रांची: मांडर विधानसभा उपचुनाव (Mandar assembly by election) को लेकर सरगर्मी तेज है. चुनाव मैदान में खड़े 14 प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला मांडर की जनता 23 जून को करने जा रही है. वैसे तो चुनाव मैदान में खड़े भाजपा प्रत्याशी गंगोत्री कुजूर और कांग्रेस प्रत्याशी शिल्पी नेहा तिर्की के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है मगरए आईएमआईएम समर्थित देव कुमार धान के चुनाव मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार बन रहे हैं. इस उपचुनाव में 14 प्रत्याशियों में 8 निर्दलीय हैं. चुनाव मैदान में खड़े प्रत्याशियों में भाजपा की गंगोत्री कुजूर, कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की, भाकपा के सुभाष मुंडा, नवोदय जनतांत्रिक पार्टी के दिनेश उरांव, शिवसेना की रेखा कुमारी एवं सीपीआई माले रेड स्टार के शिवचरण लोहरा के अलावा अगनी तिर्की, अशोक उरांव, आनंद पाल तिर्की, जोहन तिर्की, नीरज उरांव, मार्शल बारला व सुशील उरांव किस्मत आजमा रहे हैं.
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भाजपा-कांग्रेस की है देव कुमार धान पर नजर: मांडर विधानसभा उपचुनाव में वैसे तो सभी प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक रखी है लेकिन, भाजपा-कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला होने के आसार है. दोनों दल अपने-अपने ढंग से चुनाव प्रचार करने में जुटे हैं. भाजपा की ओर से पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लगातार चुनाव प्रचार करने में जुटे हैं. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह ने जीत का दावा करते हुए कहा है कि देव कुमार धान का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. हालांकि रांची हिंसा का असर मांडर विधानसभा चुनाव पर पड़ने की आशंका जरूर जताया है. इधर कांग्रेस ने बंधु तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की के जीत का दावा करते हुए कहा है कि चुनाव में केंद्रीय एजेंसी की कारवाई का बदला जनता वोट से देगी. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सतीश पॉल मुंजनी ने देव कुमार धान के राजनीतिक कैरियर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कैलेंडर के पन्नों की तरह राजनीतिक दल बदलने वाले नेता को मांडर की जनता बखुबी जानती है. इधर देव कुमार धान को उम्मीद है कि मांडर की जनता का आशीर्वाद उन्हें जरूर मिलेगा. उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी के 19 जून को होने वाले चुनाव प्रचार के बाद क्षेत्र का माहौल और भी बदलने की उम्मीद है.
राजनीतिक दृष्टि से अहम है मांडर सीट: मांडर विधानसभा सीट राजनीतिक दृष्टि से काफी अहम रहा है. गंगोत्री कुजूर 2014 में इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का प्रतिनिधित्व कर चुकी है. गंगोत्री कुजूर वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी तृणमूल कांग्रेस के बंधु तिर्की को 7605 वोटों से पराजित किया था. गंगोत्री कुजूर को 54200 मत मिले थे जबकि बंधु तिर्की को 46547. इस बार उनका मुकाबला बंधु तिर्की की पुत्री नेहा तिर्की से हो रहा है. जनजातीय बहुल इस विधानसभा क्षेत्र में करीब 4 लाख मतदाता हैं, जिसमें मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है. अनुमान के मुताबिक मुस्लिम अल्पसंख्यकों की संख्या करीब 80 हजार है. एआईएमआईएम समर्थित देव कुमार धान को उम्मीद है कि जनजातीय वोट के अलावे मुस्लिम अल्पसंख्यकों का आशीर्वाद उन्हें जरूर मिलेगा. 2019 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस के खाते में थी. कांग्रेस उम्मीदवार सनी टोप्पो को 8840 वोट मिले थे जबकि इस चुनाव में जीत दर्ज करने वाले बंधु तिर्की को 92,491 वोट मिले थे. भाजपा प्रत्याशी देव कुमार धान को इस चुनाव में 69,364 वोट मिले थे. वहीं एआईएमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे शिशिर लकड़ा को 23,592 वोट मिले थे. शिशिर लकड़ा का इस बार के उपचुनाव में ऐन वक्त पर नामांकन वापस लेना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. बहरहाल चुनावी सरगर्मी के बीच प्रत्याशियों का क्षेत्र दौरा जारी है और जनता इनके आश्वासन को गंभीरता से सुन रही है.