रामगढ़: पतरातू में स्वरोजगार से जुड़ने के लिए क्षेत्र के युवाओं को अब प्रशिक्षण दी जा रही है, ताकि वह आत्मनिर्भर बन सकें और रोजगार का भी सृजन कर सकें. आत्मनिर्भर बनाने के लिए अब कंपनियां सीएसआर के तहत लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए तरह-तरह के प्रशिक्षण दे रही है, ताकि युवा प्रशिक्षण लेकर खुद तो रोजगार से जुड़े ही साथ ही साथ रोजगार के सृजन भी करें.
100 दिनों की ट्रेनिंग
इसी उद्देश्य से पीवीयूएनएल और कल्पतरु संस्थान की ओर से पतरातू क्षेत्र के आसपास के लड़कों को इलेक्ट्रिकल और वेल्डर की ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि वो आत्मनिर्भर बन सकें. कल्पतरु तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान और पीवीयूएनएल के संयुक्त प्रयास से सीएसआर के तहत पतरातू के आसपास के लगभग 100 छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. यह बच्चे 100 दिनों में इलेक्ट्रिकल और वेल्डर की ट्रेनिंग करेंगे और फिर आत्मनिर्भर बन दूसरों के लिए रोजगार सृजित करेंगे. इस तरह के कार्यक्रम से आसपास के गांव के युवा स्वरोजगार से तो जुड़ेंगे ही, साथ ही साथ अपने साथ कम से कम 2 लोगों को रोजगार से जरूर जोड़ेंगे. इसी लक्ष्य के साथ दोनों संस्थाओं की टीम काम कर रही है, ताकि बच्चों के अंदर की हुनर को सामने लाया जा सके और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना और सुदृढ़ हो सके.
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कल्पतरु केंद्र के संस्थापक सिद्धनाथ सिंह ने इस प्रशिक्षण के बारे में बताया कि आत्मनिर्भर भारत बनने का एकमात्र सूत्र है कि आदमी जहां से जितना लेता हूं उससे ज्यादा देने की कोशिश करे. वहीं पीवीयूएनएल के सीएसआर अधिकारी राजेश डुंगडुंग ने कहा कि निकट भविष्य में और भी ऐसे प्रशिक्षण सत्र के जरिए ग्रामीण बच्चों और युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा.