पलामू: पूरा जिला भीषण सुखाड़ की चपेट में है. ऐसे में यहां के लोग पलामू को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग लगातार कर रहे हैं. पलामू जिला परिषद भी इसे लेकर प्रयास कर रहा है. पलामू को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने के लिए जिला परिषद एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही राज्य सरकार को भेजा जाएगा.
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बता दें कि पलामू को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने के लिए हाल में ही जिला परिषद को बोर्ड की बैठक हुई. जिसमें पलामू में बारिश के हालात की समीक्षा की गई. जिला परिषद बोर्ड की बैठक में यह तय किया गया है कि हालात को देखते हुए वैकल्पिक खेती के बारे में भी कृषि विभाग योजना तैयार करे.
पलामू के जिला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह उर्फ टूटू सिंह ने बताया कि जिला परिषद प्रस्ताव तैयार कर सचिव के माध्यम से सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने के लिए सरकार को भेजेगी. उन्होंने कहा कि पलामू में सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए विशेष राहत पैकेज को भी मांग की जाएगी.
लक्ष्य से 70 फीसदी कम हुई धान की रोपनी: दरअसल, पलामू में सुखाड़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं. जिले में धान की रोपनी लक्ष्य से 90 प्रतिशत से भी पीछे चल रही है. पलामू में 51 हजार हेक्टेयर जमीन पर धान की रोपनी क लक्ष्य रखा गया था. लेकिन दो हजार हेक्टेयर से भी कम जमीन पर धान की रोपनी हुई है. अन्य खरीफ फसल भी लक्ष्य से करीब 60 प्रतिशत के करीब पीछे चल रही हैं.
2022 में भी पलामू का इलाका संपूर्ण सुखाड़ क्षेत्र घोषित हुआ था. 2023 में भी हालात ऐसे ही बने हुए हैं. पलामू में मानसून की बारिश औसत से 80 प्रतिशत से भी कम हुई है. सुखाड़ के हालात को लेकर पलामू जिला प्रशासन कई स्तरों पर समीक्षा कर रही है. प्रशासन पूरी स्थिति पर भी नजर बनाए हुए है. जानकारी के लिए बता दें कि पलामू के इलाके में 80 प्रतिशत से अधिक खेती सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर निर्भर है.