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रामगढ़ जिले में महिलाओं का है खास सम्मान, महत्वपूर्ण पदों पर हैं काबिज

झारखंड का रामगढ़ एक ऐसा जिला है जहां सबसे ज्यादा महिलाएं मुख्य पदों पर काबिज है, यहां पर डीसी, एसपी, कार्यपालक पदाधिकारी, सिविल सर्जन, डिप्टी कलेक्टर के अलावे कई ऐसे पद हैं जिनपर महिलाओं का दबदबा है.

रामगढ़ जिले में महिलाओं का है खास सम्मान
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Published : Mar 8, 2019, 9:16 PM IST

रामगढ़: महिलाओं की सम्मान की बात करें, तो झारखंड का रामगढ़ सबसे अहम स्थान रखता है. इस जिले में सबसे ज्यादा संख्या में महिलाएं महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हैं.

जिले में महिलाएं सबसे ज्यादा मुख्य पदों पर हैं काबिज


जिले में डीसी, एसपी, कार्यपालक पदाधिकारी, सिविल सर्जन, डिप्टी कलेक्टर, बीडीओ, सीओ के अलावे कई ऐसे पद हैं जिनपर महिलाएं काबिज हैं.

महिला दिवस के अवसर पर डिप्टी कलेक्टर ज्योत्सना सिंह ने महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि समाज में पुरुष और महिलाओं को अलग नहीं समझना चाहिए. उनको किसी भी क्षेत्र में कमजोर नहीं समझना चाहिए

इस दौरान सिविल सर्जन नीलम चौधरी ने कहा कि जिस पद पर मैं काम करती हूं. वह समाज की भलाई के लिए है. साथ ही उन्होंने कहा कि परिवार या समाज में अगर महिलाएं खुश रहेंगी, तभी देश का विकास संभव है.

कई महिला अधिकारियों ने इस अवसर पर कहा कि महिला और पुरुष एक समान हैं. देश और दुनिया में ऐसे कई उदाहरण हैं, जिसने दिखा दिया है कि महिलाएं किसी से कम नहीं है. समाज या देश में अगर महिलाएं सुरक्षित है तभी वहां का विकास होगा.

रामगढ़: महिलाओं की सम्मान की बात करें, तो झारखंड का रामगढ़ सबसे अहम स्थान रखता है. इस जिले में सबसे ज्यादा संख्या में महिलाएं महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हैं.

जिले में महिलाएं सबसे ज्यादा मुख्य पदों पर हैं काबिज


जिले में डीसी, एसपी, कार्यपालक पदाधिकारी, सिविल सर्जन, डिप्टी कलेक्टर, बीडीओ, सीओ के अलावे कई ऐसे पद हैं जिनपर महिलाएं काबिज हैं.

महिला दिवस के अवसर पर डिप्टी कलेक्टर ज्योत्सना सिंह ने महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि समाज में पुरुष और महिलाओं को अलग नहीं समझना चाहिए. उनको किसी भी क्षेत्र में कमजोर नहीं समझना चाहिए

इस दौरान सिविल सर्जन नीलम चौधरी ने कहा कि जिस पद पर मैं काम करती हूं. वह समाज की भलाई के लिए है. साथ ही उन्होंने कहा कि परिवार या समाज में अगर महिलाएं खुश रहेंगी, तभी देश का विकास संभव है.

कई महिला अधिकारियों ने इस अवसर पर कहा कि महिला और पुरुष एक समान हैं. देश और दुनिया में ऐसे कई उदाहरण हैं, जिसने दिखा दिया है कि महिलाएं किसी से कम नहीं है. समाज या देश में अगर महिलाएं सुरक्षित है तभी वहां का विकास होगा.

