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मकर संक्रांति को लेकर सजा तिलकुट का बाजार, गया के नहीं हजारीबाग जिला के कारीगर तैयार कर रहे हैं तिलकुट - गया के नहीं हजारीबाग जिला के कारीगर तैयार कर रहे हैं तिलकुट

15 जनवरी को पूरे देश में मकर संक्रांति मनाई जाएगी, जिसे लेकर जगह-जगह तिलकुट का बाजार सज गया है. देश में गया का तिलकुट से ज्यादा बिकता है. मगर इस बार रामगढ़ में भी गया के कारीगर काम कर रहें है. कारीगरों का कहना है कि गया के बाद रामगढ़ का ही तिलकुट अच्छा है.

Tilakut market decorated in Makar Sankranti in Ramgarh
तिलकुट बनाते कारीगर
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Published : Jan 11, 2020, 3:54 AM IST

रामगढ़: इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जानी है, जिसको लेकर चौक-चौराहों पर तिलकुट की खुशबू से पूरा क्षेत्र महक उठा है. शहर में बने तिलकुट कई किस्म के है, चीनी के तिलकुट, गुड़ के तिलकुट, खोवा के तिलकुट, खासकर डायबिटीज मरीजों को ध्यान में रखते हुए शुगर फ्री तिलकुट भी कारीगर बना रहे है.

देखें पूरी खबर


बता दें कि गया के कारीगर तिलकुट बनाने में काफी माहिर माने जाते है, लेकिन अब हजारीबाग के बड़कागांव और टंडवा के कारीगर भी तिलकुट बनाने में माहिर हो गए है. महंगाई के इस दौर में भी तिलकुट की मांग में कोई कमी नहीं आई है. यहां से तिलकुट खरीद कर राज्य के विभिन्न जिलों में भी भेज रहे है.


रामगढ़ में इन दिनों मकर संक्रांति को लेकर यहां दर्जनों दुकानों में एक सौ से अधिक कारीगर विभिन्न जगहों पर तिलकुट बना रहे है. तिलकुट लोगों को अपनी ओर आकर्षित भी करने लगा है अपनो के लिए खास और मिठास के लिए इन तिलकुट की मांग शहर में हमेशा से रही है.

ये भी देखें- अपराधियों ने 3 वाहनों में लगाई आग, पाइप बिछाने के काम में लगे थे वाहन

स्थानीय व्यवसायी करा रहें उत्पाद
पहले तिलकुट अन्य शहरों से मंगवा कर शहर में मांग की पूर्ति की जाती थी, लेकिन अब स्थानीय व्यवसायी कारीगरों को बुलाकर यहीं से उत्पादन शुरू करा दिया गया है. हर साल तिलकुट बनाने वाले कारीगर यहां आते है और बाजार की मांग को पूरा करते है. इन कारीगरों को मजदूरी भी ठीक-ठाक मिल जाती है.

कारीगर बताते हैं कि गया में वे इस कारीगरी सीखे हैं और अब वह पिछले आठ दस साल से कई किस्म और उत्तम क्वालिटी के तिलकुट बनाने लगे हैं, जो गया कि तुलना में बनाया जाता है. रामगढ़ के बाजार में चीनीतिल का तिलकुट गुड़तिल और खोवा का तिलकुट बाजार में उपलब्ध है.

मकर संक्रांति का हिंदू धर्म में महत्व
जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है, वैसे-वैसे लोग तिलकुट की खरीदारी कर रहे हैं क्योंकि तिल गर्म होता है और लोग ठंड में तिलकुट खरीद रहे हैं ताकि शरीर में गरमाहट बनी रहे. इस वर्ष 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाया जाएगा मकर संक्रांति का महत्व हिंदू धर्म में काफी अधिक है. इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते है. इसके साथ ही सूर्य के उत्तरायण होते ही शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. जैसे मुंडन, गृह प्रवेश, विवाह सहित नए कार्य किए जाते है. इस दिन यानी मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद सूर्य को अर्ध देकर दान करने की प्रथा है.

इस बार रामगढ़ के बाजार में 200 से लेकर ₹300 प्रति किलो तिलकुट बिक रहा है. जिसमें चीनी का तिलकुट 200 से ₹220 प्रति किलो बिक रहा है, जबकि खोवा का तिलकुट ₹300 प्रति किलो बिक रहा है. इसके अलावा ऑर्डर के स्पेशल तिलकुट ढाई सौ रुपए प्रति किलो बेचा जा रहा है.

रामगढ़: इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जानी है, जिसको लेकर चौक-चौराहों पर तिलकुट की खुशबू से पूरा क्षेत्र महक उठा है. शहर में बने तिलकुट कई किस्म के है, चीनी के तिलकुट, गुड़ के तिलकुट, खोवा के तिलकुट, खासकर डायबिटीज मरीजों को ध्यान में रखते हुए शुगर फ्री तिलकुट भी कारीगर बना रहे है.

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बता दें कि गया के कारीगर तिलकुट बनाने में काफी माहिर माने जाते है, लेकिन अब हजारीबाग के बड़कागांव और टंडवा के कारीगर भी तिलकुट बनाने में माहिर हो गए है. महंगाई के इस दौर में भी तिलकुट की मांग में कोई कमी नहीं आई है. यहां से तिलकुट खरीद कर राज्य के विभिन्न जिलों में भी भेज रहे है.


रामगढ़ में इन दिनों मकर संक्रांति को लेकर यहां दर्जनों दुकानों में एक सौ से अधिक कारीगर विभिन्न जगहों पर तिलकुट बना रहे है. तिलकुट लोगों को अपनी ओर आकर्षित भी करने लगा है अपनो के लिए खास और मिठास के लिए इन तिलकुट की मांग शहर में हमेशा से रही है.

