रामगढ़: कोरोना का खौफ गांवों में भी नजर आने लगा है. इस डर से तमाम जगह मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं. रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई है. जहां कोरोना संक्रमण फैलने के डर से कुंदरिया बस्ती के लोगों ने पास के ही मल्हार बस्ती के लोगों को अपने यहां से चापानल से पानी लेने से रोक दिया. अब मल्हार बस्ती के करीब 300 लोग एक चुआ (गड्ढा) खोदकर उसके गंदे पानी से प्यास बुझाने को मजबूर हैं.
यह घटना जहां पड़ोसियों की इंसानियत को आईना दिखा रही है. वहीं जनप्रतिनिधियों और अफसरों पर भी सवाल उठा रही है कि प्रदेश के गठन के 20 साल बाद भी एक बस्ती के लिए चापानल की भी व्यवस्था नहीं कर सके.
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वन भूमि पर आबादी होने से नहीं लगा नल
बता दें कि मल्हार बस्ती वन भूमि पर बसी है. यहां करीब 45 परिवार झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं, जिनकी आबादी करीब 300 सौ है. वन भूमि होने के कारण इस मल्हार बस्ती में सरकारी योजना के तहत चापानल और कुआं की व्यवस्था नहीं की जा सकी है. इधर मल्हार बस्ती से ही सटी कुंदरिया बस्ती है, जहां सरकारी योजना के तहत चापानल और कुआं बना हुआ है. इसी कुएं और चापानल से अबतक मल्हार बस्ती के लोग अपनी प्यास बुझाते थे. इधर कोरोना संक्रमण का डर गांवों में फैलता जा रहा है. कुंदरिया बस्ती के लोग भी इससे अछूते नहीं रहे. इसी के फेर में उन्होंने पड़ोसी मल्हार बस्ती के लोगों को कुंदरिया में लगे चापानल से पानी लेने से रोक दिया. उनको शक था कि मल्हार बस्ती के लोग उनके यहां से पानी लेंगे तो उनकी बस्ती में भी कोरोना फैल जाएगा.
गुहार नहीं आई काम
मल्हार बस्ती के लोगों की मानें तो इनका कहना है कि हमलोगों के कोरोना जांच की रिपोर्ट निगेटिव आई है. अभी तक इस बस्ती में कोई भी व्यक्ति कोविड-19 पॉजिटिव नहीं हुआ है. लेकिन कुंदरिया के लोग टस से मस नहीं हुए. उनकी गुहार काम नहीं आई.
पानी बंद होने से गड्ढा खोदा, ग्रामीणों के बीमार होने का खतरा
इधर भीषण गर्मी में पानी बंद होने से मांडू प्रखंड की इस मल्हार बस्ती के लोगों के सामने जल संकट आ गया है. इस पर यहां के लोगों ने यहां एक गड्ढा (चुआं) खोद डाला और उस गड्ढे के पानी पीने लगे. अब पानी के लिए इस बस्ती के बच्चे, बूढे़ और महिलाओं की गड्ढे पर कतार लगी रहती है. जबकि गंदा पानी पीने से इन ग्रामीणों के बीमार होने का खतरा बना हुआ है.
खांसने से हुआ शक
कुंदरिया बस्ती के लोगों ने मल्हार बस्ती के किसी सदस्य को खांसते हुए देख लिया था. बस इसीको कुंदरिया बस्ती के लोगों ने कोरोना का लक्षण मान लिया और उनलोगों ने अपने बस्ती में लगे चापानल और कुएं से पानी लेने से मल्हार बस्ती के लोगों को रोक दिया.
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बस्ती वालों का दुखड़ा
मल्हार बस्ती के शंकर मल्हार का कहना है कि हमलोग चुनाव में वोट देते हैं, लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि हमलोगों की समस्या देखने तक नहीं आता. यहां कोई सरकारी सुविधा नही है, हां कुछ लोगों का राशन कार्ड बनवा दिया गया है.
जाएं तो जाएं कहां
मल्हार बस्ती की निशा देवी का कहना है कि इधर राशन भी नहीं मिला है और वहां पानी लाने के लिए भी रोक दिया है. चापानल से पानी नहीं लाने जा रहे हैं, हम लोग गरीब आदमी कहां जाएंगे, कुंआ भी सूख गया है.
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बीडीओ का रटा-रटाया जवाब
इस मामले में प्रखंड के बीडीओ विनय कुमार का कहना है कि प्रखंड के सभी मुखिया, जलसहिया और पेयजल के अधिकारियों के साथ मीटिंग किया है. पूरे प्रखंड में जहां-जहां पानी की दिक्कत है, उस समस्या को दूर करने का काम कर रहे हैं. जहां जरूरत होगी, वहां चापानल व जलमीनार बनेंगे. पुराने चापानल की मरम्मत की जा रही है और पानी की समस्या दूर कर रहे हैं.