रामगढ़: पतरातू स्थित पीवीयूएनएल में नियोजन और अपने अधिकार को लेकर क्षेत्र के 25 गांव के ग्रामीणों ने पिछले एक सप्ताह से आमरण उपवास आंदोलन शुरू कर रखा है. दरअसल इन ग्रामीणों की भूख हड़ताल आंदोलन पीवीयूएनएल और पुलिस प्रशासन के विरोध में चल रही है. ग्रामीणों के अनुसार उन लोगों की जमीन प्लांट में अधिग्रहित की गई है, वे प्रभावित विस्थापित हैं. इसमें कई ग्रामीणों को आज तक नौकरी, मुआवजा और पुनर्वास नहीं मिला है.
हड़ताल पर बैठे ग्रामीण
लॉकडाउन के नियमों को दरकिनार कर जिले के पतरातू क्षेत्र के 25 गांव के ग्रामीणों की भूख हड़ताल पिछले कई दिनों से चल रही है, जिसके कारण कई लोगों की हालत बिगड़ रही है. इनकी भूख हड़ताल खत्म करवाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से लगातार कोशिश हो रही है. जिले के उपायुक्त ने कहा कि प्रशासन की ओर से इस मामले को गंभीरता पूर्वक लिया गया है. विस्थापित आंदोलन को लेकर भूख हड़ताल कर रहे गांव के ग्रामीणों ने कहा कि गांव के विस्थापित अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर चले गए हैं. सोमवार को भूख हड़ताल का छठा दिन है, कोई नहीं सुन रहा है ना तो सरकार की ओर से ना प्रशासन ने प्रबंधन की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. हालांकि जिला प्रशासन बीमार लोगों को अस्पताल ले जाकर इलाज कर रही है.
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इस मसले पर जिले के उपायुक्त संदीप सिंह ने बताया कि कुछ लोगों की ओर से शिकायत की जा रहा है कि पूर्व में पीटीपीएस की ओर से जमीन अख्तियार किया गया था. उन्हें भू अर्जन की राशि नहीं मिली है. बार-बार जिला प्रशासन से अपील की गई है की वैसे लोगों की सूची उपलब्ध कराएं जिनकी भुगतान बाकी है, यह मेजर मामला है जिला प्रशासन इस मामले में जांच कर रही है. अब तक किसी की ओर से भी किसी तरह का कोई आवेदन जिला को नहीं दिया गया है. लोगों से अपील है कि वह अपने मूल कागजातों के साथ संबंधित विभाग में संपर्क करें, अगर उन्हें मुआवजा और नौकरी नहीं मिली होगी, तो उस विषय पर भी कार्रवाई की जाएगी.