Intro:महिलाओं की सम्मान की बात करें तो झारखंड का रामगढ़ जिला अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणादायक साबित होगा क्योंकि जिला की बागडोर कई महत्वपूर्ण पदों पर हाथों में है रामगढ़ जिला राज्य का पहला ऐसा जिला है जहां महिला डीसी, महिला एसपी, सहित कार्यपालक पदाधिकारी, BDO सहित कई विभिन्न पदों पर महिलाएं आसीन है और पुरुषों के साथ कदमों से कदम मिलाकर चल रही हैं


Body:जी हा आपने सही सुना रामगढ़ जिले में कई महत्वपूर्ण पदों पर चाहे पुलिस हो या प्रशासन निक महकमा के अधिकारी हैं उनमें से ज्यादातर महिलाएं ही है जिला के उपायुक्त हो पुलिस अधीक्षक ,सिविल सर्जनों डिप्टी कलेक्टर बीडीओ, सीओ, एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट ,सीजीएम, सीडीपीओ सहित कई महिला अधिकारी उच्च पदों पर जिले में कार्यरत है

उपायुक्त राजेश्वरी बी ,पुलिस अधीक्षक निधि द्विवेदी ,सिविल सर्जन नीलिमा चौधरी ,डीआरडीए डायरेक्टर ज्योत्सना सिंह, रामगढ़ बीडीओ नम्रता जोशी, चितरपुर बीडीओ नूतन कार्यपालक दंडाधिकारी वेदवती कुमारी कार्यपालक दंडाधिकारी रजनी इंदरवा कार्यपालक दंडाधिकारी एनी रिंकी कुजूर सीडीपीओ रामगढ़ उषा रानी सीडीपीओ चितरपुर आराधना सीडीपीओ गोला सीडीपीओ पतरातु कनकलाता तिर्की सीडीपीओ मांडू सहित जिले में कई पदाधिकारी कार्यरत हैं

रामगढ़ जिले में 60 परसेंट महिलाएं सीनियर अधिकारी हैं ऐसे में यह महिलाएं वैसे महिलाओं के कैरियर में हौसला बुलंद करने में सहायक होगी जो खुद को अकेला और कमजोर समझती है

डिप्टी कलेक्टर ज्योत्सना सिंह जो वर्तमान में डीआरडीए डायरेक्टर के पद पर रामगढ़ में कार्यरत है उन्होंने कहा कि महिला इंटरनेशनल डे पर उनका संदेश है कि समाज में पुरुष और महिलाओं को अलग नहीं समझना चाहिए उनको एक अलग प्रैक्टिस नहीं देनी चाहिए की महिलाएं वीक है महिला और पुरुष दोनों समान शुरू से रहे हैं इनको तो एक समान दिवस है मनाना चाहिए महिला के बिना पुरुष अधूरे होते हैं और पुरुष के बिना महिला यदि मेरे पिताजी का मेहनत नहीं होता तो आज मैं इस पद पर नहीं होती और लोगों की सेवा करने का सौभाग्य नहीं मिलता...

बाइट ज्योत्सना सिंह डीआरडीए डायरेक्टर रामगढ़


इस दौरान सिविल सर्जन नीलम चौधरी ने कहा कि जो पद उन्हें मिला है वह जनता की भलाई के लिए कुछ कर सकूं जितने भी स्क्रीन खासकर महिलाओं और उनके बच्चों के लिए चल रही है स्वास्थ्य संबंधित यदि महिला खुश रहेगी तो परिवार खुश रहेगा और परिवार खुश रहेगा तो समाज आगे बढ़ेगा

बाइट सिविल सर्जन नीलम चौधरी रामगढ़


Conclusion:इन महिला अधिकारियों की मानें तो महिला पुरुष एक समान है महिलाओं को प्रसाद मिले तो महिला वह हर काम बखूबी कर सकती हैं जो पुरुष कर सकता है महिलाओं में थोड़ी सी जगह रहती है लेकिन यदि महिला दूसरी महिला की समस्या का समाधान करती हैं तो उन्हें बहुत सुकून मिलता है और महिलाएं समस्या को उनके सामने खुलकर कर रखती हैं जिसका समाधान हो जाता है
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