रांची: झारखंड में बनने वाले 20 सूत्री और निगरानी समिति का फॉर्मूला बनकर तैयार हो चुका है. गठबंधन के घटक दलों में रांची, धनबाद, कोडरमा और पाकुड़ जिले को लेकर फंसी पेंच भी सुलझ चुकी है. मिली जानकारी के मुताबिक कोल्हान प्रमंडल में कांग्रेस को खाली हाथ रहना पड़ेगा.
20 सूत्री और निगरानी समिति के लिए जेएमएम के हिस्से में 13 जिले, कांग्रेस के खाते में 10 और राजद को एक जिले की जिम्मेवारी मिलना तय माना जा रहा है. इसे लेकर सहमति बन चुकी है. जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा की जा सकती है.
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सूत्रों के अनुसार इस तरह से हुआ है बंटवारा
झारखंड में 20 सूत्री और निगरानी समिति को लेकर जेएमएम-कांग्रेस के बीच बातचीत का दौर भी खत्म हो चुका है. सूत्रों की मानें तो ये वो जिले हैं जिनका दलगत आधार पर बंटवारा हुआ है. जेएमएम के हिस्से में चाईबासा, जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां, गुमला, लातेहार, दुमका, पाकुड़, जामताड़ा, साहिबगंज, खूंटी, धनबाद, गढ़वा और गिरिडीह आने की संभावना है. कांग्रेस को रांची, सिमडेगा, लोहरदगा, पलामू, रामगढ़, हजारीबाग, गोड्डा, देवघर, बोकारो और कोडरमा की जिम्मेवारी मिल सकती है. राजद को चतरा की जिम्मेवारी मिल सकती है.
झारखंड सरकार में जल्द ही इन जिलों के लिए पदाधिकारियों का मनोनयन होना है. हालांकि, अभी इस पर अंतिम मुहर लगना बाकी है. कांग्रेस इन समितियों के गठन के लिए सबसे ज्यादा सक्रिय है. प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश सिन्हा का कहना है कि सारे पेंच सुलझ गए हैं. जल्द ही सारी बातें साफ हो जाएगी.
फाइनल राउंड की बातचीत बाकी, फिर होगी घोषणा
बता दें कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने बीते दिनों इसको लेकर एक समिति का भी गठन किया है जो मुख्यमंत्री और जेएमएम नेताओं से इस पर बात कर रहे हैं. कुछ जिलों को लेकर कांग्रेस-जेएमएम के बीच जो पेंच था, वह भी सुलझ गया है. वहीं, संभावित फॉर्मूले के अनुसार राजद को एक जिले से संतोष करना पड़ेगा. जल्द ही कांग्रेस-जेएमएम के बड़े नेता मुख्यमंत्री के साथ अंतिम राउंड की वार्ता करेंगे. जिसके बाद 20 सूत्री और निगरानी समिति की घोषणा कर दी जाएगी.