रामगढ़: सोमवार को सीसीएल बरका-सयाल महाप्रबंधक कार्यालय में सीबीआई की टीम ने छापेमारी कर महाप्रबंधक प्रशांत वाजपेयी और उनकी पीए अर्पणा सेनगुप्ता को 26 हजार रुपए घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. पूरा मामला बिल पास के लिए पैसे लेने का है. इस छापा के बाद बरका-सयाल में हड़कंप मचा है. बड़े पदाधिकारी का ट्रैप होना चर्चा का विषय बना हुआ है.
क्षेत्र में सनसनी
बरका-सयाल कार्यालय में हीं घूस लेते पकड़ने जाने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई. गिरफ्तार करने के बाद जीएम और उनके महिला पीए को सयाल रेस्ट हाउस में सीबीआई की टीम पूछताछ कर अपने साथ रांची ले गई है. वहीं, जीएम और पीए के आवास और कार्यालय में तलाशी जारी है. सीबीआई की एक टीम सीसीएल अरगड्डा प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक कार्यालय जाकर विभिन्न तरह के कागजातों को खंगाल रही है. रांची से आई सीबीआई टीम में एक महिला अधिकारी सहित दो दर्जन से ज्यादा अधिकारी शामिल हैं. घूस लेते पकड़े गए प्रशांत वाजपेयी करीब एक महीने पहले ही अजय सिंह के तबादले के बाद सीसीएल के बरका-सयाल प्रक्षेत्र में बतौर महाप्रबंधक योगदान दिया था. इसके अलावा वे सीसीएल अरगड्डा प्रक्षेत्र के प्रभारी महाप्रबंधक के रूप में भी पदस्थापित हुए थे.
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क्या था मामला
सीसीएल के ठेकेदार जय मां इंटरप्राइजेज के संचालक दिग्विजय सिंह से 13 लाख रुपए के एक सड़क निर्माण कार्य के वर्क ऑर्डर टेंडर सिफारिश कमेटी के स्वीकृत के लिए दो प्रतिशत यानी 26 हजार रुपए की मांग ठेकेदार से महाप्रबंधक ने की थी. कमीशन की राशि उनके पीए को देने को कहा गया था, लेकिन ठेकेदार ने सीबीआई से इसकी शिकायत की, जिसके बाद सीबीआई की टीम ने इसकी जांच कर इसे सही पाया और घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा जिसके बाद दोनों अधिकारियों को अपने साथ रांची ले गई.