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रामगढ़ के कई गांवों में उत्पन्न हुई पेयजल की समस्या, ग्रामीणों का आरोप- रेल सुरंग बनाने की वजह से पानी पहुंचा पाताल - जल स्रोतों से पानी निकलना बंद

रामगढ़ के सांकी पंचायत के कई गांवों में जल संकट उत्पन्न हो गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि रेल लाइन बिछाने के लिए पहाड़ों को काट कर सुरंगें बनाई गई है. इस कारण क्षेत्र का वाटर लेवल पाताल में पहुंच गया है.

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Published : Apr 22, 2023, 6:20 PM IST

Updated : Apr 22, 2023, 11:01 PM IST

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रामगढ़: जिले के पतरातू प्रखंड की साकी पंचायत ओरियातू के आसपास रहने वाले 40 परिवारों के समक्ष इस भीषण गर्मी में पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है. यहां के ग्रामीण करीब 800 मीटर दूर चापानल से पानी लाने को विवश हैं. गांव के सभी कुओं के पानी सूख चुके हैं और जल स्रोतों से पानी निकलना बंद हो गया है. यहां के ग्रामीण पानी के लिए प्रत्येक दिन जद्दोजहद करने को विवश हैं. मामले में ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे पटरी बिछाने के लिए पहाड़ों को काट कर जो सुरंगें बनाई गई है उस कारण इलाके का वाटर लेवल नीचे चला गया है. इस कारण पूरे इलाके में पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

ये भी पढे़ं-नेशनल ड्रैगन बोट प्रतियोगिता के लिए झारखंड की टीम पतरातू डैम में कर रही प्रैक्टिस, 27 अप्रैल को मोतिहारी में होगी परीक्षा

रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए पहाड़ों को काट कर बनाई गई हैं सुरंगेंः बरकाकाना से रांची को जोड़ने वाली रेलवे लाइन बिछाने के दौरान कई पहाड़ों को काटकर सुरंग बनाई गईं हैं. इस ट्रैक पर ट्रेनों के परिचालन का सफल ट्रायल भी हो चुका है. आने वाले समय में इस ट्रैक पर यात्री ट्रेनों का परिचालन होगा. पहाड़ी इलाकों में रेल लाइन बिछाने के लिए पहाड़ों को काटा गया है और टनल बनाने के लिए पहाड़ों के बीच सुरंगों का निर्माण किया गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि इस कारण पहाड़ी क्षेत्र में ठहरे पानी का रिसाव होने से जल स्रोत सूख गया है और अब इसके आसपास के गांवों में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है.
पहाड़ों के आसपास के गांवों में उत्पन्न हुई पानी की समस्याः बताते चलें कि सुरंग वाली दोनों पहाड़ियों के ऊपर दर्जनों गांव हैं, जहां सैकड़ों लोग निवास करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जमीन का जो पानी पहले पहाड़ियों ऊपरी हिस्से से बाहर निकलता था, वह पहाड़ की खुदाई होने के कारण नीचे चला गया है. इस कारण इलाके में जल संकट गहरा गया है और सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

पानी की कमी से खेती भी नहीं कर पा रहे ग्रामीणः क्षेत्र के दर्जनों कुएं और चापानल से पानी निकलना बंद हो गया है. पानी पाताल में चला गया है. इस कारण क्षेत्र के ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि वाटर लेवल नीचे चले जाने से जल स्रोतों से पानी निकलना बंद हो गया है. इस कारण खेती भी नहीं कर पा रहे हैं. खाने के लिए भी अनाज बाजार से खरीदना पड़ रहा है.
ग्रामीणों ने डोर-टू-डोर पानी सप्लाई कराने की मांग कीः ग्रामीणों के अनुसार करीब 800 मीटर दूर पर सिर्फ मात्र एक चापाकल है, जहां लोग पानी के लिए घंटों कतार में खड़े रहते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि हमें इस बात का जरा सा भी अंदाजा नहीं था कि रेल ट्रैक बिछाने के लिए सुरंगे बनाने से इलाके में पेयजल संकट गहरा जाएगा. इस संबंध में सांकी पंचायत ओतियातू के ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों, राज्य सरकार और प्रशासन से जलमीनार और डोर-टू-डोर पानी सप्लाई कराने की मांग की है, ताकि पानी की समस्या का समाधान हो सके.

