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आर्मी स्कूल के बच्चे और अधिकारियों ने अंडरग्राउंड माइंस का किया भ्रमण, CCL के अधिकारी रहे साथ - सीसीएल बरका सयाल

रामगढ़ के खुली खदान और अंडरग्राउंड कोयला खदान की खनन प्रक्रिया से आर्मी स्कूल के बच्चे और पंजाब रेजीमेंट सेंटर के अधिकारी रूबरू हुए. सीसीएल बरका सयाल के अधिकारियों ने सभी को खदान की प्रक्रियाओं से अवगत कराया, साथ ही कोयला उत्पादन के तकनीकियों से रूबरू कराया.

Army school children and officials visited open mines and underground mines in ramgarh
छात्रा अंडरग्राउंड माइंस का किया भ्रमण
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Published : Feb 2, 2020, 4:16 PM IST

रामगढ़: खुली खदान और अंडरग्राउंड कोयला खदान की खनन प्रक्रिया से आर्मी स्कूल के बच्चे और पंजाब रेजीमेंट सेंटर के अधिकारी रूबरू हुए. सीसीएल बरका सयाल के अधिकारी गाइड की भूमिका निभाते हुए कोयला खदान की सभी प्रक्रियाओं से पंजाब रेजिमेंट सेंटर के अधिकारियों और आर्मी स्कूल के बच्चों को अवगत कराया.

देखें पूरी खबर

खदान भ्रमण कराकर उन्हें कोयला उत्पादन के तकनीकियों से रूबरू कराया, साथ ही साथ उन्हें बताया गया कि कैसे अंडरग्राउंड माइंस से ब्लैक डायमंड को जमीन के नीचे से निकाला जाता है कैसे खुली खदान में काम किया जाता है.

बच्चों ने भ्रमण के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि वे पहली बार इस तरह अंडरग्राउंड माइंस में पहुंचे हैं, अंदर जाकर अच्छा लग रहा था. अंदर में किसी भी तरह की कोई समस्या हम लोगों को नहीं दिखी. वहां, ऑक्सीजन की दिक्कत नहीं थी.

ये भी देखें-हजारीबाग: कोरोना वायरस को लेकर हाई अलर्ट, स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात बरतने का दिया निर्देश

बड़े-बड़े पंखे से ऑक्सीजन अंदर जा रही थी, लेकिन जितनी कठिन परिस्थितियों में भूमिगत खदानों से कोयला निकाला जाता है, उसे देखकर अच्छा लगा उनकी मेहनत को उन लोगों ने पहली बार खुली आंखों से देखा है. बच्चों ने खदान खनन स्थल का भ्रमण कर कोयला उत्पादन के बारे में जानकारी हासिल की. कोयला उत्खनन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी, साथ ही कोयले से उपयोग होने वाले चीजों के बारे में भी बताया. बच्चों के साथ पंजाब रेजीमेंट सेंटर के ब्रिगेडियर नरेंद्र सिंह चराग खुद भी पहुंचे थे.

Army school children and officials visited open mines and underground mines in ramgarh
आर्मी स्कूल

ये भी देखें- रांची: 'राज्य के सबसे अव्वल स्कूल के परीक्षार्थियों से जाने कैसे पहुंचेंगे टॉप पर'!

उन्होंने भी कहा कि कोयला खदान क्षेत्र का भ्रमण उनके लिए काफी खास है. उनका मानना है कि प्रैक्टिकल काफी कुछ बच्चों में आत्मनिर्भरता लाता है इसलिए बच्चों के साथ वह भी कोयला खदान के बारे में नजदीक से जानने पहुंचे है, यहां आकर उन्हे काफी कुछ देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि सीसीएल के अधिकारियों का काफी सहयोग मिला है. सीसीएल के अधिकारियों ने बच्चों को पूरे सेफ्टी के साथ अंडरग्राउंड माइंस में ले जाकर भ्रमण करवाया. जिससे बच्चे काफी उत्साहित दिखे और कोयला और खदान के बारे में उन्हें बेहतर जानकारी हो सकी है.

रामगढ़: खुली खदान और अंडरग्राउंड कोयला खदान की खनन प्रक्रिया से आर्मी स्कूल के बच्चे और पंजाब रेजीमेंट सेंटर के अधिकारी रूबरू हुए. सीसीएल बरका सयाल के अधिकारी गाइड की भूमिका निभाते हुए कोयला खदान की सभी प्रक्रियाओं से पंजाब रेजिमेंट सेंटर के अधिकारियों और आर्मी स्कूल के बच्चों को अवगत कराया.

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खदान भ्रमण कराकर उन्हें कोयला उत्पादन के तकनीकियों से रूबरू कराया, साथ ही साथ उन्हें बताया गया कि कैसे अंडरग्राउंड माइंस से ब्लैक डायमंड को जमीन के नीचे से निकाला जाता है कैसे खुली खदान में काम किया जाता है.

बच्चों ने भ्रमण के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि वे पहली बार इस तरह अंडरग्राउंड माइंस में पहुंचे हैं, अंदर जाकर अच्छा लग रहा था. अंदर में किसी भी तरह की कोई समस्या हम लोगों को नहीं दिखी. वहां, ऑक्सीजन की दिक्कत नहीं थी.

