रामगढ़: देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ स्थल रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर में मकर संक्रांति को लेकर मंदिर न्यास समिति और जिला पुलिस के ओर से तैयारी पूरी कर ली गई है. मकर संक्रांति के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु दामोदर नदी में स्नान कर मंदिर में पूजा करने पहुंचते हैं. वहीं पौष मेले की शुरुआत मां छिन्नमस्तिके मंदिर प्रांगण से ही होती थी, लेकिन कोरोना के कारण इस बार मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा, जिसके कारण लोगों में निराशा दिख रही है.
प्रसिद्ध सिद्ध पीठ स्थल मां छिन्नमस्तिका रजरप्पा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु रोजाना दर्शन करते हैं, लेकिन मकर संक्रांति के दिन श्रद्धालु यहां दामोदर और भैरवी नदी में स्नान कर मां भगवती का आशीर्वाद लेते हैं और दान दान पुण्य करते हैं, ताकि पूरा साल मां का आशीर्वाद बना रहे. मकर संक्रांति का हिंदू धर्म में खासा महत्व है. रजरप्पा मंदिर के वरिष्ठ पुजारी असीम पंडा ने कहा कि मकर संक्रांति के दिन सिद्धपीठ में स्नान का बड़ा महत्व है, लोग पावन स्नान कर इस दिन भगवती का आशीर्वाद लेते हैं.
मेला नहीं लगने से लोगों में मायूसी
वहीं झारखंड में पौष मेले का शुभारंभ देश के प्रसिद्ध शक्तिपीठ रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका के प्रांगण से होती थी. ऐसी मान्यता है कि शुभ कार्य की शुरुआत देवी के चरणों से ही होनी चाहिए, लेकिन इस साल कोरोना के कारम प्रशासन ने मेले पर पाबंदी लगा दी है, जिससे लोगों में निराशा है. रजरप्पा में लगनेवाले मेले में बंगाल सहित हजारीबाग, बोकारो और रामगढ़ जिले से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस संबंध में मेला समिति के अध्यक्ष महावीर साव ने बताया कि मेला नहीं लगने से लोगों में मायूसी है.
इसे भी पढे़ं: देशभर से मां छिन्नमस्तिका मंदिर पहुंचे साधु-संत, पूजा कर माता का लिया आशीर्वाद
जिला प्रशासन का फैसला सर्वमान्य
रजरप्पा मंदिर न्यास समिति के सचिव शुभाशीष पंडा ने कहा कि मकर संक्रांति के दिन ही मेला लगता था, लोग मां का दर्शन कर मेले का आनंद उठाते थे, लेकिन कोरोना को देखते हुए जिला प्रशासन ने मेला नहीं लगाने का फैसला लिया है, जिसके कारण मेला स्थगित कर दिया गया है.