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अतीत की गौरवमयी यादों को संजोया है पंजाब रेजीमेंट सेंटर का गैली म्यूजियम, देश का है सबसे पुराना रेजीमेंट सेंटर

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Published : Jan 15, 2020, 6:07 PM IST

रामगढ़ के पंजाब रेजीमेंट सेंटर के गैली म्यूजियम को हर महीने की 15 तारीख और 30 तारीख को आम लोगों के लिए खोला जाता है. यहां पर रेजीमेंट के समृद्ध इतिहास की बेहतरीन झलक देखने को मिलती है. यह सेना के बेहतरीन म्यूजियम में से एक है.

Punjab Regiment Center of Ramgadha is the oldest regiment in country
पंजाब रेजीमेंट सेंटर का गैली म्यूजियम

रामगढ़: जिले में पंजाब रेजीमेंट सेंटर के गैली म्यूजियम में रेजीमेंट के समृद्ध इतिहास की बेहतरीन झलक देखने को मिलती है. यह सेना के बेहतरीन म्यूजियम में से एक है. यह संग्रहालय पंजाब रेजीमेंट सेंटर की विरासत, रीति-रिवाज को भी प्रदर्शित करता है. यह संग्रहालय युद्ध की यादों को न सिर्फ संजोए हुए हैं. बल्कि उन अमर शहीदों की वीरगाथा को भी बयां कर रहा है, जिन्होंने सरहदों की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी है.

देश का है सबसे पुराना रेजीमेंट सेंटर

पंजाब रेजीमेंट सेंटर देश का सबसे पुराना रेजीमेंट है. इसका गौरवशाली इतिहास भी है. पंजाब रेजीमेंट सेंटर के शूरवीरों ने रेजीमेंट की स्थापना के बाद से अब तक अपने अदम्य साहस और शौर्य से गौरवशाली इतिहास लिखा है. कई लड़ाईयों में दुश्मनों के दांत खट्टे किए हैं. इस सेंटर में स्थापित गैली म्यूजियम इसका गवाह है, जिसमें कई लड़ाईयों से संबंधित रिकॉर्ड और दुश्मन देशों से जंग में छीने गए अस्त्र-शस्त्र भी मौजूद हैं. शहीद वीरों के चित्र और उनकी गौरव गाथा भी इस म्यूजियम में मौजूद है.

सेंटर में बने म्यूजियम में प्राचीन युद्ध के अवशेष और सैनिकों का इतिहास देखने को मिलता है. म्यूजियम में चाइना पाकिस्तान से हुए युद्ध के दौरान उपयोग में लाए गए प्राचीन अस्त्र शस्त्र मौजूद हैं, साथ ही प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्वयुद्ध की झलकियां इस गैली म्यूजियम में देखने को मिलती है.

इसे भी पढे़ं:- दिल्ली से लौटेकर हेमंत सोरेन ने जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की कही बात, गुरुजी को बताया राज्य का गार्जियन

भारत-पाक युद्ध से संबंधित कई वस्तुएं संग्रहालय में संग्रहित हैं. वहीं आर्मी के इतिहास को भी जानने का अवसर यहां मिलता है. भारतीय सैनिकों के पराक्रम से आने वाली पीढ़ियां भी इससे प्रेरणा ले सकती हैं.

अतीत की यादों को संजोया है पंजाब रेजीमेंट सेंटर

इस संग्रहालय में टीपू सुल्तान के खजाने के बॉक्स के साथ-साथ 1971 में पाकिस्तान से लड़ाई के समय जब 10 को भी रखा गया है, साथ ही साथ हॉकी के जादुगर ध्यानचंद के उस समय पहने कोर्ट को भी रखा गया है. पाकिस्तानी सैन्य अफसरों की जब्त की गई वर्दी झंडे, टैंक, दस्तावेज, हथियार गन भी यहां मौजूद हैं.

पंजाब रेजीमेंट सेंटर के सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष पांडे ने बताया कि इस म्यूजियम में प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध के कई दस्तावेज और कई महत्वपूर्ण हथियार रखे हुए हैं. इससे सेना के बारे में जानने का अवसर मिलेगा. उन्होंने बताया कि कब इस पंजाब रेजीमेंट का गठन हुआ था, अब तक पंजाब रेजीमेंट ने किस किस युद्ध में हिस्सा लिया है, कौन-कौन से पुराने समय में हथियार इस्तेमाल किए जाते थे, उस समय कौन-कौन से कपड़े पहने जाते थे, अब तक कितनी बार लोगो चेंज हुआ है, झंडे कब कब परिवर्तित हुए हैं, सारी जानकारी यहां उपलब्ध है.