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बड़े-बड़े पंखे से ऑक्सीजन अंदर जा रही थी, लेकिन जितनी कठिन परिस्थितियों में भूमिगत खदानों से कोयला निकाला जाता है, उसे देखकर अच्छा लगा उनकी मेहनत को उन लोगों ने पहली बार खुली आंखों से देखा है. बच्चों ने खदान खनन स्थल का भ्रमण कर कोयला उत्पादन के बारे में जानकारी हासिल की. कोयला उत्खनन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी, साथ ही कोयले से उपयोग होने वाले चीजों के बारे में भी बताया. बच्चों के साथ पंजाब रेजीमेंट सेंटर के ब्रिगेडियर नरेंद्र सिंह चराग खुद भी पहुंचे थे.

Army school children and officials visited open mines and underground mines in ramgarh
आर्मी स्कूल

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उन्होंने भी कहा कि कोयला खदान क्षेत्र का भ्रमण उनके लिए काफी खास है. उनका मानना है कि प्रैक्टिकल काफी कुछ बच्चों में आत्मनिर्भरता लाता है इसलिए बच्चों के साथ वह भी कोयला खदान के बारे में नजदीक से जानने पहुंचे है, यहां आकर उन्हे काफी कुछ देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि सीसीएल के अधिकारियों का काफी सहयोग मिला है. सीसीएल के अधिकारियों ने बच्चों को पूरे सेफ्टी के साथ अंडरग्राउंड माइंस में ले जाकर भ्रमण करवाया. जिससे बच्चे काफी उत्साहित दिखे और कोयला और खदान के बारे में उन्हें बेहतर जानकारी हो सकी है.

Intro:खुली खदान औरअंडर ग्राउंड कोयला खदान की खनन प्रक्रिया से रूबरू हुए आर्मी स्कूल के बच्चे और पंजाब रेजीमेंट सेंटर के अधिकारी। सीसीएल बरका सयाल के अधिकारी गाइड की भूमिका निभाते हुए कोयला खदान की सभी प्रक्रियाओं से पंजाब रेजिमेंट सेंटर के अधिकारियों व आर्मी स्कूल के बच्चों को अवगत कराया।Body:खदान भ्रमण कराकर उन्हें कोयला उत्पादन के  तकनीकियों से रूबरू कराया। साथ ही साथ उन्हें बताया गया कि कैसे अंडरग्राउंड माइन्स से ब्लैक डायमंड को जमीन के नीचे से निकाला जाता है कैसे खुली खदान में काम किया जाता है।


बच्चों ने भ्रमण  के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि वे पहली बार इस तरह अंडरग्राउंड माइन्स में पहुंचे हैं अंदर जाकर अच्छा लग रहा था अंदर में किसी भी तरह की कोई समस्या हम लोगों को  नहीं लिखें वहां  काफी हवादार का ऑक्सीजन के दिक्कत नहीं थी  बड़े बड़े पंखे से ऑक्सीजन अंदर जा रही थी लेकिन जितनी कठिन परिस्थितियों में भूमिगत खदानों से कोयला निकाला जाता है उसे देखकर अच्छा लगा उनकी मेहनत को हम लोगों ने पहली बार खुली आंखों से देखा है काफी कठिन मेहनत है यहां आकर बहुत अच्छा लगा हम लोगों के लिए यह एक नया एडवेंचरस एक्सपीरियंस है
बाइट साक्षी
बाइट आंचल दोनों छात्रा



बच्चों ने खदान खनन स्थल का भ्रमण कर कोयला उत्पादन के बारे में जानकारी हासिल की।  कोयला उत्खनन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। साथ ही कोयले से उपयोग होने वाले चीजों के बारे में भी बताया।



बच्चों के साथ पंजाब रेजीमेंट सेंटर के ब्रिगेडियर नरेंद्र सिंह चराग खुद  भी पहुंचे थे उन्होंने भी कहा की पंजाब रेजीमेंट सेंटर का मै कमांडेंट हूं मैंने पहली बार कोयला खदान क्षेत्र का भ्रमण किया हूं, जो मेरे लिए काफी खास है। मेरा मानना है कि प्रैक्टिकल काफी कुछ बच्चों में आत्मनिर्भरता लाता है इसलिए बच्चों के साथ मैं भी कोयला खदान के बारे में नजदीक से जानने आया हूं यहां आकर काफी कुछ देखने को मिला है सीसीएल के अधिकारियों का काफी सहयोग मिला है यहा के नजारा एवं कोयला खनन को देखकर काफी खुशी हो रही है। अभी भी झारखंड में कोयले का भंडार पड़ा है। कोयले को ब्लैक डायमंड के नाम से जाना जाता है।
बाईट --सेंटर कमांडेंट ब्रिगेडियर नरेंद्र सिंह चराग 
Conclusion:सीसीएल के अधिकारियों ने बच्चों को पूरे सेफ्टी के साथ अंडरग्राउंड माइन्स मिले जाकर बच्चों को भ्रमण करवाया जिससे बच्चे काफी उत्साहित है और कोयला और खदान के बारे में उन्हें बेहतर जानकारी हो सकी है यदि इसी सोच के साथ सभी स्कूलों सभी अधिकारियों प्रैक्टिकल रूप से बच्चों को बौद्धिक ज्ञान देंगे तो आने वाले समय में बच्चे जो कल के भविष्य हैं और भी बेहतर उनका भविष्य हो सकता है
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