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पंजाब से रामगढ़ पहुंची स्पेशल श्रमिक ट्रेन, सोशल डिस्टेंसिंग का खूब हुआ उल्लंघन

पंजाब के जालंधर से विशेष श्रमिक ट्रेन से 1,201 प्रवासी मजदूर रामगढ़ के बरकाकाना रेलवे स्टेशन पहुंचे. उन्हें फूड पैकेट उपलब्ध कराया गया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की खूब धज्जियां उड़ी. वहीं बसों की कमी के कारण क्षमता से अधिक लोगों को बसों में बैठाया गया. वहीं, बस चालक ने भी प्रशासन पर बस सेनेटाइज नहीं कराने का आरोप लगाया है.

Special labor train reached Ramgarh from punjab
पंजाब से रामगढ़ पहुंची स्पेशल श्रमिक ट्रेन
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Published : May 12, 2020, 3:38 PM IST

रामगढ़ः पंजाब से बरकाकाना रेलवे स्टेशन पहुंचे प्रवासी मजदूर और अन्य लोगों को रामगढ़ जिला प्रशासन की ओर से मास्क, सेनेटाइजर, फूड पैकेट उपलब्ध कराया गया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की खूब धज्जियां उड़ी. वहीं, बसों की कमी के कारण क्षमता से अधिक मजदूरों, बच्चों, महिलाओं को बसों में बैठाया गया.

देखें पूरी खबर

हालांकि प्रवासी मजदूर और नागरिकों से बेहतर समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने पूरे बरकाकाना रेलवे स्टेशन परिसर में माइकिंग की व्यवस्था की है. इसके माध्यम से समय-समय पर सभी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं.

पंजाब से बरकाकाना स्टेशन पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों और लोगों में झारखंड प्रदेश के 20 जिलों रामगढ़, चतरा , धनबाद, दुमका, ईस्ट सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, हजारीबाग, जामताड़ा, खूंटी, कोडरमा, लातेहार, पलामू, रांची, सिंहभूम, सरायकेला, सिमडेगा शामिल हैं.

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पर्याप्त संख्या में बसों के नहीं रहने के कारण और किस जिले के कितने श्रमिक हैं इसकी जानकारी के अभाव में पर्याप्त संख्या में उनके जिले की तरफ से बसों को नहीं भेजा गया था जिसके कारण जिले को चार बसों की आवश्यकता थी और 3 बसें ही आई थी. इन तीन बसों में मजदूरों को परिवार के साथ मजिस्ट्रेट ने जबरन बैठाया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग भी मजिस्ट्रेट अधिकारी भूल गए और सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ी.

वहीं, मजदूरों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाने वाले बस चालकों का आरोप था कि उनके बसों को सेनेटाइज नहीं किया जा रहा है. वह लगातार प्रवासी मजदूरों को लाने और ले जाने का काम कर रहे हैं लेकिन बरकाकाना रेलवे स्टेशन पर नगर परिषद के अधिकारी बसों को सेनेटाइज नहीं कर रहे है. बार-बार अनुरोध करने पर भी वह बसों को सेनेटाइज नहीं कर रहे हैं. जिससे हर वक्त उन लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा सता रहा लेकिन बस चालकों की सुनने वाला यहां कोई नहीं है.

ये भी पढ़ें-बिहार-झारखंड बॉर्डर पर जमीन विवाद को लेकर मारपीट, एक की मौत, 6 घायल

बता दें कि पंजाब से लौटे प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग नहीं की गई है. अधिकारियों ने कहा कि सभी लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग उनके जिले में पहुंचने के बाद संबंधित जिला प्रशासन उनकी स्क्रीनिंग करेगी. वहीं, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि पंजाब के जालंधर से 1,201 मजदूरों को लेकर यह विशेष ट्रेन बरकाकाना जंक्शन पहुंची है. सभी मजदूरों को उनके जिले भेजने की तैयारी पूरी है. सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं, सुरक्षा के दृष्टिकोण से सभी को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाने का निर्देश दिया गया है.