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स्थानीय व्यवसायी करा रहें उत्पाद
पहले तिलकुट अन्य शहरों से मंगवा कर शहर में मांग की पूर्ति की जाती थी, लेकिन अब स्थानीय व्यवसायी कारीगरों को बुलाकर यहीं से उत्पादन शुरू करा दिया गया है. हर साल तिलकुट बनाने वाले कारीगर यहां आते है और बाजार की मांग को पूरा करते है. इन कारीगरों को मजदूरी भी ठीक-ठाक मिल जाती है.

कारीगर बताते हैं कि गया में वे इस कारीगरी सीखे हैं और अब वह पिछले आठ दस साल से कई किस्म और उत्तम क्वालिटी के तिलकुट बनाने लगे हैं, जो गया कि तुलना में बनाया जाता है. रामगढ़ के बाजार में चीनीतिल का तिलकुट गुड़तिल और खोवा का तिलकुट बाजार में उपलब्ध है.

मकर संक्रांति का हिंदू धर्म में महत्व
जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है, वैसे-वैसे लोग तिलकुट की खरीदारी कर रहे हैं क्योंकि तिल गर्म होता है और लोग ठंड में तिलकुट खरीद रहे हैं ताकि शरीर में गरमाहट बनी रहे. इस वर्ष 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाया जाएगा मकर संक्रांति का महत्व हिंदू धर्म में काफी अधिक है. इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते है. इसके साथ ही सूर्य के उत्तरायण होते ही शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. जैसे मुंडन, गृह प्रवेश, विवाह सहित नए कार्य किए जाते है. इस दिन यानी मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद सूर्य को अर्ध देकर दान करने की प्रथा है.

इस बार रामगढ़ के बाजार में 200 से लेकर ₹300 प्रति किलो तिलकुट बिक रहा है. जिसमें चीनी का तिलकुट 200 से ₹220 प्रति किलो बिक रहा है, जबकि खोवा का तिलकुट ₹300 प्रति किलो बिक रहा है. इसके अलावा ऑर्डर के स्पेशल तिलकुट ढाई सौ रुपए प्रति किलो बेचा जा रहा है.

Intro: इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जानी है जिसको लेकर चौक चौराहों पर तिलकुट की खुशबू से पूरा क्षेत्र महक उठा है शहर में बने तिलकुट कई किस्म के हैं चीनी के तिलकुट, गुड़ के तिलकुट ,खोवा के तिलकुट ,खासकर डायबिटीज मरीजों को ध्यान में रखते हुए शुगर फ्री तिलकुट भी कारीगर बना रहे हैं

स्पेशल रिपोर्ट


Body:गया के कारीगरों तिलकुट बनाने में काफी माहिर माने जाते हैं लेकिन अब हजारीबाग के बड़कागांव व टंडवा के कारीगर भी तिलकुट बनाने में माहिर हो गए हैं

महंगाई के इस दौर में भी तिलकुट की मांग में कोई कमी नहीं आई है यहां से तिलकुट खरीद कर राज्य के विभिन्न जिलों में भी भेज रहे हैं
रामगढ़ में इन दिनों मकर संक्रांति को लेकर यहां दर्जनों दुकानों में एक सौ से अधिक कारीगर विभिन्न जगहों पर तिलकुट बना रहे हैं तिलकुट लोगों को अपनी ओर आकर्षित भी करने लगा है अपनो के लिए खास व मिठास के लिए इन तिलकुट की मांग शहर में हमेशा से रही है

पहले तिलकुट अन्य शहरों से मंगवा कर शहर में मांग की पूर्ति की जाती थी लेकिन अब स्थानीय व्यवसाय द्वारा कारीगरों को बुलाकर यहीं से उत्पादन शुरू करा दिया गया हर साल तिलकुट बनाने वाले कारीगर यहां आते हैं और बाजार की मांग को पूरा करते हैं इन कारीगरों को मजदूरी भी ठीक-ठाक मिल जाती है


कारीगर बताते हैं कि गया में वे इस कारीगरी को सीखे हैं और अब वह पिछले आठ 10 साल से कई किस्म और उत्तम क्वालिटी यह तिलकुट बनाने लगे हैं जो गया कि तुलना मैं बनाया जाता है रामगढ़ के बाजार में चीनीतिल का तिलकुट गुड़तिल और खोवा का तिलकुट बाजार में उपलब्ध है

बाईट कारीगर

जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है वैसे-वैसे लोग तिलकुट की खरीदारी कर रहे हैं क्योंकि तेल गर्म होता है इसलिए लोग ठंड में तिलकुट खरीद रहे हैं ताकि शरीर में गरमाहट बनी रहे



इस वर्ष 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाया जाएगा मकर संक्रांति का महत्व हिंदू धर्म में काफी अधिक है इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं इसके साथ ही सूर्य के उत्तरायण होते ही शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं जैसे मुंडन गृह प्रवेश विवाह सहित नए कार्य किए जाते हैं इस दिन यानी मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद सूर्य को अर्ध देकर दान करने की प्रथा है


Conclusion:इस बार रामगढ़ के बाजार में 200 से लेकर ₹300 प्रति किलो तिलकुट बिक रहा है जिसमें चीनी का तिलकुट 200 से ₹220 प्रति किलो बिक रहा है जबकि खोवा का तिलकुट ₹300 प्रति किलो बिक रहा है इसके अलावा ऑर्डर के स्पेशल तिलकुट ढाई सौ रुपए प्रति किलो बेचा जा रहा है
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