रामगढ़ः छावनी परिषद रामगढ़ (Ramgarh Cantonment area) के लोग गंदगी से बेहाल हैं, सभी वार्डों में गंदगी के कारण बरसात के दिनों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है. सफाई के लिए कर्मी तो हैं लेकिन उनके द्वारा नियमित सफाई नहीं करने से जगह-जगह कचरे का ढेर लग गया है, नालियां भी जाम हैं. बारिश होने पर सारा कचरा सड़क पर फैल जाता है जिससे आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता (people upset due to waste) है.
रामगढ़ छावनी परिषद सभी 8 वार्ड में सफाई कार्य के लिए प्रतिमाह लाखों रुपए खर्च करती है. लेकिन सफाई कार्य हो रहा है कि नहीं इसे देखने के लिए सफाई निरीक्षक भी है. इसके बावजूद शहर में गंदगी होने से लोगों में छावनी परिषद के प्रति आक्रोश (dirt in Ramgarh Cantt area) है. चारों और गंदगी का अंबार नजर आता है, नालियां बज बजाती रहती हैं लगता है नहीं कि यह पूरा इलाका का छावनी परिषद क्षेत्र के अंदर आता है. छावनी क्षेत्र 1 से 8 वार्ड में बंटा हुआ है आठों वार्ड में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है. ईटीवी भारत आपको ग्राउंड रिपोर्ट के जरिए वार्ड नंबर 2 और वार्ड नंबर 8 की दिखा रहा है. जहां सड़क पर नालियों का पानी बह रहा है गंदगी पसरी हुई है, डस्टबिन भरा हुआ है और सड़कों पर कचरा फैला हुआ है. एक तो बारिश का मौसम और दूसरा रामगढ़ शहर में फैली गंदगी (Bad condition of cleanliness in Ramgarh) हुई है.
वैसे तो छावनी क्षेत्र का गौरवशाली इतिहास रहा है. रामगढ़ शहर में पंजाब रेजीमेंट सेंटर और सिख रेजीमेंट सेंटर स्थापित है जो छावनी परिषद क्षेत्र में आता है. रामगढ़ छावनी परिषद की स्थापना की गई थी ताकि शहर अनुशासित रहे और चकाचक रहे. लेकिन रामगढ़ छावनी परिषद क्षेत्र में किसी भी तरह का कोई अनुशासन देखने को नहीं मिलता है. छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष अनमोल सिंह (Ramgarh Cantonment Board former Vice President Anmol Singh) ने कहा कि शहर का विस्तार हो गया है लेकिन साफ-सफाई की स्थिति काफी दयनीय है. साफ सफाई पर लाखों रुपए छावनी परिषद द्वारा खर्च किए जाते हैं लेकिन जिस साफ-सफाई की स्थिति है वह कहीं से भी सराहनीय नहीं है.
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन घरों से कचरा निकलता ही है लेकिन कचरे का निष्पादन नहीं होने से क्षेत्र में मच्छर का प्रकोप और बदबू से जीना मुहाल हो जाता है. पिछले साल ही वार्ड सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया है लेकिन इतने बड़े छावनी क्षेत्र में केवल एक नामित सदस्य को रखा गया है, आम लोग अपनी समस्या को लेकर उचित प्लेटफार्म तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. ऑनलाइन शिकायत करने की बात कही जाती है लेकिन अधिकतर लोगों को ऑनलाइन शिकायत करना आता ही नहीं है. पहले समस्या होती थी तो चुने हुए वार्ड सदस्यों को शिकायत करते थे और उसका निराकरण भी जल्द हो जाता था. साथ ही साथ समस्या के समाधान को लेकर छावनी परिषद में दबाव बनाकर काम करा जाता था लेकिन अब वह बात भी नहीं रही.