रामगढ़: रामगढ़ में गांधी मेमोरियल उच्च विद्यालय के पूर्व शिक्षक की कोरोना के चलते मौत हो गई. शिक्षक की मौत के बाद संक्रमण के डर से सगे संबंधी और आसपास के लोगों ने अंतिम संस्कार में जाने से इनकार कर दिया. ऐसे में दोनों बेटियों ने ही पिता के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उठाई.
लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए तैयार न होने पर दोनों बेटियों ने बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और गौ रक्षा समिति के सदस्यों से मदद मांगी और दामोदर नदी के किनारे पिता का अंतिम संस्कार किया. बेटी ने ही पिता को मुखाग्नि दी.
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बेटियों ने पेश की मिसाल
मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षक अजीत श्रीवास्तव पिछले कुछ दिनों से कोरोना से संक्रमित थे. मंगलवार को उनकी मौत हो गई. फोन पर लोगों को मौत की जानकारी दी गई लेकिन संक्रमण के डर से कोई नहीं पहुंचा. तब जाकर बेटियों ने खुद ही पिता के अंतिम संस्कार का फैसला लिया. सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से दोनों बेटियां पिता के शव को श्मशान घाट पर ले गई. अजीत का कोई बेटा नहीं था और परिजन इस घड़ी में आगे नहीं आए तो बेटियों ने ही यह जिम्मेदारी उठाई. जब परिजन और आस पड़ोस के सभी लोग मुंह मोड़ लिए तब बेटियों ने यह जिम्मेदारी निभाकर एक मिसाल पेश की है.