रांची: देश में कोरोना की वजह से बिगड़ते हालात से हम सब वाकिफ हैं. हालात पिछली बार से भी ज्यादा बदतर होते जा रहे हैं. सरकार लाख दावा करे लेकिन आंकड़े भयावह होते जा रहे हालात की ओर इशारा कर रहे हैं. झारखंड में कोरोना का केस दो लाख पार कर गया है. राज्य में कोरोना के शुरुआती डेढ़ लाख केस मिलने में जहां 256 दिन लगे वहीं, अगले 50 हजार केस मिलने में महज 10 दिन लगे. अगर यही रफ्तार रही तो झारखंड में अगले जून तक कोरोना के केस 5 लाख पार कर जाएंगे. लेकिन, दुखद है कि हर दिन कोरोना मरीजों के मिलने की रफ्तार पहले से ज्यादा तेज होती जा रही है. डबलिंग रेट तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में अगर कोरोना के बढ़ते संक्रमण की रफ्तार पर लगाम नहीं लगा तो चार महीने के अंदर ही यह आंकड़ा 10 लाख पार कर सकता है.
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अप्रैल में टूटते गए सारे रिकॉर्ड
झारखंड में कोरोना का पहला केस पिछले साल 31 मार्च को मिला था. इसके बाद धीरे-धीरे केस बढ़ने लगे. सितंबर-अक्टूबर तक हालात कंट्रोल में आ गए थे. इसके बाद कोरोना के केस धीरे-धीरे कम होने लगे. इस साल मार्च के तीसरे हफ्ते तक हालात बिलकुल सामान्य थे. हर रोज औसतन दो सौ से कम केस मिल रहे थे. लेकिन, अचानक मार्च के चौथे हफ्ते से हालात धीरे-धीरे बिगड़ने शुरू हो गए. 31 मार्च को कोरोना के 693 मरीज मिले जो मार्च में सबसे अधिक थे. इसके बाद तो रिकॉर्ड टूटने का सिलसिला शुरू हुआ. लगातार पांच सौ से ऊपर केस आने लगे. पांच अप्रैल को एक हजार से अधिक केस मिले. 12 अप्रैल को कोरोना का आंकड़ा दो हजार के पार कर गया. 14 अप्रैल को तीन हजार, 19 को चार हजार, 21 को पांच हजार और 22 अप्रैल को 7 हजार से अधिक केस मिले. इन आंकड़ों से जाहिर है कि कोरोना केस की रफ्तार कितनी तेजी से बढ़ रही है.
पहले हर 41 केस में एक केस पॉजिटिव था, अब हर सातवां केस पॉजिटिव
झारखंड में पिछले 10 दिनों में 3,80,728 सैंपल की जांच हुई है और 50,475 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इस हिसाब से हर सातवां शख्स पॉजिटिव मिल रहा है. इससे पहले 2020 से 15 अप्रैल 2021 तक की बात करें तो कुल 63,27,654 सैंपल की जांच हुई है जिसमें 1,51,272 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. इस हिसाब से हर 41 में से एक केस पॉजिटिव मिल रहा था. नए आंकड़े लोगों की चिंता बढ़ाने वाली है.
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31 दिन में 24% गिरा रिकवरी रेट
झारखंड में इस साल एक मार्च को रिकवरी रेट करीब 99% पहुंच गया था. 500 से भी कम एक्टिव केस बचे थे. ऐसा लग रहा था कि महज कुछ दिनों में झारखंड कोरोना मुक्त हो जाएगा. लेकिन, अचानक मार्च के चौथे हफ्ते से केस तेजी से बढ़ने शुरू हुए और रिकवरी रेट गिरने लगा. 25 मार्च को रिकवरी रेट 98 प्रतिशत से अधिक थी. लेकिन, अब यह गिरकर 75% पर आ गया है. जिस रफ्तार से कोरोना मरीज मिल रहे हैं उस हिसाब से अगले दो हफ्ते में रिकवरी रेट 50% से नीचे जा सकता है.
झारखंड 18वें नंबर पर, एक महीने पहले टॉप-3 में था शामिल
कोरोना से रिकवरी का राष्ट्रीय औसत 83% है जो झारखंड से 8% अधिक है. ऐसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जहां कोरोना के केस एक लाख पार कर चुके हैं, वहां की अगर रिकवरी रेट की बात करें तो झारखंड 18वें नंबर पर है. कुछ दिनों पहले झारखंड टॉप-3 में शामिल था. कुल 21 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां कोरोना के केस एक लाख पार कर चुके हैं.