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लॉकडाउन में हुई शादी, रामगढ़ में लॉक हो गए दूल्हा-दुल्हन समेत बाराती

रामगढ़ के अरगड्डा में 22 मार्च को शादी हुई, जिसके बाद लॉकडाउन की वजह से बाराती समेत दूल्हा-दुल्हन रामगढ़ में फंस गए हैं. हालांकि दुल्हन के घरवाले बाराती के खान पान का ध्यान रख रहे हैं. शादी के 9 दिनों बाद भी दुल्हन की विदाई नहीं हो सकी है. आसनसोल से आए दुल्हा सहित दुल्हन पक्ष के करीब 75 लोग, जिसमें महिलाएं, बच्चे और पुरूष शामिल हैं. लॉकडाउन के कारण वापस अपने घर नहीं जा पा रहे हैं.

Barati stuck in Ramgarh due to lockdown
रामगढ़ में फंस गए दूल्हा-दुल्हन
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Published : Mar 31, 2020, 11:36 PM IST

रामगढ़: अरगड्डा में सीसीएलकर्मी रहे राजकपुर जगदल्ला की पुत्री मानिका उर्फ मोनी की शादी 22 मार्च को आसनसोल के नीचुपोड़ा निवासी दासु दीप के पुत्र राकेश दीप के साथ होना तय हुआ था. उस दिन कोरोना वायरस को लेकर देश भर में जनता कर्फ्यू लग जाने के कारण शादी नहीं हो पाई. जनता कर्फ्यू के दिन आसनसोल से किसी तरह बारात के रूप में दुल्हा सहित पांच लोग अरगड्डा पहुंचे थे.

देखिए पूरी खबर

अब शादी समारोह में शामिल हुए दुल्हन के करीब 75 रिश्तेदार को चिंता सताने लगी है कि वे लोग कब तक अपने घर वापस लौटेंगे और कितने दिनों तक उन्हें पंचायत सचिवालय टेंट में ही रहना पड़ेगा. रामगढ़ में लॉकडाउन के दौरान किसी तरह शादी तो हो गई, लेकिन शादी के 9 दिनों बाद भी दुल्हन की विदाई नहीं हो सकी है. आसनसोल से आए दूल्हा सहित वधु पक्ष के करीब 75 लोग, जिसमें महिलाएं, बच्चे और पुरूष शामिल हैं. लॉकडाउन के कारण वापस अपने घर नहीं जा पा रहे हैं. सभी को पिछले 9 दिनों से अरगड्डा के पंचायत सचिवालय में ठहराया गया है.

ये भी पढे़ं: मुख्यमंत्री किचन का सीएम हेमंत सोरेन ने किया उद्घाटन, हर जरूरतमंद तक खाना पहुंचाना मकसद

दूल्हा भी अपनी दुल्हन के साथ घर जाने को बेताब है, लेकिन लॉकडाउन के कारण दुल्हन की विदाई संभव नहीं हो पा रही है. दुल्हन के भाई और परिवार के अन्य लोग अतिथि सत्कार में रिश्तेदारों की सेवा में लगे हुए हैं. टेंट लगाकर हर दिन सभी को सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात का खाना खिलाया जा रहा है. हालांकि, मान-सम्मान, आदर-सत्कार मिलने के बाद भी ओडिशा और छत्तीसगढ़ के रिश्तेदारों को परेशानी महसूस हो रही है.

रामगढ़: अरगड्डा में सीसीएलकर्मी रहे राजकपुर जगदल्ला की पुत्री मानिका उर्फ मोनी की शादी 22 मार्च को आसनसोल के नीचुपोड़ा निवासी दासु दीप के पुत्र राकेश दीप के साथ होना तय हुआ था. उस दिन कोरोना वायरस को लेकर देश भर में जनता कर्फ्यू लग जाने के कारण शादी नहीं हो पाई. जनता कर्फ्यू के दिन आसनसोल से किसी तरह बारात के रूप में दुल्हा सहित पांच लोग अरगड्डा पहुंचे थे.

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अब शादी समारोह में शामिल हुए दुल्हन के करीब 75 रिश्तेदार को चिंता सताने लगी है कि वे लोग कब तक अपने घर वापस लौटेंगे और कितने दिनों तक उन्हें पंचायत सचिवालय टेंट में ही रहना पड़ेगा. रामगढ़ में लॉकडाउन के दौरान किसी तरह शादी तो हो गई, लेकिन शादी के 9 दिनों बाद भी दुल्हन की विदाई नहीं हो सकी है. आसनसोल से आए दूल्हा सहित वधु पक्ष के करीब 75 लोग, जिसमें महिलाएं, बच्चे और पुरूष शामिल हैं. लॉकडाउन के कारण वापस अपने घर नहीं जा पा रहे हैं. सभी को पिछले 9 दिनों से अरगड्डा के पंचायत सचिवालय में ठहराया गया है.

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दूल्हा भी अपनी दुल्हन के साथ घर जाने को बेताब है, लेकिन लॉकडाउन के कारण दुल्हन की विदाई संभव नहीं हो पा रही है. दुल्हन के भाई और परिवार के अन्य लोग अतिथि सत्कार में रिश्तेदारों की सेवा में लगे हुए हैं. टेंट लगाकर हर दिन सभी को सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात का खाना खिलाया जा रहा है. हालांकि, मान-सम्मान, आदर-सत्कार मिलने के बाद भी ओडिशा और छत्तीसगढ़ के रिश्तेदारों को परेशानी महसूस हो रही है.

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