकृति दी गई.

रिहा होने वाले कैदियों के सामाजिक पुनर्वास पर जोर: समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में जिन कैदियों की रिहाई सुनिश्चित की गई है, उनका सामाजिक पुनर्वास जरूरी है. उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग के अधिकारी एक बेहतर कार्य योजना बनाकर इन कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम करें. जेल से रिहा होने के बाद ऐसे कैदियों की गतिविधियों की ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने समय-समय पर इन कैदियों की काउंसलिंग का भी निर्देश दिया. जेल से निकलने के बाद इन कैदियों के जीवनयापन में सामाजिक रूप से कोई बाधा न पहुंचे और आर्थिक समस्या न हो इसको ध्यान में रखते हुए उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का भी सीएम ने निर्देश दिया है.

झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 29वीं बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग अविनाश कुमार, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, प्रधान सचिव-सह-विधि परामर्शी विधि (न्याय) विभाग नलिन कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, न्यायायिक आयुक्त अरुण कुमार राय, कारा महानिरीक्षक उमा शंकर सिंह समेत कई वरीय पदादिकारी मौजूद थे.

रांची: राज्य के अलग-अलग जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 28 कैदियों को रिहा किया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 29वीं बैठक में इस प्रस्ताव पर सहमति बनी है. बैठक के दौरान राज्य के कारागारों में आजीवन सजा काट रहे 41 कैदियों की रिहाई को लेकर समीक्षा की गई. बैठक में 28 कैदियों को रिहा करने पर सहमति बनी. इस दौरान अदालतों, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक और प्रोबेशन पदाधिकारी के मंतव्य पर गहन विचार-विमर्श के बाद राज्य के अलग-अलग जेलों में आजीवन सजा काट रहे 28 कैदियों को रिहा करने पर स्वीकृति दी गई.

रिहा होने वाले कैदियों के सामाजिक पुनर्वास पर जोर: समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में जिन कैदियों की रिहाई सुनिश्चित की गई है, उनका सामाजिक पुनर्वास जरूरी है. उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग के अधिकारी एक बेहतर कार्य योजना बनाकर इन कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम करें. जेल से रिहा होने के बाद ऐसे कैदियों की गतिविधियों की ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने समय-समय पर इन कैदियों की काउंसलिंग का भी निर्देश दिया. जेल से निकलने के बाद इन कैदियों के जीवनयापन में सामाजिक रूप से कोई बाधा न पहुंचे और आर्थिक समस्या न हो इसको ध्यान में रखते हुए उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का भी सीएम ने निर्देश दिया है.

झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 29वीं बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग अविनाश कुमार, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, प्रधान सचिव-सह-विधि परामर्शी विधि (न्याय) विभाग नलिन कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, न्यायायिक आयुक्त अरुण कुमार राय, कारा महानिरीक्षक उमा शंकर सिंह समेत कई वरीय पदादिकारी मौजूद थे.

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