रामगढ़: प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा सभी जिला प्रशासन को यह आदेश दिया गया था कि कोई भी प्रवासी मजदूर पैदल या साइकिल से न जाएं. अगर किसी जिले में प्रवासी मजदूर पैदल साइकिल से जा रहा है तो यह जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वाहन उपलब्ध कराकर उन्हें भेजा जाए और सारी सुविधा भी उपलब्ध कराई जाए.
रामगढ़ जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया गया है. सीएम के आदेश के बाद भी रामगढ़ जिला के विभिन्न क्षेत्रों से प्रवासी मजदूर पैदल साइकिल व ट्रकों में भेड़ बकरियों की तरह जान हथेली पर रखकर जा रहे हैं, लेकिन उन्हें देखने वाला कोई नहीं है.
उनके जिला तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रयास नहीं किया जा रहा है. जिला प्रशासन के अधिकारी केवल एक दूसरे पर गेंद फेंकने का काम कर रहे हैं. जानकारी देने के बाद भी जिले में पैदल अथवा साइकिल और ट्रकों में भेड़ बकरियों की तरह अपनी जान की परवाह किए बिना जा रहे है.
अधिकारी दिखा रहे लापारवाही
प्रवासी मजदूरों को रामगढ़ जिला में किसी प्रकार की सुविधा जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. इस संदर्भ में जिले के डीसी संदीप सिंह ने लोगों से और पत्रकारों से यह अपील की थी ट्वीट भी किया था कि जिले में कहीं भी अगर कोई पैदल या साइकिल से व ट्रकों में जाता दिखे तो इसकी सूचना जिला प्रशासन को दें, लेकिन इसके लिए जिन अधिकारियों को नियुक्त किया गया है वे अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे.
अलग-अलग प्रखंड में अलग-अलग अधिकारियों को डीसी संदीप सिंह के द्वारा पैदल साइकिल से जा रहे मजदूरों को वाहन उपलब्ध करवाने की जिम्मेवारी दी गई है. उन्हें वाहन भी उपलब्ध करवाया गया है, लेकिन अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण डीसी संदीप सिंह अपने उद्देश में सफल होते नहीं दिख रहे.
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पैदल साइकिल से रामगढ़ जिले से प्रवासी मजदूर शहर होकर गुजर रहे हैं उसके बाद भी संबंधित अधिकारी अपनी आंखों में पट्टी बांधे हुए हैं. जानकारी देने के बाद भी बातों को अनसुनी कर केवल आश्वासन ही देते रहते हैं.
कई बार प्रवासी मजदूरों को वाहन उपलब्ध करवाने की बात कहकर सड़क के किनारे बैठाया भी गया. घंटों इंतजार करने के बाद भी जब जिला प्रशासन की ओर से वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया तो मजबूर होकर प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने राज्य को निकलने के लिए मजबूर हो गए. हालांकि एसडीओ कीर्ति श्रीजी ने सड़क पर पैदल या साइकिल से चलने वाले प्रवासी मजदूरों को वाहन उपलब्ध करवाने की बात कही थी.
ट्रकों में भेड़ बकरियों की तरह अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरे राज्य में जाने वाले प्रवासी मजदूरों को भी अलग से सुविधा और वाहन उपलब्ध कराने की बात कही थी, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है.
लगातार मजदूर पैदल, साइकिल और ट्रकों में अपनी जान की परवाह किए बिना रामगढ़ जिला से गुजर रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी जान के भी अनजान बने हुए हैं.