हर महीने के 15 और 30 तारीख को आम लोगों के लिए खोला जाता है
पंजाब रेजीमेंट सेंटर इस गैली म्यूजियम को हर महीने के 15 तारीख और 30 तारीख को आम लोगों के लिए खोल दिया जाता है, ताकि इस गैली म्यूजियम में आकर लोग पंजाब रेजीमेंट के जवानों और आर्मी की विजय गाथा को जान सके.

रामगढ़: जिले में पंजाब रेजीमेंट सेंटर के गैली म्यूजियम में रेजीमेंट के समृद्ध इतिहास की बेहतरीन झलक देखने को मिलती है. यह सेना के बेहतरीन म्यूजियम में से एक है. यह संग्रहालय पंजाब रेजीमेंट सेंटर की विरासत, रीति-रिवाज को भी प्रदर्शित करता है. यह संग्रहालय युद्ध की यादों को न सिर्फ संजोए हुए हैं. बल्कि उन अमर शहीदों की वीरगाथा को भी बयां कर रहा है, जिन्होंने सरहदों की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी है.

देश का है सबसे पुराना रेजीमेंट सेंटर

पंजाब रेजीमेंट सेंटर देश का सबसे पुराना रेजीमेंट है. इसका गौरवशाली इतिहास भी है. पंजाब रेजीमेंट सेंटर के शूरवीरों ने रेजीमेंट की स्थापना के बाद से अब तक अपने अदम्य साहस और शौर्य से गौरवशाली इतिहास लिखा है. कई लड़ाईयों में दुश्मनों के दांत खट्टे किए हैं. इस सेंटर में स्थापित गैली म्यूजियम इसका गवाह है, जिसमें कई लड़ाईयों से संबंधित रिकॉर्ड और दुश्मन देशों से जंग में छीने गए अस्त्र-शस्त्र भी मौजूद हैं. शहीद वीरों के चित्र और उनकी गौरव गाथा भी इस म्यूजियम में मौजूद है.

सेंटर में बने म्यूजियम में प्राचीन युद्ध के अवशेष और सैनिकों का इतिहास देखने को मिलता है. म्यूजियम में चाइना पाकिस्तान से हुए युद्ध के दौरान उपयोग में लाए गए प्राचीन अस्त्र शस्त्र मौजूद हैं, साथ ही प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्वयुद्ध की झलकियां इस गैली म्यूजियम में देखने को मिलती है.

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भारत-पाक युद्ध से संबंधित कई वस्तुएं संग्रहालय में संग्रहित हैं. वहीं आर्मी के इतिहास को भी जानने का अवसर यहां मिलता है. भारतीय सैनिकों के पराक्रम से आने वाली पीढ़ियां भी इससे प्रेरणा ले सकती हैं.

अतीत की यादों को संजोया है पंजाब रेजीमेंट सेंटर

इस संग्रहालय में टीपू सुल्तान के खजाने के बॉक्स के साथ-साथ 1971 में पाकिस्तान से लड़ाई के समय जब 10 को भी रखा गया है, साथ ही साथ हॉकी के जादुगर ध्यानचंद के उस समय पहने कोर्ट को भी रखा गया है. पाकिस्तानी सैन्य अफसरों की जब्त की गई वर्दी झंडे, टैंक, दस्तावेज, हथियार गन भी यहां मौजूद हैं.

पंजाब रेजीमेंट सेंटर के सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष पांडे ने बताया कि इस म्यूजियम में प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध के कई दस्तावेज और कई महत्वपूर्ण हथियार रखे हुए हैं. इससे सेना के बारे में जानने का अवसर मिलेगा. उन्होंने बताया कि कब इस पंजाब रेजीमेंट का गठन हुआ था, अब तक पंजाब रेजीमेंट ने किस किस युद्ध में हिस्सा लिया है, कौन-कौन से पुराने समय में हथियार इस्तेमाल किए जाते थे, उस समय कौन-कौन से कपड़े पहने जाते थे, अब तक कितनी बार लोगो चेंज हुआ है, झंडे कब कब परिवर्तित हुए हैं, सारी जानकारी यहां उपलब्ध है.

हर महीने के 15 और 30 तारीख को आम लोगों के लिए खोला जाता है
पंजाब रेजीमेंट सेंटर इस गैली म्यूजियम को हर महीने के 15 तारीख और 30 तारीख को आम लोगों के लिए खोल दिया जाता है, ताकि इस गैली म्यूजियम में आकर लोग पंजाब रेजीमेंट के जवानों और आर्मी की विजय गाथा को जान सके.

