रामगढ़: खुली खदान और अंडरग्राउंड कोयला खदान की खनन प्रक्रिया से आर्मी स्कूल के बच्चे और पंजाब रेजीमेंट सेंटर के अधिकारी रूबरू हुए. सीसीएल बरका सयाल के अधिकारी गाइड की भूमिका निभाते हुए कोयला खदान की सभी प्रक्रियाओं से पंजाब रेजिमेंट सेंटर के अधिकारियों और आर्मी स्कूल के बच्चों को अवगत कराया.
खदान भ्रमण कराकर उन्हें कोयला उत्पादन के तकनीकियों से रूबरू कराया, साथ ही साथ उन्हें बताया गया कि कैसे अंडरग्राउंड माइंस से ब्लैक डायमंड को जमीन के नीचे से निकाला जाता है कैसे खुली खदान में काम किया जाता है.
बच्चों ने भ्रमण के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि वे पहली बार इस तरह अंडरग्राउंड माइंस में पहुंचे हैं, अंदर जाकर अच्छा लग रहा था. अंदर में किसी भी तरह की कोई समस्या हम लोगों को नहीं दिखी. वहां, ऑक्सीजन की दिक्कत नहीं थी.
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बड़े-बड़े पंखे से ऑक्सीजन अंदर जा रही थी, लेकिन जितनी कठिन परिस्थितियों में भूमिगत खदानों से कोयला निकाला जाता है, उसे देखकर अच्छा लगा उनकी मेहनत को उन लोगों ने पहली बार खुली आंखों से देखा है. बच्चों ने खदान खनन स्थल का भ्रमण कर कोयला उत्पादन के बारे में जानकारी हासिल की. कोयला उत्खनन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी, साथ ही कोयले से उपयोग होने वाले चीजों के बारे में भी बताया. बच्चों के साथ पंजाब रेजीमेंट सेंटर के ब्रिगेडियर नरेंद्र सिंह चराग खुद भी पहुंचे थे.
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उन्होंने भी कहा कि कोयला खदान क्षेत्र का भ्रमण उनके लिए काफी खास है. उनका मानना है कि प्रैक्टिकल काफी कुछ बच्चों में आत्मनिर्भरता लाता है इसलिए बच्चों के साथ वह भी कोयला खदान के बारे में नजदीक से जानने पहुंचे है, यहां आकर उन्हे काफी कुछ देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि सीसीएल के अधिकारियों का काफी सहयोग मिला है. सीसीएल के अधिकारियों ने बच्चों को पूरे सेफ्टी के साथ अंडरग्राउंड माइंस में ले जाकर भ्रमण करवाया. जिससे बच्चे काफी उत्साहित दिखे और कोयला और खदान के बारे में उन्हें बेहतर जानकारी हो सकी है.