ETV Bharat / state

पूर्व शिक्षक के अंतिम संस्कार से संबंधियों का इनकार, बेटी ने दी संक्रमण से मृत पिता को मुखाग्नि

रामगढ़ में एक शिक्षक की कोरोना के चलते मौत हो गई थी. संक्रमण के डर से संबंधी और आस पड़ोस के लोग नहीं पहुंचे. ऐसे में बेटियों ने ही सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से पिता का अंतिम संस्कार किया.

Daughters performed last rites after father's death
पिता की मौत के बाद बेटियों ने किया अंतिम संस्कार
author img

By

Published : May 4, 2021, 5:38 PM IST

Updated : May 4, 2021, 8:08 PM IST

रामगढ़: रामगढ़ में गांधी मेमोरियल उच्च विद्यालय के पूर्व शिक्षक की कोरोना के चलते मौत हो गई. शिक्षक की मौत के बाद संक्रमण के डर से सगे संबंधी और आसपास के लोगों ने अंतिम संस्कार में जाने से इनकार कर दिया. ऐसे में दोनों बेटियों ने ही पिता के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उठाई.

लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए तैयार न होने पर दोनों बेटियों ने बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और गौ रक्षा समिति के सदस्यों से मदद मांगी और दामोदर नदी के किनारे पिता का अंतिम संस्कार किया. बेटी ने ही पिता को मुखाग्नि दी.

पढ़ें पूरी खबर

यह भी पढ़ें: कोरोना मरीजों की मौत के बाद भी नहीं मिल रही मुक्ति, अंतिम संस्कार में लग रहा 24 घंटे से ज्यादा वक्त

बेटियों ने पेश की मिसाल

मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षक अजीत श्रीवास्तव पिछले कुछ दिनों से कोरोना से संक्रमित थे. मंगलवार को उनकी मौत हो गई. फोन पर लोगों को मौत की जानकारी दी गई लेकिन संक्रमण के डर से कोई नहीं पहुंचा. तब जाकर बेटियों ने खुद ही पिता के अंतिम संस्कार का फैसला लिया. सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से दोनों बेटियां पिता के शव को श्मशान घाट पर ले गई. अजीत का कोई बेटा नहीं था और परिजन इस घड़ी में आगे नहीं आए तो बेटियों ने ही यह जिम्मेदारी उठाई. जब परिजन और आस पड़ोस के सभी लोग मुंह मोड़ लिए तब बेटियों ने यह जिम्मेदारी निभाकर एक मिसाल पेश की है.

रामगढ़: रामगढ़ में गांधी मेमोरियल उच्च विद्यालय के पूर्व शिक्षक की कोरोना के चलते मौत हो गई. शिक्षक की मौत के बाद संक्रमण के डर से सगे संबंधी और आसपास के लोगों ने अंतिम संस्कार में जाने से इनकार कर दिया. ऐसे में दोनों बेटियों ने ही पिता के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उठाई.

लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए तैयार न होने पर दोनों बेटियों ने बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और गौ रक्षा समिति के सदस्यों से मदद मांगी और दामोदर नदी के किनारे पिता का अंतिम संस्कार किया. बेटी ने ही पिता को मुखाग्नि दी.

पढ़ें पूरी खबर

यह भी पढ़ें: कोरोना मरीजों की मौत के बाद भी नहीं मिल रही मुक्ति, अंतिम संस्कार में लग रहा 24 घंटे से ज्यादा वक्त

बेटियों ने पेश की मिसाल

मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षक अजीत श्रीवास्तव पिछले कुछ दिनों से कोरोना से संक्रमित थे. मंगलवार को उनकी मौत हो गई. फोन पर लोगों को मौत की जानकारी दी गई लेकिन संक्रमण के डर से कोई नहीं पहुंचा. तब जाकर बेटियों ने खुद ही पिता के अंतिम संस्कार का फैसला लिया. सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से दोनों बेटियां पिता के शव को श्मशान घाट पर ले गई. अजीत का कोई बेटा नहीं था और परिजन इस घड़ी में आगे नहीं आए तो बेटियों ने ही यह जिम्मेदारी उठाई. जब परिजन और आस पड़ोस के सभी लोग मुंह मोड़ लिए तब बेटियों ने यह जिम्मेदारी निभाकर एक मिसाल पेश की है.

Last Updated : May 4, 2021, 8:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.