Intro:झारखंड के रामगढ़ में इससे रामगढ़ छावनी के पंजाब रेजीमेंट सेंटर के गैली म्यूजियम में रेजीमेंट के समृद्ध इतिहास की बेहतरीन झलक देखने को मिलती है यह सेना के बेहतरीन म्यूजियम में से एक है यह संग्रहालय पंजाब रेजीमेंट सेंटर की विरासत रीति रिवाज को भी प्रदर्शित करता है यह संग्रहालय युद्ध की यादों को ना सिर्फ संजोए हुए हैं बल्कि उन अमर शहीदों की वीरगाथा को भी बयान कर रहा है जिन्होंने सरहदों की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी है


Body:देश के सबसे पुरानी रेजिमेंट है पंजाब रेजीमेंट सेंटर इसका गौरवशाली इतिहास है पंजाब रेजीमेंट सेंटर के शूरवीरों ने रेजिमेंट की स्थापना के बाद से अब तक अपने अदम्य साहस और शौर्य से गौरवशाली इतिहास लिखा है कई लड़ाईयो में दुश्मनों के दांत खट्टे किए हैं सेंटर में स्थापित गैली म्यूजियम इसका गवाह है जिसमें कई लड़ाईयो से संबंधित रिकॉर्ड और दुश्मन देशों से जंग में छीने जीते गए अस्त्र-शस्त्र भी मौजूद हैं शहीद वीरों के चित्र और उनकी गौरव गाथा भी इस म्यूजियम में मौजूद है।


सेंटर में बने म्यूजियम में प्राचीन युद्ध के अवशेष और सैनिकों का इतिहास देखने को मिलता है म्यूजियम में चाइना पाकिस्तान से हुए युद्ध के दौरान उपयोग में लाए गए प्राचीन अस्त्र शस्त्र मौजूद है साथ ही प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्वयुद्ध की झलकियां इस गैली म्यूजियम में देखने को मिलती है

भारत-पाक युद्ध से संबंधित कई वस्तुएं संग्रहालय में संग्रहित है वही आर्मी के इतिहास को भी जानने का अवसर यहां मिलता है भारतीय सेना के सैनिकों के पराक्रम से आने वाली पीढ़ियां भी इससे प्रेरणा ले सके


इस संग्रहालय में टीपू सुल्तान के खजाने का बॉक्स के साथ-साथ 1971 में पाकिस्तान से लड़ाई के समय जब 10 को भी रखा गया है साथ ही साथ हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के उस समय पहने कोर्ट को भी रखा गया है जो भी पहना करते थे यही नहीं युद्ध में पराजय के बाद भागते हुए पाकिस्तानी सैन्य अफसरों की जप्त की गई वर्दी झंडे टैंक दस्तावेज हथियार गन यहां मौजूद हैं


पंजाब रेजीमेंट सेंटर के सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष पांडे ने बताया कि इस म्यूजियम में प्रथम विश्व युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध के कई दस्तावेज और कई महत्वपूर्ण हथियार रखे हुए हैं इससे सेना के बारे में जानने का अवसर मिलेगा। कब इस पंजाब रेजीमेंट का गठन हुआ था अब तक पंजाब रेजीमेंट द्वारा किस किस युद्ध में हिस्सा लिया गया है कौन-कौन से पुराने समय से हथियार इस्तेमाल किए जाते थे उस समय कौन से कपड़े पहने जाते थे अब तक कितनी बार लोगो चेंज हुआ है झंडे कब कब परिवर्तित हुए हैं सारी जानकारी यहां उपलब्ध है यहां हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद पंजाब रेजीमेंट सेंटर के थे उनके बारे में इसके अलावा पंजाब रेजीमेंट के बैटल्स थे उनके द्वारा कहां-कहां जंग लड़े गए थे जीते गए थे उसके बारे में पूरा डिटेल जो भी आता है उन्हें बताया जाता है

वाइट मनीष पांडे लेफ्टिनेंट कर्नल पंजाब रेजीमेंट सेंटर

नोट पंजाब रेजीमेंट सेंटर के लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष पांडे के साथ 121 भी है साथ ही साथ एक p2c और मनीष पांडे का बाइट भी है


Conclusion:पंजाब रेजीमेंट सेंटर द्वारा इस गैली म्यूजियम को हर महीने के 15 तारीख और 30 तारीख को आम लोगों के लिए खोल दिया है ताकि इस गैली म्यूजियम में आकर लोग पंजाब रेजीमेंट के जवानों और आर्मी की विजय गाथा को जान सके की दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाली सेना का कितना गौरवशाली इतिहास रहा है
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