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रामगढ़: जिले के पतरातू प्रखंड की साकी पंचायत ओरियातू के आसपास रहने वाले 40 परिवारों के समक्ष इस भीषण गर्मी में पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है. यहां के ग्रामीण करीब 800 मीटर दूर चापानल से पानी लाने को विवश हैं. गांव के सभी कुओं के पानी सूख चुके हैं और जल स्रोतों से पानी निकलना बंद हो गया है. यहां के ग्रामीण पानी के लिए प्रत्येक दिन जद्दोजहद करने को विवश हैं. मामले में ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे पटरी बिछाने के लिए पहाड़ों को काट कर जो सुरंगें बनाई गई है उस कारण इलाके का वाटर लेवल नीचे चला गया है. इस कारण पूरे इलाके में पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

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रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए पहाड़ों को काट कर बनाई गई हैं सुरंगेंः बरकाकाना से रांची को जोड़ने वाली रेलवे लाइन बिछाने के दौरान कई पहाड़ों को काटकर सुरंग बनाई गईं हैं. इस ट्रैक पर ट्रेनों के परिचालन का सफल ट्रायल भी हो चुका है. आने वाले समय में इस ट्रैक पर यात्री ट्रेनों का परिचालन होगा. पहाड़ी इलाकों में रेल लाइन बिछाने के लिए पहाड़ों को काटा गया है और टनल बनाने के लिए पहाड़ों के बीच सुरंगों का निर्माण किया गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि इस कारण पहाड़ी क्षेत्र में ठहरे पानी का रिसाव होने से जल स्रोत सूख गया है और अब इसके आसपास के गांवों में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है.
पहाड़ों के आसपास के गांवों में उत्पन्न हुई पानी की समस्याः बताते चलें कि सुरंग वाली दोनों पहाड़ियों के ऊपर दर्जनों गांव हैं, जहां सैकड़ों लोग निवास करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जमीन का जो पानी पहले पहाड़ियों ऊपरी हिस्से से बाहर निकलता था, वह पहाड़ की खुदाई होने के कारण नीचे चला गया है. इस कारण इलाके में जल संकट गहरा गया है और सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

पानी की कमी से खेती भी नहीं कर पा रहे ग्रामीणः क्षेत्र के दर्जनों कुएं और चापानल से पानी निकलना बंद हो गया है. पानी पाताल में चला गया है. इस कारण क्षेत्र के ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि वाटर लेवल नीचे चले जाने से जल स्रोतों से पानी निकलना बंद हो गया है. इस कारण खेती भी नहीं कर पा रहे हैं. खाने के लिए भी अनाज बाजार से खरीदना पड़ रहा है.
ग्रामीणों ने डोर-टू-डोर पानी सप्लाई कराने की मांग कीः ग्रामीणों के अनुसार करीब 800 मीटर दूर पर सिर्फ मात्र एक चापाकल है, जहां लोग पानी के लिए घंटों कतार में खड़े रहते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि हमें इस बात का जरा सा भी अंदाजा नहीं था कि रेल ट्रैक बिछाने के लिए सुरंगे बनाने से इलाके में पेयजल संकट गहरा जाएगा. इस संबंध में सांकी पंचायत ओतियातू के ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों, राज्य सरकार और प्रशासन से जलमीनार और डोर-टू-डोर पानी सप्लाई कराने की मांग की है, ताकि पानी की समस्या का समाधान हो सके.

Last Updated : Apr 22, 2023, 11:01 PM IST
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