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TB Mukt Bharat Campaign: झारखंड के 20 हजार मरीजों ने गोद लिए जाने की दी सहमति - टीबी उन्मूलन का लक्ष्य

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 2.0 (TB Mukt Bharat campaign) को लेकर झारखंड के 20 हजार टीबी मरीजों ने गोद लिए जाने की सहमति दे दी (TB patients agreed to be adopted) है. सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ ऑनलाइन बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्र से टीबी मरीजों को मिलने वाली पोषण राशि को 500 प्रति महीना से बढ़ाये जाने की मांग की.

20 thousand patients of Jharkhand agreed to be adopted for TB Mukt Bharat campaign
रांची
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Published : Sep 13, 2022, 10:37 AM IST

रांचीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया ने सोमवार को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 2.0 को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Health Minister Banna Gupta) के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. जिसमें राज्य के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह एवं अन्य स्वास्थ्य अधिकारी भी उपस्थित रहे. इस मीटिंग में मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि प्रदेश के करीब 21 हजार टीबी ग्रस्त मरीज सहायता के लिए गोद लिए जाने की इच्छा पर अपनी सहमति जतायी (TB patients agreed to be adopted) है.

इसे भी पढ़ें- प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 2.0 का शुभारंभ, झारखंड टीबी उन्मूलन की ओर बढ़ रहा- स्वास्थ्य मंत्री

इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस वर्ष 01 जनवरी से 12 सितंबर तक झारखंड में 39 हजार 387 टीबी मरीजों की पहचान की गयी (TB patients in Jharkhand) है. जिसमें से 34 हजार 135 मरीजों का इलाज चल रहा हैं. इन 34 हजार 135 टीबी मरीजों में से 20 हजार 919 मरीजों ने गोद लिए जाने को लेकर सहमति दे दी है. 09 सितंबर को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 2.0 का शुभारंभ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ऑनलाइन किया. इसी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सोमवार को राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी शामिल हुए.

उन्होंने बताया कि अभियान के तहत 2025 तक झारखंड से टीबी उन्मूलन का लक्ष्य (TB eradication goal) रखा गया है. टीबी मरीजों के पोषण में सुधार को लेकर निक्षय पोषण योजना के तहत मरीजों को इलाज के दौरान हर माह 500 रुपए पोषण के लिए डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध करायी जाती है. इसको भी बढ़ाए जाने की मांग केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से की गई है. क्योंकि महंगाई के इस दौर में 500 रुपये में एक महीने पौष्टिक खाना सुनिश्चित करना मुश्किल होता है.


मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि सामुदायिक सहभागिता के तहत टीबी मरीजों को गोद लेकर सहयोग करने का भी प्रावधान किया गया है. इस पहल से टीबी मरीज का इलाज अच्छे से होगा और टीबी मुक्त झारखंड का सपना साकार होगा. इसमें प्राईवेट एजेंसी, कॉरपोरेट, कॉपरेटिव सोसायटी, पब्लिक रिप्रजेंटेटिव व संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत स्तर पर भी गोद लेने की व्यवस्था की गयी है. जिलों में सामुदायिक सहभागिता के लिए सीएसआर का उन्मुखीकरण किया जा रहा है. हिंडाल्को कंपनी ने गुमला जिला में एक टीबी यूनिट और पलामू के बिश्रामपुर को गोद लिया है. जिसका रेजिस्ट्रेशन निक्षय पोर्टल में किया जा रहा है. इसी तरह गैलेक्सी यूथ कंपनी ने पूर्वी सिंहभूम में मानगो व पटमदा टीबी यूनिट को गोद लिया है जबकि बोकारो में 15 कॉरपोरेट्स के द्वारा लेटर ऑफ इंटेंट समर्पित किया गया है.

रांचीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया ने सोमवार को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 2.0 को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Health Minister Banna Gupta) के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. जिसमें राज्य के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह एवं अन्य स्वास्थ्य अधिकारी भी उपस्थित रहे. इस मीटिंग में मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि प्रदेश के करीब 21 हजार टीबी ग्रस्त मरीज सहायता के लिए गोद लिए जाने की इच्छा पर अपनी सहमति जतायी (TB patients agreed to be adopted) है.

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इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस वर्ष 01 जनवरी से 12 सितंबर तक झारखंड में 39 हजार 387 टीबी मरीजों की पहचान की गयी (TB patients in Jharkhand) है. जिसमें से 34 हजार 135 मरीजों का इलाज चल रहा हैं. इन 34 हजार 135 टीबी मरीजों में से 20 हजार 919 मरीजों ने गोद लिए जाने को लेकर सहमति दे दी है. 09 सितंबर को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 2.0 का शुभारंभ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ऑनलाइन किया. इसी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सोमवार को राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी शामिल हुए.

उन्होंने बताया कि अभियान के तहत 2025 तक झारखंड से टीबी उन्मूलन का लक्ष्य (TB eradication goal) रखा गया है. टीबी मरीजों के पोषण में सुधार को लेकर निक्षय पोषण योजना के तहत मरीजों को इलाज के दौरान हर माह 500 रुपए पोषण के लिए डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध करायी जाती है. इसको भी बढ़ाए जाने की मांग केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से की गई है. क्योंकि महंगाई के इस दौर में 500 रुपये में एक महीने पौष्टिक खाना सुनिश्चित करना मुश्किल होता है.


मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि सामुदायिक सहभागिता के तहत टीबी मरीजों को गोद लेकर सहयोग करने का भी प्रावधान किया गया है. इस पहल से टीबी मरीज का इलाज अच्छे से होगा और टीबी मुक्त झारखंड का सपना साकार होगा. इसमें प्राईवेट एजेंसी, कॉरपोरेट, कॉपरेटिव सोसायटी, पब्लिक रिप्रजेंटेटिव व संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत स्तर पर भी गोद लेने की व्यवस्था की गयी है. जिलों में सामुदायिक सहभागिता के लिए सीएसआर का उन्मुखीकरण किया जा रहा है. हिंडाल्को कंपनी ने गुमला जिला में एक टीबी यूनिट और पलामू के बिश्रामपुर को गोद लिया है. जिसका रेजिस्ट्रेशन निक्षय पोर्टल में किया जा रहा है. इसी तरह गैलेक्सी यूथ कंपनी ने पूर्वी सिंहभूम में मानगो व पटमदा टीबी यूनिट को गोद लिया है जबकि बोकारो में 15 कॉरपोरेट्स के द्वारा लेटर ऑफ इंटेंट समर्पित किया गया है.

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