रामगढ़ः पंजाब रेजीमेंट सेंटर के जवानों ने 10 दिनों के ट्रैकिंग अभियान को मात्र 6 दिनों में ही पूरा कर लिया. 165 किमी के इस अभियान में स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करना, नागरिकों के बीच सेना के बारे में बताने के साथ-साथ स्कूलों में जाकर बच्चों के लिए स्वच्छता प्रतियोगिता का आयोजन कराना और साफ-सफाई के लिए प्रेरित करना शामिल था.
राज्य के पर्यटक स्थलों को मिलेगा बढ़ावा
ट्रैकिंग अभियान का समापन ब्रिगेडियर नरेंद्र सिंह चारग और पंजाब रेजीमेंट सेंटर के अधिकारियों और जवानों की उपस्थिति में किया गया. ट्रैकिंग अभियान सफलतापूर्वक संपन्न कराकर पंजाब रेजीमेंट सेंटर ने एक और महान उपलब्धि अपने नाम कर ली. इस ट्रैकिंग अभियान को 15 फरवरी को झंडी दिखाकर रवाना किया गया था, जिसने केवल 6 दिनों में ही 165 किलोमीटर का सफर पतरातू से लेकर टाटीसिल्वे तक पूरा कर लिया. इस ट्रैकिंग अभियान में न केवल स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढ़ाया गया, बल्कि ट्रैकिंग मार्ग में पहचान करने और पर्यटन स्थलों की खोज की गई है, ताकि झारखंड प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिल सके.
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ट्रैकिंग अभियान में शामिल रही मेडिकल टीम
ट्रैकिंग अभियान के समापन के दौरान पंजाब रेजीमेंट सेंटर की टीम जबरदस्त उत्साह में दिखी. सभी अधिकारी और जवानों के मुस्कुराते चेहरे से खुशी झलक रही थी, जो यह महान उपलब्धि का गवाह बना. ट्रैकिंग अभियान में मेडिकल की टीम भी शामिल थी, जिसने आसपास के नदी तट के गांवों में ग्रामीणों की समस्या को दूर करने का काम किया.
अभियान के दौरान पेंटिंग प्रतियोगिता
ट्रैकिंग अभियान की टीम के लोगों ने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य झारखंड में नए पर्यटन के दृष्टिकोण से मार्ग को खोजना था. साथ ही साथ सबसे महत्वपूर्ण स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत स्थानीय लोगों के बीच स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना, नागरिकों के बीच सैन्य संबंधों में सुधार करना ट्रैकिंग टीम का मुख्य कार्य रहा. ट्रैकिंग टीम ने पतरातू और आसपास के अलग-अलग स्थानों पर ड्राइंग-पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया. इस दौरान टीम ने बच्चों के लिए स्टेशनरी और मिठाइयां भी बांटी. स्थानीय लोगों ने ट्रैकिंग टीम के साथ मिलकर दामोदर नदी तट की सफाई भी की.
भारतीय सेना नागरिकों के लिए रहती है तत्पर
पंजाब रेजीमेंट सेंटर के 25 जवानों और अधिकारियों की टीम दामोदर नदी की सफाई के साथ-साथ 165 किलोमीटर लंबे ट्रैकिंग का सफर किया. अभियान के दौरान टीम ने पतरातू, औरला, सिरका, लालपनिया, रजरप्पा, दुलमी, कारों, अंगारा और टाटीसिल्वे के दूरदराज गांव में ट्रैकिंग अभियान को किया. बता दें कि झारखंड में इस तरह की ट्रैकिंग अभियान पहली बार चलाई जा रही थी. भारतीय सेना के इस तरह के कार्यों से आम लोगों के मन में विश्वास को मजबूत करता है. हमेशा राष्ट्र और अपने नागरिकों के लिए सेवा के लिए तत्पर रहती है. स्थानीय लोगों के बीच इस अभियान ने काफी लोकप्रियता हासिल की है.