पंजाब से सोमवार को झारखंड पहुंचे लोगों में चतरा के 51, धनबाद के 19, दुमका के दो, पूर्वी सिंहभूम के छह, गढ़वा के तीन, गिरीडीह के चार, गोड्डा के 67, गुमला के सात, हजारीबाग के 13, जामताड़ा के दो, खूंटी के एक, कोडरमा के 18, लातेहार के दो, पलामू के 84, रामगढ़ के 2, रांची के 11, साहेबगंज के 127, सरायकेला के एक, सिमडेगा 14 सहित झारखंड के सभी जिले को मिलाकर और 737 लोग शामिल हैं. हालांकि रेलवे प्रशासन की ओर से 737 लोग किस जिले के हैं, यह सूची उपलब्ध नहीं कराई गई थी, जिससे रामगढ़ जिले के अधिकारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

रामगढ़ः पंजाब से बरकाकाना रेलवे स्टेशन पहुंचे प्रवासी मजदूर और अन्य लोगों को रामगढ़ जिला प्रशासन की ओर से मास्क, सेनेटाइजर, फूड पैकेट उपलब्ध कराया गया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की खूब धज्जियां उड़ी. वहीं, बसों की कमी के कारण क्षमता से अधिक मजदूरों, बच्चों, महिलाओं को बसों में बैठाया गया.

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हालांकि प्रवासी मजदूर और नागरिकों से बेहतर समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने पूरे बरकाकाना रेलवे स्टेशन परिसर में माइकिंग की व्यवस्था की है. इसके माध्यम से समय-समय पर सभी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं.

पंजाब से बरकाकाना स्टेशन पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों और लोगों में झारखंड प्रदेश के 20 जिलों रामगढ़, चतरा , धनबाद, दुमका, ईस्ट सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, हजारीबाग, जामताड़ा, खूंटी, कोडरमा, लातेहार, पलामू, रांची, सिंहभूम, सरायकेला, सिमडेगा शामिल हैं.

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पर्याप्त संख्या में बसों के नहीं रहने के कारण और किस जिले के कितने श्रमिक हैं इसकी जानकारी के अभाव में पर्याप्त संख्या में उनके जिले की तरफ से बसों को नहीं भेजा गया था जिसके कारण जिले को चार बसों की आवश्यकता थी और 3 बसें ही आई थी. इन तीन बसों में मजदूरों को परिवार के साथ मजिस्ट्रेट ने जबरन बैठाया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग भी मजिस्ट्रेट अधिकारी भूल गए और सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ी.

वहीं, मजदूरों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाने वाले बस चालकों का आरोप था कि उनके बसों को सेनेटाइज नहीं किया जा रहा है. वह लगातार प्रवासी मजदूरों को लाने और ले जाने का काम कर रहे हैं लेकिन बरकाकाना रेलवे स्टेशन पर नगर परिषद के अधिकारी बसों को सेनेटाइज नहीं कर रहे है. बार-बार अनुरोध करने पर भी वह बसों को सेनेटाइज नहीं कर रहे हैं. जिससे हर वक्त उन लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा सता रहा लेकिन बस चालकों की सुनने वाला यहां कोई नहीं है.

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बता दें कि पंजाब से लौटे प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग नहीं की गई है. अधिकारियों ने कहा कि सभी लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग उनके जिले में पहुंचने के बाद संबंधित जिला प्रशासन उनकी स्क्रीनिंग करेगी. वहीं, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि पंजाब के जालंधर से 1,201 मजदूरों को लेकर यह विशेष ट्रेन बरकाकाना जंक्शन पहुंची है. सभी मजदूरों को उनके जिले भेजने की तैयारी पूरी है. सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं, सुरक्षा के दृष्टिकोण से सभी को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाने का निर्देश दिया गया है.

पंजाब से सोमवार को झारखंड पहुंचे लोगों में चतरा के 51, धनबाद के 19, दुमका के दो, पूर्वी सिंहभूम के छह, गढ़वा के तीन, गिरीडीह के चार, गोड्डा के 67, गुमला के सात, हजारीबाग के 13, जामताड़ा के दो, खूंटी के एक, कोडरमा के 18, लातेहार के दो, पलामू के 84, रामगढ़ के 2, रांची के 11, साहेबगंज के 127, सरायकेला के एक, सिमडेगा 14 सहित झारखंड के सभी जिले को मिलाकर और 737 लोग शामिल हैं. हालांकि रेलवे प्रशासन की ओर से 737 लोग किस जिले के हैं, यह सूची उपलब्ध नहीं कराई गई थी, जिससे रामगढ़ जिले के अधिकारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

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